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नीरव मोदी के पक्ष में बोलने पर जस्टिस काटजू के खिलाफ याचिका - पूर्व जज मार्कंडेय काटजू

पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में देश छोड़कर भागे हीरा व्यापारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की एक अदालत में सुनवाई चल रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने मोदी के पक्ष में गवाही दी थी. काटजू के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें काटजू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है.

पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू
पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू
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Published : Sep 17, 2020, 3:28 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:33 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेसी कोर्ट के समक्ष भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में नीरव की ओर से गवाही देते हुए भारतीय न्यायपालिका की अखंडता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. इसके चलते शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर कर काटजू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है.

नंद किशोर गर्ग ने अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से यह जनहित याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है, 'भारतीय न्यायपालिका को इस मुद्दे को लापरवाही से नहीं लेना चाहिए क्योंकि इस तरह के अपमानजनक बयान ने पूरी न्यायपालिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरों में संदेहजनक बना दिया है. नियमित तौर पर ऐसे झूठे आरोपों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से कार्रवाई कर भारतीय न्यायपालिका के गौरव को भुनाने का यह सटीक समय है.'

इसमें तर्क दिया गया कि काटजू के दिए गए बयान बेहद अपमानजनक हैं और इससे भारत की संपूर्ण न्याय प्रणाली की मानहानि होती है.

यह भी पढ़ें- बाबरी विध्वंस केस पर उमा भारती ने कहा, कोर्ट का हर फैसला मंजूर

याचिका के मुताबिक, काटजू ने आरोप लगाया था कि भारत में न्यायपालिका का 50 प्रतिशत हिस्सा भ्रष्ट है, ऐसे में पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को देश में निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेसी कोर्ट के समक्ष भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में नीरव की ओर से गवाही देते हुए भारतीय न्यायपालिका की अखंडता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. इसके चलते शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर कर काटजू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है.

नंद किशोर गर्ग ने अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से यह जनहित याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है, 'भारतीय न्यायपालिका को इस मुद्दे को लापरवाही से नहीं लेना चाहिए क्योंकि इस तरह के अपमानजनक बयान ने पूरी न्यायपालिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरों में संदेहजनक बना दिया है. नियमित तौर पर ऐसे झूठे आरोपों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से कार्रवाई कर भारतीय न्यायपालिका के गौरव को भुनाने का यह सटीक समय है.'

इसमें तर्क दिया गया कि काटजू के दिए गए बयान बेहद अपमानजनक हैं और इससे भारत की संपूर्ण न्याय प्रणाली की मानहानि होती है.

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याचिका के मुताबिक, काटजू ने आरोप लगाया था कि भारत में न्यायपालिका का 50 प्रतिशत हिस्सा भ्रष्ट है, ऐसे में पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को देश में निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:33 PM IST
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