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राकेश पांडे एनकांउटर : सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे के एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की मांग के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है. बता दें कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड का आरोपी कुख्यात इनामी बदमाश हनुमान पांडे उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के साथ आज मुठभेड़ में मारा गिराया था.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Aug 9, 2020, 9:55 PM IST

Updated : Aug 9, 2020, 10:46 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे के एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की मांग के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दायर की है. याचिका में तिवारी ने उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है, जिन्होंने यह एनकांउटर किया है. इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है.

विशाल तिवारी का बयान.

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन करने का मांग की है. तिवारी ने याचिका में कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस डेयर डेविल्स बनने की कोशिश कर रही है. इससे न्यायपालिका की सर्वोच्चता और कानून खतरे में है.

पुलिस की आलोचना करते हुए, विशाल तिवारी ने कहा कि विकास दुबे की हत्या की जांच अभी शुरू हुई थी. इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक और एनकांउटर कर दिया.

विशाल तिवारी ने कहा कि अदालत ने विकास दुबे मामले की सुनवाई के दौरान असहमति व्यक्त की थी और इस तरह की घटनाओं के फिर से होने की चेतावनी दी थी और फिर भी यूपी पुलिस ने सभी चेतावनी को दरकिनार करते हुए इस घटना को अंजाम दिया है.

ब्रह्मदत्त पाण्डेय का बयान.

राकेश के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसके पिता ब्रह्मदत्त पाण्डेय ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने घर से ले जाकर बेटे को मार डाला है.

उन्होंने बताया कि हनुमान को पुलिस लखनऊ स्थित आवास से शनिवार की रात तीन बजे उठाकर ले गई और एनकाउंटर कर दिया. उनका बेटा अपनी मां का लखनऊ में इलाज करवा रहा था. वह अपनी मां को लेकर आता-जाता था. उस पर एक लाख का इनाम कब घोषित हुआ, ये नहीं पता. ज्यादातर केस से वह बरी हो गया था और जेल से बाहर था.

राकेश पांडे के पिता ब्रह्मदत्त पाण्डेय ने कहा, 'मेरे बेटे को एसटीएफ की टीम ने घर से रात तीन बजे उठाया था. वह एक महीने से अपनी मां का इलाज करवा रहा था.'

पिता की मानें तो राकेश सारे मुकदमों में बरी हो गया था, सिर्फ दो मुकदमे ही बचे हैं. उसे राजनीतिक षड्यंत्र में फंसाया गया है.

बता दें कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड का आरोपी कुख्यात इनामी बदमाश हनुमान पांडे उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के साथ रविवार को मुठभेड़ में मारा गिराया था. कथित माफिया सरगना मुख्तार अंसारी का करीबी माना जाने वाला हनुमान पांडे उर्फ राकेश पांडे लखनऊ के सरोजनी नगर इलाके में रविवार सुबह हुई मुठभेड़ में मारा गया, जबकि उसके साथी भागने में कामयाब रहे.

पांडे वर्ष 2005 में गाजीपुर जिले के भांवर कोल इलाके में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में आरोपी था. वह बागपत जेल में मारे गए कुख्यात सरगना मुन्ना बजरंगी का भी करीबी बताया जाता था.

एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि मुखबिर ने सूचना दी थी कि कुख्यात शूटर हनुमान पांडे और उसके गिरोह के सदस्य किसी घटना को अंजाम देने के लिए इकट्ठा होने जा रहे हैं. इस पर एसटीएफ की मुख्यालय और फील्ड इकाई वाराणसी की टीम गुडंबा इलाके में पहुंची तो पता लगा कि पांडे अपने साथियों के साथ कानपुर रोड की तरफ जा रहा है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर राकेश पांडे उर्फ हनुमान पांडे के एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की मांग के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दायर की है. याचिका में तिवारी ने उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है, जिन्होंने यह एनकांउटर किया है. इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है.

विशाल तिवारी का बयान.

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन करने का मांग की है. तिवारी ने याचिका में कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस डेयर डेविल्स बनने की कोशिश कर रही है. इससे न्यायपालिका की सर्वोच्चता और कानून खतरे में है.

पुलिस की आलोचना करते हुए, विशाल तिवारी ने कहा कि विकास दुबे की हत्या की जांच अभी शुरू हुई थी. इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक और एनकांउटर कर दिया.

विशाल तिवारी ने कहा कि अदालत ने विकास दुबे मामले की सुनवाई के दौरान असहमति व्यक्त की थी और इस तरह की घटनाओं के फिर से होने की चेतावनी दी थी और फिर भी यूपी पुलिस ने सभी चेतावनी को दरकिनार करते हुए इस घटना को अंजाम दिया है.

ब्रह्मदत्त पाण्डेय का बयान.

राकेश के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसके पिता ब्रह्मदत्त पाण्डेय ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने घर से ले जाकर बेटे को मार डाला है.

उन्होंने बताया कि हनुमान को पुलिस लखनऊ स्थित आवास से शनिवार की रात तीन बजे उठाकर ले गई और एनकाउंटर कर दिया. उनका बेटा अपनी मां का लखनऊ में इलाज करवा रहा था. वह अपनी मां को लेकर आता-जाता था. उस पर एक लाख का इनाम कब घोषित हुआ, ये नहीं पता. ज्यादातर केस से वह बरी हो गया था और जेल से बाहर था.

राकेश पांडे के पिता ब्रह्मदत्त पाण्डेय ने कहा, 'मेरे बेटे को एसटीएफ की टीम ने घर से रात तीन बजे उठाया था. वह एक महीने से अपनी मां का इलाज करवा रहा था.'

पिता की मानें तो राकेश सारे मुकदमों में बरी हो गया था, सिर्फ दो मुकदमे ही बचे हैं. उसे राजनीतिक षड्यंत्र में फंसाया गया है.

बता दें कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड का आरोपी कुख्यात इनामी बदमाश हनुमान पांडे उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के साथ रविवार को मुठभेड़ में मारा गिराया था. कथित माफिया सरगना मुख्तार अंसारी का करीबी माना जाने वाला हनुमान पांडे उर्फ राकेश पांडे लखनऊ के सरोजनी नगर इलाके में रविवार सुबह हुई मुठभेड़ में मारा गया, जबकि उसके साथी भागने में कामयाब रहे.

पांडे वर्ष 2005 में गाजीपुर जिले के भांवर कोल इलाके में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में आरोपी था. वह बागपत जेल में मारे गए कुख्यात सरगना मुन्ना बजरंगी का भी करीबी बताया जाता था.

एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि मुखबिर ने सूचना दी थी कि कुख्यात शूटर हनुमान पांडे और उसके गिरोह के सदस्य किसी घटना को अंजाम देने के लिए इकट्ठा होने जा रहे हैं. इस पर एसटीएफ की मुख्यालय और फील्ड इकाई वाराणसी की टीम गुडंबा इलाके में पहुंची तो पता लगा कि पांडे अपने साथियों के साथ कानपुर रोड की तरफ जा रहा है.

Last Updated : Aug 9, 2020, 10:46 PM IST
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