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लॉकडाउन के दौरान किराया नहीं लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर - उच्चतम न्यायालय में किराया के लिए याचिका दायर

उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर उन मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है, जो लॉकडाउन के दौरान सरकार के आदेश के विपरीत छात्रों और कामगारों पर किराया देने का दबाव बना रहे हैं.

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Published : Apr 20, 2020, 12:33 AM IST

Updated : Apr 20, 2020, 9:35 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर उन मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है, जो लॉकडाउन के दौरान सरकार के आदेश के विपरीत छात्रों और कामगारों पर किराया देने का दबाव बना रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को एक आदेश जारी कर कहा था कि मकान मालिक लॉकडाउन के दौरान एक महीने तक छात्रों, कामगारों और प्रवासी मजदूरों से किराया न मांगें.

मंत्रालय ने एक बयान में चेतावनी दी थी कि जो मकान मालिक इस दौरान मकान खाली करने का दबाव बनाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी आदेश में कहा गया था कि नियोक्ता अपने कर्मचारियों को देय तिथियों में बिना किसी कटौती के वेतन का भुगतान करेंगे.

अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक और अन्य द्वारा दायर याचिका में गृह मंत्रालय के 29 मार्च के आदेश के क्रियान्वयन का आग्रह किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी मकान मालिक कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान एक महीने तक छात्रों और मजदूरों से किराया नहीं मांगेगा और उल्लंघन करने वालों को दंड दिया जाएगा.

जनहित याचिका में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के आदेश के बावजूद अनेक मकान मालिक छात्रों और मजदूरों से पूरा किराया देने को कह रहे हैं और ऐसा न करने पर मकान से निकालने की धमकी दे रहे हैं.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर उन मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है, जो लॉकडाउन के दौरान सरकार के आदेश के विपरीत छात्रों और कामगारों पर किराया देने का दबाव बना रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को एक आदेश जारी कर कहा था कि मकान मालिक लॉकडाउन के दौरान एक महीने तक छात्रों, कामगारों और प्रवासी मजदूरों से किराया न मांगें.

मंत्रालय ने एक बयान में चेतावनी दी थी कि जो मकान मालिक इस दौरान मकान खाली करने का दबाव बनाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी आदेश में कहा गया था कि नियोक्ता अपने कर्मचारियों को देय तिथियों में बिना किसी कटौती के वेतन का भुगतान करेंगे.

अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक और अन्य द्वारा दायर याचिका में गृह मंत्रालय के 29 मार्च के आदेश के क्रियान्वयन का आग्रह किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी मकान मालिक कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान एक महीने तक छात्रों और मजदूरों से किराया नहीं मांगेगा और उल्लंघन करने वालों को दंड दिया जाएगा.

जनहित याचिका में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के आदेश के बावजूद अनेक मकान मालिक छात्रों और मजदूरों से पूरा किराया देने को कह रहे हैं और ऐसा न करने पर मकान से निकालने की धमकी दे रहे हैं.

Last Updated : Apr 20, 2020, 9:35 AM IST
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