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कोरोना वैक्सीन : शुरू हुआ 'कोविशील्ड' के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण

पुणे के ससून जनरल अस्पताल में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण शुरू हो गया है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा उत्पादित यह टीका परीक्षण के दौरान 150 से 200 स्वयंसेवकों को लगाया जाएगा.

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कोविड वैक्सीन 'कोविशील्ड'
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Published : Sep 21, 2020, 10:05 PM IST

Updated : Sep 21, 2020, 10:12 PM IST

पुणे (महाराष्ट्र) : ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा उत्पादित कोविड-19 के संभावित टीके का मानव पर तीसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू हो गया है. पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल में सोमवार को 'कोविशील्ड' टीके का क्लीनिकल परीक्षण शुरू हुआ.

ससून जनरल अस्पताल के डीन डॉ. मुरलीधर तांबे ने बताया, 'हमने संभावित टीके (कोविशील्ड) के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू किया है. हम 150 से 200 स्वयंसेवकों को टीका लगाएंगे.'

दूसरे चरण के तहत इस टीके का परीक्षण भारती विद्यापीठ चिकित्सा महाविद्यालय और केईएम अस्पताल में किया गया था.

गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित इस टीके का उत्पादन एसआईआई और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका संयुक्त रूप से कर रही हैं. इस महीने के शुरू में एसआईआई ने पूरे देश में टीके का परीक्षण रोक दिया था.

यह भी पढ़ें- कोरोना को हराने में भारत दुनिया में सबसे आगे, 80% राष्ट्रीय रिकवरी

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 11 सितंबर को अगले आदेश तक एसआईआई द्वारा टीके के दूसरे और तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण को अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया था. यह कदम एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा एक स्वयंसेवी के अज्ञात कारणों से बीमार होने के बाद परीक्षण स्थगित करने के बाद उठाया गया था.

हालांकि डीसीजीआई ने 15 सितंबर को टीके का चिकित्सकीय परीक्षण दोबारा शुरू करने की अनुमति एसआईआई को दे दी थी.

पुणे (महाराष्ट्र) : ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा उत्पादित कोविड-19 के संभावित टीके का मानव पर तीसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू हो गया है. पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल में सोमवार को 'कोविशील्ड' टीके का क्लीनिकल परीक्षण शुरू हुआ.

ससून जनरल अस्पताल के डीन डॉ. मुरलीधर तांबे ने बताया, 'हमने संभावित टीके (कोविशील्ड) के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू किया है. हम 150 से 200 स्वयंसेवकों को टीका लगाएंगे.'

दूसरे चरण के तहत इस टीके का परीक्षण भारती विद्यापीठ चिकित्सा महाविद्यालय और केईएम अस्पताल में किया गया था.

गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित इस टीके का उत्पादन एसआईआई और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका संयुक्त रूप से कर रही हैं. इस महीने के शुरू में एसआईआई ने पूरे देश में टीके का परीक्षण रोक दिया था.

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भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 11 सितंबर को अगले आदेश तक एसआईआई द्वारा टीके के दूसरे और तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण को अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया था. यह कदम एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा एक स्वयंसेवी के अज्ञात कारणों से बीमार होने के बाद परीक्षण स्थगित करने के बाद उठाया गया था.

हालांकि डीसीजीआई ने 15 सितंबर को टीके का चिकित्सकीय परीक्षण दोबारा शुरू करने की अनुमति एसआईआई को दे दी थी.

Last Updated : Sep 21, 2020, 10:12 PM IST
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