नई दिल्ली : देश में आज से उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 लागू कर दिया गया है. इस कानून के लागू होने से देश की आम जनता के साथ धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने इसकी जानकारी दी.
रामविलास पासवान ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण कानून में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, मध्यस्थता, उत्पादों के लिए तय जिम्मेदारी और मिलावटी या खतरनाक उत्पाद बनाने और बेचने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान, उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षा और अधिकार प्रदान करता है.
रामविलास पासवान ने कहा कि देश में उपभोक्ता अदालतों में भारी संख्या में उपभोक्ताओं की शिकायतें लंबित हैं. उन सब को तेजी से हल करने के लिए इस अधिनियम का गठन किया गया है.
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण बहुत जल्द काम शुरू कर देगा. यह अनुचित व्यापारिक गतिविधियों पर रोक लगाने हेतु सामूहिक कार्रवाई और नियमों को लागू कर उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षा देगा.
बता दें 1986 में देश में पहला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 पारित किया गया था. वर्ष 1993, 2002, 2019 में इसमें संसोधन कर इसे और प्रभावी बनाया गया.
गौरतलब है कि पहले के कानून में जनहित याचिका उपभोक्ता फोरम में फाइल करने का प्रावधान नहीं था, लेकिन इस कानून में संशोधन के बाद अब उपभोक्ता जनहित याचिका दायर कर सकेगा.
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उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 में पहली बार ऑनलाइन व टेलीशॉपिंग कंपनियों को शामिल किया गया है. किसी उत्पाद के संबंध में भ्रामक विज्ञापन देने पर भी कर कार्रवाई का प्रावधान है. नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में विवादों के जल्द निपटारे के लिए ही केन्द्र उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का प्रावधान है.
इस कानून को जनवरी 2020 में लागू करना था, लेकिन किसी कारण लागू नहीं हो पाया था. इसके बाद मार्च से लागू करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण लागू नहीं हो सका. आज से इसको पूरे देश भर में लागू कर दिया गया है.
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बता दें उपभोक्ता फोरम में एक करोड़ रुपये तक के केस, राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में एक करोड़ से ऊपर की राशि की सुनवाई होगी. यदि सिनेमा हॉल में खाने पीने की वस्तुओं पर ज्यादा पैसे लेने की कोई शिकायत करता है तो कार्रवाई होगी. कैरी बैग पर कोई पैसा वसूलता है तो उस पर भी कार्रवाई होगी.