नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेन्शियल ऐक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा है. उसे दुनिया के दूसरे संगठनों से आर्थिक मदद मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. पहले से ही पाकिस्तान का नाम ग्रे लिस्ट में शामिल है. पाक उम्मीद कर रहा था कि उनका नाम ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा.
एफएटीएफ की यह कार्रवाई पाकिस्तान के लिए झटके जैसा है. दिखावे के लिए पाकिस्तान ने एक दिन पहले हाफिज सईद के संगठन पर प्रतिबंध भी लगाया, लेकिन यह पैंतरा भी काम नहीं आया. इमरान खान ने हाफिज सईद के संगंठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत को बैन कर दिया था.
एफएटीएफ संस्था का कहना है कि पाकिस्तान अपनी आतंकी गतिविधियों में बदलाव नहीं करता है, तो आगामी अक्टूबर के बाद भी पाक को इसी लिस्ट में बरकरार रखा जाएगा.
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पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाक को इस लिस्ट से न हटाने की अपील की थी. भारत ने पाक को ब्लैकलिस्ट में डालने की मांग की है.
क्या है फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स
यह 1989 में बनी पैरिस की एक अंतर सरकारी संस्था है, जिसे गैर कानूनी रूप से आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाने के लिए बनाया गया है. संस्था का कहना है कि अगर पाक ने अक्टूबर तक 27 मांगों को पूरा नहीं किया तो पाक को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.