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कुलभूषण जाधव मामले में पाक का पाखंडी रवैया उजागर : विदेश मंत्रालय

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Published : Jul 23, 2020, 8:17 PM IST

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में समाधान के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले में पाकिस्तान की कार्रवाई ने उसके पाखंडी रवैये को उजागर कर दिया है.

कुलभूषण जाधव मामले में विदेश मंत्रालय
कुलभूषण जाधव मामले में विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान की कार्रवाई ने उसके पाखंडी रवैये को उजागर कर दिया है. इससे पहले बुधवार को खबर सामने आई थी कि पाकिस्तान ने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के लिए अदालत में अर्जी दी है.

बुधवार को आई मीडिया रिपोर्ट्स में पाकिस्तान सरकार द्वारा एकतरफा कार्रवाई करने की बात सामने आई थी. पाक ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक अर्जी देकर जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के लिए 'कानूनी प्रतिनिधि' (वकील) की नियुक्ति करने की मांग की है.

पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक संघीय अध्यादेश के तहत इस मामले में अर्जी देने से पहले पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्रालय ने भारत सरकार सहित मुख्य पक्षों से विचार नहीं किया.

जिओ न्यूज सहित पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने अपनी अर्जी में अदालत से अनुरोध किया है कि वह जाधव के लिए एक वकील की नियुक्ति कर दे ताकि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय अदालत के फैसले को लागू करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी कर सके.

भारतीय नौसेना के सेवा-निवृत 50 वर्षीय अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के जुर्म में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनायी थी। भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले गया और वहां जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दिए जाने और मौत की सजा को चुनौती दी थी.

नीदरलैंड के हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई 2019 में अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान जाधव को दोषी करार दिए जाने और उसकी सजा पर प्रभावी तरीके से विचार करे और बिना किसी देरी के भारत को राजनयिक पहुंच दे.

पाकिस्तान ने इस संदर्भ में 20 मई को एक अध्यादेश पारित किया जिसके तहत, अध्यादेश आने से 60 दिन के भीतर सैन्य अदालत के फैसले को एक आवेदन देकर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है.

पाकिस्तान सरकार का दावा है कि जाधव ने अपने फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने से इंकार कर दिया है.

नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान की कार्रवाई ने उसके पाखंडी रवैये को उजागर कर दिया है. इससे पहले बुधवार को खबर सामने आई थी कि पाकिस्तान ने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के लिए अदालत में अर्जी दी है.

बुधवार को आई मीडिया रिपोर्ट्स में पाकिस्तान सरकार द्वारा एकतरफा कार्रवाई करने की बात सामने आई थी. पाक ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक अर्जी देकर जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के लिए 'कानूनी प्रतिनिधि' (वकील) की नियुक्ति करने की मांग की है.

पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक संघीय अध्यादेश के तहत इस मामले में अर्जी देने से पहले पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्रालय ने भारत सरकार सहित मुख्य पक्षों से विचार नहीं किया.

जिओ न्यूज सहित पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने अपनी अर्जी में अदालत से अनुरोध किया है कि वह जाधव के लिए एक वकील की नियुक्ति कर दे ताकि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय अदालत के फैसले को लागू करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी कर सके.

भारतीय नौसेना के सेवा-निवृत 50 वर्षीय अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के जुर्म में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनायी थी। भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले गया और वहां जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दिए जाने और मौत की सजा को चुनौती दी थी.

नीदरलैंड के हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई 2019 में अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान जाधव को दोषी करार दिए जाने और उसकी सजा पर प्रभावी तरीके से विचार करे और बिना किसी देरी के भारत को राजनयिक पहुंच दे.

पाकिस्तान ने इस संदर्भ में 20 मई को एक अध्यादेश पारित किया जिसके तहत, अध्यादेश आने से 60 दिन के भीतर सैन्य अदालत के फैसले को एक आवेदन देकर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है.

पाकिस्तान सरकार का दावा है कि जाधव ने अपने फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने से इंकार कर दिया है.

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