नई दिल्ली:भारत-पाकिस्तान ने रविवार को डेरा बाबा नानक के संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए करतारपुर गलियारे की शून्य रेखा पर एक पुल निर्माण को लेकर बातचीत की थी.
भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया, 'भारत ने गुरु नानक की 550वीं जयंती के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए अंतरिम व्यवस्था करने का प्रस्ताव पेश किया, ताकि नवंबर 2019 तक गलियारे का काम पूरा हो सके.'
बता दें, करतारपुर गलियारे तक पहुंचने के लिए भारत अपने हिस्से में पहले से ही पुल निर्माण का कार्य कर रहा है. तीर्थयात्रियों के सुरक्षित आवागमन के लिए और डेरा बाबा नानक के पास बाढ़ से निपटने के लिए भारत ने पाक से आग्रह किया है कि वह भी अपनी तरफ वैसे ही पुल का निर्माण करे.
वार्ता के दौरान भारत ने पाकिस्तान में बसे ऐसे संगठनों को लेकर चिंता जाहिर की है जो इस मौके का फायदा उठाकर तीर्थयात्रा को बाधित और तीर्थयात्रियों की भावनाओं को आहत कर सकते हैं. इसी संदर्भ में भारत ने पाक को एक डॉजियर भी सौंपा है.
'भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में वाणिज्य दूत की उपस्थिति की मांग की है, ताकि जरूरत पड़ने पर वह तीर्थयात्रियों की मदद कर सके.'
आपको बता दें कि इस परियोजना की समिति पर इस्लामाबाद द्वारा एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की नियुक्ति पर भारत पहले ही चिंता जाहिर कर चुका है, जिस पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि गोपाल सिंह चावला (खालिस्तानी अलगाववादी) को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (PSGPC) के महासचिव के पद सहित विभिन्न निकायों से हटा दिया गया है.
साथ ही पाकिस्तान ने भारत को ये भी आश्वासन दिया है कि यहां किसी भी भारत विरोधी गतिविधी को अनुमती नहीं दी जाएगी.
जानकारी के लिये बता दें कि, भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ लगता करतारपुर मार्ग पंजाब (भारत) के गुरदासपुर से तीन किलोमीटर दूर है. गलियारा खुलने के बाद यह सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सीधे पहुंचाएगा. बता दें, यहां गुरु नानक देव का साल 1539 में निधन हो गया था.
आज की बैठक में मार्च, अप्रैल और मई 2019 में आयोजित तकनीकी बैठक की प्रगति पर भी समीक्षा की गई. दोनों पक्षों ने क्रॉसिंग पॉइंट या 'शून्य बिंदु' निर्देशांक का समर्थन किया. बैठक में भारतीय नागरिक जिनके पासपोर्ट हैं और OCI कार्ड धारकों को हफ्ते में सात दिन बिना वीजा के यात्रा करने की अनुमति देने पर सहमती जताई है.
हर रोज 5000 तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब गुरुद्वरा जाने की अनुमती दी जाएगी. तीर्थयात्री पैदल चलकर समूह में या अकेले गुरुद्वरे तक जा सकते हैं.
भारत ने बताया कि भारतीय छोर पर पैसेंजर टर्मिनल सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो एक दिन में 15,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को संभालने में सक्षम है. मंत्रालय ने बताया कि इसे 31 अक्टूबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर क्रॉसिंग बिंदु तक ले जाने वाले चार-लेन राजमार्ग का काम संतोषजनक रूप से प्रगति पर है. यह सितंबर 2019 के अंत तक पूरा हो जाएगा. दोनों देशों की तकनीकी टीमें एक बार फिर से मिलेंगी, ताकि करतारपुर गलियारे के लिए नवंबर 2019 तक सकुशल तीर्थयात्रा शुरू की जा सके.