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करतारपुर कॉरिडोर : वार्ता के दौरान पाकिस्तान ने मानी भारत की अहम मांगें

भारत-पाकिस्तान के बीच हुई करतारपुर गलियारे पर बातचीत के बाद पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर की शून्य रेखा पर पुल निर्माण की भारत की मांग पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है. जानें पूरा विवरण

भारत-PAK के बीच हुई करतारपुर गलियारे पर बातचीत
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Published : Jul 14, 2019, 10:57 PM IST

नई दिल्ली:भारत-पाकिस्तान ने रविवार को डेरा बाबा नानक के संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए करतारपुर गलियारे की शून्य रेखा पर एक पुल निर्माण को लेकर बातचीत की थी.

भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया, 'भारत ने गुरु नानक की 550वीं जयंती के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए अंतरिम व्यवस्था करने का प्रस्ताव पेश किया, ताकि नवंबर 2019 तक गलियारे का काम पूरा हो सके.'

बता दें, करतारपुर गलियारे तक पहुंचने के लिए भारत अपने हिस्से में पहले से ही पुल निर्माण का कार्य कर रहा है. तीर्थयात्रियों के सुरक्षित आवागमन के लिए और डेरा बाबा नानक के पास बाढ़ से निपटने के लिए भारत ने पाक से आग्रह किया है कि वह भी अपनी तरफ वैसे ही पुल का निर्माण करे.

भारत-PAK के बीच हुई करतारपुर गलियारे पर बातचीत

वार्ता के दौरान भारत ने पाकिस्तान में बसे ऐसे संगठनों को लेकर चिंता जाहिर की है जो इस मौके का फायदा उठाकर तीर्थयात्रा को बाधित और तीर्थयात्रियों की भावनाओं को आहत कर सकते हैं. इसी संदर्भ में भारत ने पाक को एक डॉजियर भी सौंपा है.

'भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में वाणिज्य दूत की उपस्थिति की मांग की है, ताकि जरूरत पड़ने पर वह तीर्थयात्रियों की मदद कर सके.'

आपको बता दें कि इस परियोजना की समिति पर इस्लामाबाद द्वारा एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की नियुक्ति पर भारत पहले ही चिंता जाहिर कर चुका है, जिस पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि गोपाल सिंह चावला (खालिस्तानी अलगाववादी) को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (PSGPC) के महासचिव के पद सहित विभिन्न निकायों से हटा दिया गया है.

साथ ही पाकिस्तान ने भारत को ये भी आश्वासन दिया है कि यहां किसी भी भारत विरोधी गतिविधी को अनुमती नहीं दी जाएगी.

जानकारी के लिये बता दें कि, भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ लगता करतारपुर मार्ग पंजाब (भारत) के गुरदासपुर से तीन किलोमीटर दूर है. गलियारा खुलने के बाद यह सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सीधे पहुंचाएगा. बता दें, यहां गुरु नानक देव का साल 1539 में निधन हो गया था.

आज की बैठक में मार्च, अप्रैल और मई 2019 में आयोजित तकनीकी बैठक की प्रगति पर भी समीक्षा की गई. दोनों पक्षों ने क्रॉसिंग पॉइंट या 'शून्य बिंदु' निर्देशांक का समर्थन किया. बैठक में भारतीय नागरिक जिनके पासपोर्ट हैं और OCI कार्ड धारकों को हफ्ते में सात दिन बिना वीजा के यात्रा करने की अनुमति देने पर सहमती जताई है.

हर रोज 5000 तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब गुरुद्वरा जाने की अनुमती दी जाएगी. तीर्थयात्री पैदल चलकर समूह में या अकेले गुरुद्वरे तक जा सकते हैं.

भारत ने बताया कि भारतीय छोर पर पैसेंजर टर्मिनल सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो एक दिन में 15,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को संभालने में सक्षम है. मंत्रालय ने बताया कि इसे 31 अक्टूबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर क्रॉसिंग बिंदु तक ले जाने वाले चार-लेन राजमार्ग का काम संतोषजनक रूप से प्रगति पर है. यह सितंबर 2019 के अंत तक पूरा हो जाएगा. दोनों देशों की तकनीकी टीमें एक बार फिर से मिलेंगी, ताकि करतारपुर गलियारे के लिए नवंबर 2019 तक सकुशल तीर्थयात्रा शुरू की जा सके.

नई दिल्ली:भारत-पाकिस्तान ने रविवार को डेरा बाबा नानक के संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए करतारपुर गलियारे की शून्य रेखा पर एक पुल निर्माण को लेकर बातचीत की थी.

भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया, 'भारत ने गुरु नानक की 550वीं जयंती के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए अंतरिम व्यवस्था करने का प्रस्ताव पेश किया, ताकि नवंबर 2019 तक गलियारे का काम पूरा हो सके.'

बता दें, करतारपुर गलियारे तक पहुंचने के लिए भारत अपने हिस्से में पहले से ही पुल निर्माण का कार्य कर रहा है. तीर्थयात्रियों के सुरक्षित आवागमन के लिए और डेरा बाबा नानक के पास बाढ़ से निपटने के लिए भारत ने पाक से आग्रह किया है कि वह भी अपनी तरफ वैसे ही पुल का निर्माण करे.

भारत-PAK के बीच हुई करतारपुर गलियारे पर बातचीत

वार्ता के दौरान भारत ने पाकिस्तान में बसे ऐसे संगठनों को लेकर चिंता जाहिर की है जो इस मौके का फायदा उठाकर तीर्थयात्रा को बाधित और तीर्थयात्रियों की भावनाओं को आहत कर सकते हैं. इसी संदर्भ में भारत ने पाक को एक डॉजियर भी सौंपा है.

'भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में वाणिज्य दूत की उपस्थिति की मांग की है, ताकि जरूरत पड़ने पर वह तीर्थयात्रियों की मदद कर सके.'

आपको बता दें कि इस परियोजना की समिति पर इस्लामाबाद द्वारा एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की नियुक्ति पर भारत पहले ही चिंता जाहिर कर चुका है, जिस पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि गोपाल सिंह चावला (खालिस्तानी अलगाववादी) को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (PSGPC) के महासचिव के पद सहित विभिन्न निकायों से हटा दिया गया है.

साथ ही पाकिस्तान ने भारत को ये भी आश्वासन दिया है कि यहां किसी भी भारत विरोधी गतिविधी को अनुमती नहीं दी जाएगी.

जानकारी के लिये बता दें कि, भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ लगता करतारपुर मार्ग पंजाब (भारत) के गुरदासपुर से तीन किलोमीटर दूर है. गलियारा खुलने के बाद यह सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सीधे पहुंचाएगा. बता दें, यहां गुरु नानक देव का साल 1539 में निधन हो गया था.

आज की बैठक में मार्च, अप्रैल और मई 2019 में आयोजित तकनीकी बैठक की प्रगति पर भी समीक्षा की गई. दोनों पक्षों ने क्रॉसिंग पॉइंट या 'शून्य बिंदु' निर्देशांक का समर्थन किया. बैठक में भारतीय नागरिक जिनके पासपोर्ट हैं और OCI कार्ड धारकों को हफ्ते में सात दिन बिना वीजा के यात्रा करने की अनुमति देने पर सहमती जताई है.

हर रोज 5000 तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब गुरुद्वरा जाने की अनुमती दी जाएगी. तीर्थयात्री पैदल चलकर समूह में या अकेले गुरुद्वरे तक जा सकते हैं.

भारत ने बताया कि भारतीय छोर पर पैसेंजर टर्मिनल सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो एक दिन में 15,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को संभालने में सक्षम है. मंत्रालय ने बताया कि इसे 31 अक्टूबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर क्रॉसिंग बिंदु तक ले जाने वाले चार-लेन राजमार्ग का काम संतोषजनक रूप से प्रगति पर है. यह सितंबर 2019 के अंत तक पूरा हो जाएगा. दोनों देशों की तकनीकी टीमें एक बार फिर से मिलेंगी, ताकि करतारपुर गलियारे के लिए नवंबर 2019 तक सकुशल तीर्थयात्रा शुरू की जा सके.

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India conveys concerns to Pak on possible attempts to disrupt Kartarpur Sahib pilgrimage
(Eds: Adding quotes of official)
          Attari/New Delhi, Jul 14 (PTI) India on Sunday handed over a dossier to Pakistan about Pakistan-based individuals and organisations who might try to disrupt pilgrimage to the Kartarpur Sahib Gurudwara, following which Islamabad assured that no anti-India activity would be allowed.
          The government also said that Pakistan has "in-principle agreed" to build a bridge to connect with the Indian side and to visa-free travel for Indian passport holders and OCI card-holders.
          India flagged its security concerns during a meeting that took place between delegations of the two countries on the Pakistani side of the Attari-Wagah border to discuss the modalities of the Kartarpur corridor.
          New Delhi had earlier conveyed its strong concerns to Pakistan over the presence of a leading Khalistani separatist in a committee appointed by Islamabad on the project.
          After the second round of talks on the project, Home Ministry Joint Secretary S C L Das said Pakistani officials confirmed that controversial Sikh leader Gopal Singh Chawla had been dropped from various bodies, including as secretary general of Pakistan Sikh Gurdwara Parbandhik Committee (PSGPC).
          "We have shared our concerns regarding individuals or organisations based in Pakistan who may try to disrupt the pilgrimage and misuse the opportunity," he told a press conference at the Attari border on the Indian side
          "To highlight the concerns, we handed over a dossier today containing information about these organisations and individuals which may pose a kind of potential threat to our pilgrims. We have handed this over with a request that they seriously act upon it," Das said.
          The Pakistan side assured the delegation that no anti-India activity would be allowed, the joint secretary, who headed the Indian delegation, said.
          On Chawla, Das said, "We had sought confirmation that individuals like Gopal Singh Chawla were removed from the bodies to which we had raised objection. So they confirmed in that Chawla had been removed from PSGPC and other bodies."
          He said the Pakistani side was apprised of the ban imposed by Government of India on the US-based pro-Khalistan outfit 'Sikhs for Justice'.
          "We told them that we have declared this organisation (SFJ) unlawful and given them our gazette notification banning it. We told them we have information that this organisation is also operating from their land," he said.
          The Indian delegation also sought consular presence in the Kartarpur Sahib Gurudwara to be able to provide assistance to pilgrims, if required, a statement by the External Affairs Ministry said.
          India urged Pakistan to take into consideration the sentiments of pilgrims to have smooth, easy and unrestricted access to the gurdwara throughout the year, he said.
          The Indian delegation comprised representatives from the Home Ministry, External Affairs Ministry, Defence Ministry, the Punjab government and the National Highway Authorities of India.
          The statement said progress was made in finalising the draft agreement with regard to the modalities.
          "It was agreed to allow visa-free travel for the Indian passport holders and OCI card holders seven days a week. Throughout the year, 5000 pilgrims will be allowed to visit Kartarpur Sahib Gurudwara per day. The pilgrims will be allowed to travel as individuals or in groups and also on foot," it added.
          India has been urging Pakistan that 5,000 pilgrims be allowed to visit the gurudwara every day and 10,000 additional pilgrims be allowed on special occasions with no restriction in terms of faith.
          Das said the delegation raised the issue of encroachment and acquisition of land belonging to the gurdwara.
          "We have requested Pakistan to honour religious sentiments and remove the encroachment, besides restoring the encroached land to the gurdwara," he said.
          The statement said Pakistan has agreed to look into the issue.
          The work on the four-lane highway to the crossing point at the International Boundary is progressing well and is on schedule, officials said.
          It will be completed by end September. India is also constructing a state-of-the-art construction passenger terminal facility that can accommodate 15,000 passengers, they said.
          The bone of contention is connecting the two sides at the zero point which was also discussed.
          India is constructing a bridge at the zero point and has urged Pakistan to build a similar bridge on its side that will provide safe and secure movement of pilgrims and address concerns regarding flooding.
          Another option proposed by Pakistan is building a causeway which is also not acceptable to India as it has been insisting on an all-weather bridge. The bridge is over a creek of which the majority part falls in Pakistan.
          The Indian delegation shared detailed flood analysis to Pakistan to highlight these concerns.
          The Indian delegation said an earth filled embankment or a causeway proposed by Pakistan will create problems for its people and this should not be built even in the interim.
          "Pakistan side agreed, in principle, to build a bridge at the earliest," it said.
          "Pending the construction of a bridge over the old Ravi creek by Pakistan on their territory, India offered to make interim arrangements for making the corridor operational in November, given the historic importance of the 550th birth anniversary of Guru Nanak Dev," it added.
          Das expressed confidence that India would be ready to commence the pilgrimage to Kartarpur Sahib on the auspicious occasion. PTI ACB/PR SUN VSD
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