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चिदंबरम की जनरल रावत को सलाह - आप सेना संभालें, नेताओं को न बताएं कि क्या करना है

जनरल बिपिन रावत के नेताओं के नेतृत्व वाले बयान पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आर्मी चीफ को दो टूक जवाब दिया कि वह अपना काम करें, नेताओं को राजनीति न सिखाएं.

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पी चिदंबरम
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Published : Dec 28, 2019, 6:05 PM IST

Updated : Dec 28, 2019, 6:16 PM IST

तिरुवनंतपुरम : पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान पर प्रतिक्रिया दी. चिदंबरम ने जनरल रावत को नसीहत दी है कि आर्मी नेताओं को न बताएं कि उन्हें क्या करना चाहिए.

चिदंबरम ने तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम में दो टूक जवाब दिया, 'डीजीपी और आर्मी जनरलों को सरकार का समर्थन करने के लिए कहा जा रहा है, जो कि बेहद शर्मनाक है. मैं जनरल रावत से अपील करता हूं कि वह सेना प्रमुख हैं. अपने काम करें. यह बताना आपका काम नहीं है कि नेताओं को क्या करना चाहिए, जैसा कि यह हमारा काम नहीं है कि हम आपको बताएं कि युद्ध कैसे लड़ा जाए?'

पी चिदंबरम का बयान

दरअसल, जनरल बिपिन रावत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारी भीड़ को हिंसा के लिए उकसाना और आगजनी करना नेतृत्व नहीं है. इसलिए समग्र रूप से नेतृत्व करना जटिल है, अगर आप आगे बढ़ते हैं तो हर कोई आपको फॉलो करता है. यह दिखने में सामान्य लगता है, लेकिन यह बहुत-बहुत मुश्किल काम है. भीड़ के बीच हमें एक नेता मिलेगा, लेकिन नेता वे होते हैं जो लोगों का सही दिशा में नेतृत्व करते हैं.

कैंपस हिंसा पर सेना प्रमुख की नाराजगी, दिग्गी-ओवैसी भड़के

देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर आंदोलन के दौरान हिंसा और आगजनी के बारे में अप्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए जनरल रावत ने कहा, 'नेता वे नहीं हैं जो अनुचित दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं, जैसा कि हमने बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों में देखा है..वे भीड़ को हमारे शहरों और कस्बें में हिंसा व आगजनी के लिए नेतृत्व कर रहे हैं.'

उन्होंने जोर देकर कहा, 'यह नेतृत्व नहीं है.'

तिरुवनंतपुरम : पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान पर प्रतिक्रिया दी. चिदंबरम ने जनरल रावत को नसीहत दी है कि आर्मी नेताओं को न बताएं कि उन्हें क्या करना चाहिए.

चिदंबरम ने तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम में दो टूक जवाब दिया, 'डीजीपी और आर्मी जनरलों को सरकार का समर्थन करने के लिए कहा जा रहा है, जो कि बेहद शर्मनाक है. मैं जनरल रावत से अपील करता हूं कि वह सेना प्रमुख हैं. अपने काम करें. यह बताना आपका काम नहीं है कि नेताओं को क्या करना चाहिए, जैसा कि यह हमारा काम नहीं है कि हम आपको बताएं कि युद्ध कैसे लड़ा जाए?'

पी चिदंबरम का बयान

दरअसल, जनरल बिपिन रावत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारी भीड़ को हिंसा के लिए उकसाना और आगजनी करना नेतृत्व नहीं है. इसलिए समग्र रूप से नेतृत्व करना जटिल है, अगर आप आगे बढ़ते हैं तो हर कोई आपको फॉलो करता है. यह दिखने में सामान्य लगता है, लेकिन यह बहुत-बहुत मुश्किल काम है. भीड़ के बीच हमें एक नेता मिलेगा, लेकिन नेता वे होते हैं जो लोगों का सही दिशा में नेतृत्व करते हैं.

कैंपस हिंसा पर सेना प्रमुख की नाराजगी, दिग्गी-ओवैसी भड़के

देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर आंदोलन के दौरान हिंसा और आगजनी के बारे में अप्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए जनरल रावत ने कहा, 'नेता वे नहीं हैं जो अनुचित दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं, जैसा कि हमने बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों में देखा है..वे भीड़ को हमारे शहरों और कस्बें में हिंसा व आगजनी के लिए नेतृत्व कर रहे हैं.'

उन्होंने जोर देकर कहा, 'यह नेतृत्व नहीं है.'

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Last Updated : Dec 28, 2019, 6:16 PM IST
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