नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में आज विपक्षी दलों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एक बैठक हो रही है, जिसमें कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रवासी श्रमिकों की स्थिति और मौजूदा संकट से निपटने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों एवं आर्थिक पैकेज पर विस्तृत चर्चा की गई.
बैठक के संबंध में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने बैठक में शामिल होने वाले नेताओं की जानकारी भी दी. सुरजेवाला ने ट्वीट कर कोरोना संक्रमण बढ़ने और लॉकडाउन में ढील दिए जाने पर सवाल भी खड़े किए.
सोनिया गांधी विपक्षी दलों के नेताओं की इस बैठक की अध्यक्षता की. जानकारी के मुताबिक बैठक में 22 पार्टियों के नेता शामिल हुए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई इस बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल शामिल रहे.
अन्य दलों के नेता जिन्होंने बैठक में शिरकत की :
- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (जेएमएम)
- एचडी देवेगौड़ा (जेडीएस)
- ममता बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन (तृणमूल कांग्रेस)
- शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी)
- थिरु स्टालिन (डीएमके)
- उद्धव ठाकरे और संजय राउत (शिवसेना)
- सीताराम येचुरी (सीपीआई-एम)
- डी राजा (सीपीआई)
- शरद यादव (लोकतांत्रिक जनता दल)
- उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस)
- तेजस्वी यादव और मनोज झा (राष्ट्रीय जनता दल)
- पीके कुन्हालीकुट्टी (आईयूएमएल)
- जयंत चौधरी (राष्ट्रीय लोक दल)
- उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी)
- बदरुद्दीन अजमल (AIUDF)
- जितिन राम मांझी (HAM)
- जोस के मणि (केसी-एम)
- एनके प्रेमचंद्रन (आरएसपी)
- राजू शेट्टी (स्वाभिमानी पक्ष)
- थोल थिरुमावलवन (वीसीके-टीएन)
- कोंडाडाराम (टीजेएस)
इससे पहले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं की.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए गत 25 मार्च से देश में लॉकडाउन लगने के बाद बड़ी संख्या में श्रमिक बड़े शहरों से अपने घर जाने के लिए पैदल निकल रहे हैं. कई जगहों पर हुई दुर्घटनाओं में अनेक मजदूरों की मौत भी हो गई है.
विपक्षी दलों ने सरकार पर प्रवासी श्रमिकों से जुड़े इस संकट से निबटने में विफल रहने का आरोप लगाया है.
बैठक में, कुछ प्रदेशों में श्रम कानूनों में किए गए हालिया बदलावों को लेकर भी चर्चा होनी है. कुछ राज्यों में श्रम कानूनों में बदलाव करते हुए कामकाज के घंटों को बढ़ाया गया है.