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नवरात्र के बाद जायके में बदलाव मुश्किल : प्याज-आलू के भाव बेकाबू

नवरात्र के बावजूद, खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. साथ ही आलू के दाम भी बढ़ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दक्षिण भारत सहित अन्य क्षेत्रों में बारिश की वजह से दिल्ली के आजादपुर मंडी में प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है.

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प्याज ने निकाला आंसू
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Published : Oct 23, 2020, 1:18 PM IST

Updated : Oct 23, 2020, 5:04 PM IST

नई दिल्ली : प्याज पिछले साल की तरह उपभोक्ताओं के आंसू निकाल रहा है. बरसात में फसल खराब होने की वजह से प्याज के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं, जिससे आम उपभोक्ता परेशान हैं. नवरात्र में उत्तर भारत समेत देश के अधिकांश हिस्से में लोग लहसुन-प्याज नहीं खाते हैं, जिससे खपत कम होती है, मगर इससे प्याज की महंगाई से राहत नहीं मिली.

कारोबारी बताते हैं कि, 'साउथ और महाराष्ट्र में बारिश हुई, यानी प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण फसल खराब हो गई, जिसके कारण शॉर्टेज है. वहीं नई फसल आने में देर है, जहां कहीं भी नई फसल आ रही है, वो भी पर्याप्त नहीं है. साथ ही ऊंचे भाव पर ही किसान के पास से आ रहा है प्याज.'

दिल्ली में प्याज 80 रुपए किलो तक पहुच गया है टमाटर भी अब लाल होने लगा है जो कुछ दिन पहले 40 रुपए किलो था अब वो 60 रुपए किलो मिल रहा है जिसकी वजह से लोगो के रसोई का बजट बिगड़ गया

विभिन्न शहरों में प्याज की कीमतें.
विभिन्न शहरों में प्याज की कीमतें.

राजधानी दिल्ली के दुकानदारों की मानें, तो अचानक सब्जियों के दाम बढ़ने की वजह मंडियों ने पीछे से सब्जियों की आवक में कमी आई है और इसकी वजह से सब्जियों के दाम बढ़ गए है सब्जियों के दाम बढ़ने से दुकानदारों पर इसका असर देखने को मिल रहा है. दुकानदारों का कहना है कि सब्जियों के दाम बढ़ने की वजह से सब्जी खरीदने वाले ग्रहक कम आ रहे हैं. जिस मंडी में भीड़ रहती थी अब वो खाली नजर आ रही है लोग कम सब्जी खरीद रहे हैं.

प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आयात के नियमों में ढील
वहीं, सरकार ने देश में प्याज की महंगाई के बीच इसकी आपूर्ति बढ़ाने और के मकसद से इसके आयात के आयात को सुगम करने के लिए नियमों में ढील दी है. यह ढील 15 दिसंबर तक रहेगी.

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि कीमतों पर अंकुश के लिए वह खुले बाजार में बफर स्टॉक से और अधिक मात्रा में प्याज उतारी जाएगी.

इसमें कहा गया है कि 37 लाख टन की खरीफ की प्याज मंडियों में पहुंचने की संभावना है. इससे बाजार शांत करने में मदद मिलेगी.

मंत्रालय के अनुसार, पिछले 10 दिनों में प्याज की कीमतों में 11.56 रुपये प्रति किलोग्राम की तेज बढ़ोतरी हुई है. इससे इसका औसत राष्ट्रीय खुदरा भाव 51.95 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है. पिछले साल इसी समय प्याज 46.33 रुपये चल रहा था.

प्याज के खुदरा मूल्य में वर्ष 2020 के अगस्त-अंत से उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि मूल्य का स्तर पिछले साल 18 अक्टूबर तक नीचे ही था. प्याज के आयात को सुविधाजनक बनाने के लिए, मंत्रालय ने कहा, सरकार ने 21 अक्टूबर को पौध संगरोध आदेश (पीक्यू), 2003 के तहत 15 दिसंबर, 2020 तक आयात के लिए धूम्रशोधन तथा फायटोसेनेटरी प्रमाण (पीएससी) के बारे में अतिरिक्त सूचना की शर्तों में ढील दी है. भारतीय उच्च आयोगों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित देशों में व्यापारियों से संपर्क कर भारत को अधिक प्याज की खेप भेजने के लिए प्रेरित करें.

आयातित प्याज की ऐसी खेपों को भारत में एक मान्यता प्राप्त उपचार प्रदाता के माध्यम से आयातकों के द्वारा धुम्रशोधन किया जाएगा.

मंत्रालय ने कहा, आयातकों से एक वचन लिया जाएगा कि प्याज का उपयोग केवल उपभोग के लिए किया जाएगा न कि खेती के लिए. मंत्रालय ने कहा कि कीमतों को नरम बनाने के लिए, बफर स्टॉक से प्याज सितंबर 2020 के उत्तरार्द्ध से प्रमुख मंडियों, सफल, केन्द्रीय भंडार, और एनसीसीएफ जैसे खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ राज्य सरकारों को एक सुनिश्चित तरीके से जारी किया जा रहा है.

सितंबर में, सरकार ने कहा कि उसने खरीफ प्याज के आने से पहले कम उत्पादन वाले मौसम के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं को उचित दरों पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था.

नई दिल्ली : प्याज पिछले साल की तरह उपभोक्ताओं के आंसू निकाल रहा है. बरसात में फसल खराब होने की वजह से प्याज के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं, जिससे आम उपभोक्ता परेशान हैं. नवरात्र में उत्तर भारत समेत देश के अधिकांश हिस्से में लोग लहसुन-प्याज नहीं खाते हैं, जिससे खपत कम होती है, मगर इससे प्याज की महंगाई से राहत नहीं मिली.

कारोबारी बताते हैं कि, 'साउथ और महाराष्ट्र में बारिश हुई, यानी प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण फसल खराब हो गई, जिसके कारण शॉर्टेज है. वहीं नई फसल आने में देर है, जहां कहीं भी नई फसल आ रही है, वो भी पर्याप्त नहीं है. साथ ही ऊंचे भाव पर ही किसान के पास से आ रहा है प्याज.'

दिल्ली में प्याज 80 रुपए किलो तक पहुच गया है टमाटर भी अब लाल होने लगा है जो कुछ दिन पहले 40 रुपए किलो था अब वो 60 रुपए किलो मिल रहा है जिसकी वजह से लोगो के रसोई का बजट बिगड़ गया

विभिन्न शहरों में प्याज की कीमतें.
विभिन्न शहरों में प्याज की कीमतें.

राजधानी दिल्ली के दुकानदारों की मानें, तो अचानक सब्जियों के दाम बढ़ने की वजह मंडियों ने पीछे से सब्जियों की आवक में कमी आई है और इसकी वजह से सब्जियों के दाम बढ़ गए है सब्जियों के दाम बढ़ने से दुकानदारों पर इसका असर देखने को मिल रहा है. दुकानदारों का कहना है कि सब्जियों के दाम बढ़ने की वजह से सब्जी खरीदने वाले ग्रहक कम आ रहे हैं. जिस मंडी में भीड़ रहती थी अब वो खाली नजर आ रही है लोग कम सब्जी खरीद रहे हैं.

प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आयात के नियमों में ढील
वहीं, सरकार ने देश में प्याज की महंगाई के बीच इसकी आपूर्ति बढ़ाने और के मकसद से इसके आयात के आयात को सुगम करने के लिए नियमों में ढील दी है. यह ढील 15 दिसंबर तक रहेगी.

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि कीमतों पर अंकुश के लिए वह खुले बाजार में बफर स्टॉक से और अधिक मात्रा में प्याज उतारी जाएगी.

इसमें कहा गया है कि 37 लाख टन की खरीफ की प्याज मंडियों में पहुंचने की संभावना है. इससे बाजार शांत करने में मदद मिलेगी.

मंत्रालय के अनुसार, पिछले 10 दिनों में प्याज की कीमतों में 11.56 रुपये प्रति किलोग्राम की तेज बढ़ोतरी हुई है. इससे इसका औसत राष्ट्रीय खुदरा भाव 51.95 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है. पिछले साल इसी समय प्याज 46.33 रुपये चल रहा था.

प्याज के खुदरा मूल्य में वर्ष 2020 के अगस्त-अंत से उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि मूल्य का स्तर पिछले साल 18 अक्टूबर तक नीचे ही था. प्याज के आयात को सुविधाजनक बनाने के लिए, मंत्रालय ने कहा, सरकार ने 21 अक्टूबर को पौध संगरोध आदेश (पीक्यू), 2003 के तहत 15 दिसंबर, 2020 तक आयात के लिए धूम्रशोधन तथा फायटोसेनेटरी प्रमाण (पीएससी) के बारे में अतिरिक्त सूचना की शर्तों में ढील दी है. भारतीय उच्च आयोगों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित देशों में व्यापारियों से संपर्क कर भारत को अधिक प्याज की खेप भेजने के लिए प्रेरित करें.

आयातित प्याज की ऐसी खेपों को भारत में एक मान्यता प्राप्त उपचार प्रदाता के माध्यम से आयातकों के द्वारा धुम्रशोधन किया जाएगा.

मंत्रालय ने कहा, आयातकों से एक वचन लिया जाएगा कि प्याज का उपयोग केवल उपभोग के लिए किया जाएगा न कि खेती के लिए. मंत्रालय ने कहा कि कीमतों को नरम बनाने के लिए, बफर स्टॉक से प्याज सितंबर 2020 के उत्तरार्द्ध से प्रमुख मंडियों, सफल, केन्द्रीय भंडार, और एनसीसीएफ जैसे खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ राज्य सरकारों को एक सुनिश्चित तरीके से जारी किया जा रहा है.

सितंबर में, सरकार ने कहा कि उसने खरीफ प्याज के आने से पहले कम उत्पादन वाले मौसम के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं को उचित दरों पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था.

Last Updated : Oct 23, 2020, 5:04 PM IST
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