नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि संविधान में सूचीबद्ध सभी भाषाओं को समान महत्व दिया गया है और 'एक देश एक भाषा' का कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है.
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 'एक देश एक भाषा' का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
सवाल में यह पूछा गया था कि क्या सरकार पूरे देश में एक ही भाषा को लागू करना चाहती है. सरकार ने यह जवाब गैर हिन्दी भाषी राज्यों में कन्नड़ समर्थक संगठनों के आंदोलन के बाद इस मामले में स्थिति को स्पष्ट करते हुए दिया.
रेड्डी ने कहा कि संविधान में सभी भाषाओं को समान महत्व दिया गया है. संविधान में भाषाओं से जुड़े प्रावधान समवर्ती सूची में शामिल हैं.