श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला गुरुवार को केंद्र पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि केंद्र हमें कमजोर करने और दबाने के लिए सभी रणनीति का उपयोग कर रहा है.
अब्दुल्ला ने श्रीनगर के नवा-ए-सुभा कॉम्प्लेक्स में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने हमारी आवाज को कमजोर करने की कोशिश की है. आज से पहले कमजोर आवाज का नतीजा है, हम बिखर गए और उनकी साजिश सफल रही. उन्होंने कहा कि हमारी आवाज कमजोर हो गई थी और उन्होंने हमारी पहचान छीन ली. अब हम ऐसे राजनीतिक हालात पर भरोसा नहीं कर सकते.
पिछले साल 5 अगस्त के बाद इतने बदलाव के बाद विश्वास नहीं कर सकते कि हम आज भी उसी स्थान पर हैं. पिछले साल के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम पिछले साल विधानसभा चुनावों के बारे में बात कर रहे थे और आज हम अपनी गरिमा, पहचान और भूमि को बचाने के संघर्ष में लगे हुए हैं. कश्मीर के सभी राजनीतिक दल अलग-अलग दिशाओं में थे. हमने प्रत्येक का विरोध किया, लेकिन आज केंद्र की साजिश के परिणामस्वरूप हमें एक ही मंच पर आने के लिए मजबूर किया गया.
कश्मीर में नए भूमि कानूनों को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा देश में कई राज्य ऐसे है, जहां देश के अन्य इलाकों के लोग जमीन नहीं खरीद सकते. यदि हम इस कानून के खिलाफ बात कर रहे हैं, हमें राष्ट्र-विरोधी कहा जा रहा है. यह विशेष कानून और दर्जा महाराजा के समय ही मिला था. यदि जम्मू और कश्मीर को 1947 में वह विशेष दर्जा नहीं दिया गया होता, तो कहानी कुछ और होती. यह दिल्ली वाले लोग जब नगालैंड से बात कर रहे थे, उन्होंने देश के कानून और झंडे को मानने से इनकार कर दिया, इसे मान भी लिया गया. उन्हें कभी भी राष्ट्र विरोधी नहीं कहा जाता है.
जम्मू और कश्मीर के लोगों की गलती क्या है? जो केंद्र ने एक बाहरी व्यक्ति के लिए यहां जमीन खरीदने के लिए मार्ग प्रशस्त किया.