नई दिल्लीः केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण का 'कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय राष्ट्रीय हित में नई लाइनों और परियोजनाओं के लिए पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के आधार पर निवेश आमंत्रित करेगा.
रेलवे अनुदान के पर मुद्दे पर बोले गोयल
रेल मंत्री गोयल ने लोकसभा में रेलवे के लिए अनुदान की मांगों के मुद्दे पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 'रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. इसका निजीकरण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, अगर हमें रेलवे में सुविधाएं बढ़ानी हैं, तो हमें निवेश की जरूरत पड़ेगी. इसलिए हमने पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है. हम कुछ इकाइयों को कॉर्पोरेट में भी बदलेगें.'
कांग्रेस पर कसा तंज
गोयल बताया कि कांग्रेस के शासनकाल में रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री में एक भी कोच का निर्माण नहीं हुआ था, उसकी एक उत्पादन इकाई को कॉरपोरेट में बदला जाएगा. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'विजेता और हारे हुए के बीच केवल एक अंतर होता है, हारने वालों को मुश्किलें दिखती हैं, जबकि विजेता लक्ष्य देखते हैं.'
पिछले पांच वर्षों में बनी रेल लाईनें
रेल मंत्री पीयूष गोयल यह भी बताया कि 1950-2014 के बीच ट्रैक की लंबाई 77,609 किमी से बढ़कर सिर्फ 89,919 किमी हुई, वहीं पिछले पांच वर्षों में यह बढ़कर 1,23,236 किमी हो गई.