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भारतीय रेलवे का निजीकरण नहीं होगा, सुविधाओं के लिए निवेश जरूरी : गोयल - Corporatization of railways

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में बताया है कि रेलवे के निजीकरण का 'कोई सवाल नहीं है.' हालांकि, उन्होंने कहा कि रेलवे की कुछ इकाइयों को कॉर्पोरेट में बदला जाएगा. जानें रेल मंत्रालय की प्लानिंग

Railway Minister Piyush Goyal
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Published : Jul 12, 2019, 11:13 PM IST

नई दिल्लीः केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण का 'कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय राष्ट्रीय हित में नई लाइनों और परियोजनाओं के लिए पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के आधार पर निवेश आमंत्रित करेगा.


रेलवे अनुदान के पर मुद्दे पर बोले गोयल
रेल मंत्री गोयल ने लोकसभा में रेलवे के लिए अनुदान की मांगों के मुद्दे पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 'रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. इसका निजीकरण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, अगर हमें रेलवे में सुविधाएं बढ़ानी हैं, तो हमें निवेश की जरूरत पड़ेगी. इसलिए हमने पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है. हम कुछ इकाइयों को कॉर्पोरेट में भी बदलेगें.'

कांग्रेस पर कसा तंज
गोयल बताया कि कांग्रेस के शासनकाल में रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री में एक भी कोच का निर्माण नहीं हुआ था, उसकी एक उत्पादन इकाई को कॉरपोरेट में बदला जाएगा. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'विजेता और हारे हुए के बीच केवल एक अंतर होता है, हारने वालों को मुश्किलें दिखती हैं, जबकि विजेता लक्ष्य देखते हैं.'

पिछले पांच वर्षों में बनी रेल लाईनें
रेल मंत्री पीयूष गोयल यह भी बताया कि 1950-2014 के बीच ट्रैक की लंबाई 77,609 किमी से बढ़कर सिर्फ 89,919 किमी हुई, वहीं पिछले पांच वर्षों में यह बढ़कर 1,23,236 किमी हो गई.

नई दिल्लीः केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण का 'कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय राष्ट्रीय हित में नई लाइनों और परियोजनाओं के लिए पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के आधार पर निवेश आमंत्रित करेगा.


रेलवे अनुदान के पर मुद्दे पर बोले गोयल
रेल मंत्री गोयल ने लोकसभा में रेलवे के लिए अनुदान की मांगों के मुद्दे पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 'रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. इसका निजीकरण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, अगर हमें रेलवे में सुविधाएं बढ़ानी हैं, तो हमें निवेश की जरूरत पड़ेगी. इसलिए हमने पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है. हम कुछ इकाइयों को कॉर्पोरेट में भी बदलेगें.'

कांग्रेस पर कसा तंज
गोयल बताया कि कांग्रेस के शासनकाल में रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री में एक भी कोच का निर्माण नहीं हुआ था, उसकी एक उत्पादन इकाई को कॉरपोरेट में बदला जाएगा. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'विजेता और हारे हुए के बीच केवल एक अंतर होता है, हारने वालों को मुश्किलें दिखती हैं, जबकि विजेता लक्ष्य देखते हैं.'

पिछले पांच वर्षों में बनी रेल लाईनें
रेल मंत्री पीयूष गोयल यह भी बताया कि 1950-2014 के बीच ट्रैक की लंबाई 77,609 किमी से बढ़कर सिर्फ 89,919 किमी हुई, वहीं पिछले पांच वर्षों में यह बढ़कर 1,23,236 किमी हो गई.

Intro:New Delhi: The Union Minister of Railways, Piyush Goyal clarified on Friday that there is "no question" of privitization of Railways but the ministry will invite investments for new lines and projects in the national interest.


Body:While addressing the issue of Demands of Grants for Railways, in Lok Sabha, the Union Minister said, "There is no question of privitization of Railways. It cannot be privatised. However, if we have to increase the facilities in Railways then we need investments for it. We have taken a decision to encourage public private partnerships and we will also corporatise some units."

He also informed that the track kilometres have increased from 77,609 km to 89,919 km within the period 1950-2014 but it rose to 1,23,236 km in the past five years.



Conclusion:Goyal also targeted Congress party, by saying that during the Congress rule, not one coach was manufactured in Rae Bareli's Modern Coach Factory, whose one of the production units will be corporatised. "There is only one difference between winners and losers, losers see difficulties while winners look at goals," he added.
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