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नीतीश का पवन पर प्रहार : जहां जाना है वहां जाएं,  कोई ऐतराज नहीं - delhi assembly election

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पवन वर्मा के बयान पर दो टूक कहा कि उन्हें पार्टी को समझने की जरूरत है. नीतीश के बयान के जवाब में पवन वर्मा ने कहा है कि मेरा मकसद उन्हें दुख पहुंचाने का नहीं था. पढ़ें विस्तार से...

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Jan 23, 2020, 11:52 AM IST

Updated : Feb 18, 2020, 2:27 AM IST

पटना : जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा द्वारा संशोधित नागरिकता कानून व अन्य मुद्दों को लेकर लिखे गए पत्र पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि वह अपने दल के सभी लोगों का सम्मान करते हैं. किसी को कोई रोक नहीं सकता है, जिसे जहां जाना है, वहां चला जाए मेरी शुभकामनाएं..

नीतीश कुमार के इस बयान के जवाब में पवन वर्मा ने कहा है कि हम श्रीमान नीतीश कुमार के इस कथन का स्वागत करते हैं कि पार्टी के भीतर चर्चा के लिए जगह है. मैंने इसी बात की मांग की थी. मेरा इरादा उन्हें चोट पहुंचाने का नहीं था. मैं चाहता हूं कि पार्टी में वैचारिक स्पष्टता हो. मैं पार्टी को लिखे गए पत्र के जवाब का इंतजार कर रहा हूं, जिसके बाद मैं तय करूंगा की आगे क्या करना है.

नीतिश कुमार का बयान

पटना में एक कार्यक्रम में मंगलवार को भाग लेने पहुंचे पवन ने पत्रकारों से बातचीत में नीतीश की ओर इशारा करते हुए पूर्व में लिखे अपने पत्र का जिक्र करते हुए कहा था कि वह एक पूर्ण वक्तव्य दें जिससे विचारधारा स्पष्ट हो.

नीतीश कुमार के बयान पर पवन वर्मा की प्रतिक्रिया

बता दें कि नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान सुभाष पार्क पहुंचे थे. इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पवन वर्मा मामले पर अपनी दो टूक राय रखी. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि अपनी पार्टी के हर नेता और खास करके पवन वर्मा का वह काफी सम्मान करते हैं. पर, पवन वर्मा का इस तरह का विरोध करना ठीक नहीं है पवन वर्मा पार्टी की ओर से पूरी तरह से फ्री है उनको जहां जाना है जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पवन वर्मा ने जो भी बयान दिया है वह उनकी निजी राय हो सकती है.

वशिष्ठ नारायण ने भी जतायी था नाराजगी
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी पार्टी के राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा के दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी से गठबंधन के फैसले पर सार्वजनिक तौर पर जवाब मांगे जाने को अनुचित बताया था. उन्होंने कहा था कि जब भी पार्टी की बैठक होगी वे इस बात को मजबूती के साथ उठायेंगे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए वशिष्ठ नारायण ने कहा था, 'मैं इस तरह के बयान को अनुचित मानता हूं. जब भी पार्टी की बैठक होगी मैं इस बात को मजबूती के साथ उठाऊंगा. सभी को पता है कि बिहार में लंबे अरसे बिहार में गठबंधन चल रहा है जिसके तहत जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी एक साथ काम कर रही है.'

पढ़ें- नागरिकता बिल : JDU में मतभेद, पवन वर्मा-प्रशांत किशोर का विरोध

यहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनसे सफाई देने की मांग की थी. पवन वर्मा ने भी इस बिल का विरोध किया है और नीतीश कुमार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.

जेडीयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था, 'मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन पर दोबारा विचार करें. ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है. ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते.'

पूरे मामले पर शाहनावाज का बयान

वहीं भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने इस मुद्दे पर कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर जनता दल यूनाईटेड हमारे साथ है, इसमें कोई संदेह नहीं है. जदयू ने के नेता ने दोनो सदनों में हर नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर सरकार का साथ दिया है. पनन वर्मा ने जो सवाल उठाए थे, नीतीश कुमार जी ने उनता जवाब दे दिया है. अगर पवन वर्मा सीएए पर पार्टी के खिलाफ जाते हैं तो ये उनका आंतरिक मामला है. हांलाकि नीतीश कुमार ने अपने तरफ से जवाब दे चुकें हैं.

पटना : जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा द्वारा संशोधित नागरिकता कानून व अन्य मुद्दों को लेकर लिखे गए पत्र पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि वह अपने दल के सभी लोगों का सम्मान करते हैं. किसी को कोई रोक नहीं सकता है, जिसे जहां जाना है, वहां चला जाए मेरी शुभकामनाएं..

नीतीश कुमार के इस बयान के जवाब में पवन वर्मा ने कहा है कि हम श्रीमान नीतीश कुमार के इस कथन का स्वागत करते हैं कि पार्टी के भीतर चर्चा के लिए जगह है. मैंने इसी बात की मांग की थी. मेरा इरादा उन्हें चोट पहुंचाने का नहीं था. मैं चाहता हूं कि पार्टी में वैचारिक स्पष्टता हो. मैं पार्टी को लिखे गए पत्र के जवाब का इंतजार कर रहा हूं, जिसके बाद मैं तय करूंगा की आगे क्या करना है.

नीतिश कुमार का बयान

पटना में एक कार्यक्रम में मंगलवार को भाग लेने पहुंचे पवन ने पत्रकारों से बातचीत में नीतीश की ओर इशारा करते हुए पूर्व में लिखे अपने पत्र का जिक्र करते हुए कहा था कि वह एक पूर्ण वक्तव्य दें जिससे विचारधारा स्पष्ट हो.

नीतीश कुमार के बयान पर पवन वर्मा की प्रतिक्रिया

बता दें कि नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान सुभाष पार्क पहुंचे थे. इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पवन वर्मा मामले पर अपनी दो टूक राय रखी. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि अपनी पार्टी के हर नेता और खास करके पवन वर्मा का वह काफी सम्मान करते हैं. पर, पवन वर्मा का इस तरह का विरोध करना ठीक नहीं है पवन वर्मा पार्टी की ओर से पूरी तरह से फ्री है उनको जहां जाना है जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पवन वर्मा ने जो भी बयान दिया है वह उनकी निजी राय हो सकती है.

वशिष्ठ नारायण ने भी जतायी था नाराजगी
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी पार्टी के राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा के दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी से गठबंधन के फैसले पर सार्वजनिक तौर पर जवाब मांगे जाने को अनुचित बताया था. उन्होंने कहा था कि जब भी पार्टी की बैठक होगी वे इस बात को मजबूती के साथ उठायेंगे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए वशिष्ठ नारायण ने कहा था, 'मैं इस तरह के बयान को अनुचित मानता हूं. जब भी पार्टी की बैठक होगी मैं इस बात को मजबूती के साथ उठाऊंगा. सभी को पता है कि बिहार में लंबे अरसे बिहार में गठबंधन चल रहा है जिसके तहत जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी एक साथ काम कर रही है.'

पढ़ें- नागरिकता बिल : JDU में मतभेद, पवन वर्मा-प्रशांत किशोर का विरोध

यहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनसे सफाई देने की मांग की थी. पवन वर्मा ने भी इस बिल का विरोध किया है और नीतीश कुमार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.

जेडीयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था, 'मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन पर दोबारा विचार करें. ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है. ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते.'

पूरे मामले पर शाहनावाज का बयान

वहीं भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने इस मुद्दे पर कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर जनता दल यूनाईटेड हमारे साथ है, इसमें कोई संदेह नहीं है. जदयू ने के नेता ने दोनो सदनों में हर नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर सरकार का साथ दिया है. पनन वर्मा ने जो सवाल उठाए थे, नीतीश कुमार जी ने उनता जवाब दे दिया है. अगर पवन वर्मा सीएए पर पार्टी के खिलाफ जाते हैं तो ये उनका आंतरिक मामला है. हांलाकि नीतीश कुमार ने अपने तरफ से जवाब दे चुकें हैं.

Intro:जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पवन वर्मा मामले पर बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वह अपने दल के हर लोगों का सम्मान करते हैं और किसी को कोई रोक नहीं सकता जिसे जहां जाना है वहां चला जाए आपको बताते चलें कि पवन वर्मा ने एनआरसी और सीए ए जैसे को मुद्दे को लेकर पार्टी लाइन से अलग बयान दिया था


Body:दरअसल मुख्यमंत्री पटना के गांधी मैदान सुभाष पार्क पहुंचे थे इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पवन वर्मा मामले के सवाल का जवाब देते हुए कहा दिल्ली चुनाव में एनडीए गठबंधन को लेकर जिस तरह से पवन वर्मा अपना बयान दे रहे हैं उस मामले पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने साफ कहा है अपने पार्टी के हर नेता और खास करके पवन वर्मा का काफी सम्मान करते हैं पर पवन वर्मा का इस तरह का विरोध करना ठीक नहीं है पवन वर्मा पार्टी की ओर से पूरी तरह से फ्री है उनको जहां जाना है जा सकते हैं


Conclusion:मुख्यमंत्री ने कहा है कि पवन वर्मा ने जो भी बयान दिए हैं वह उनकी निजी राय हो सकती है पार्टी लाइन से अलग जाकर उन्होंने बयान दिया है।।
Last Updated : Feb 18, 2020, 2:27 AM IST
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