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गडकरी ने बताया सरकार के विकास का मॉडल, 'अमीरों से लो, गरीबों को दो' - nitin gadkari on road infrastructure

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार 'अमीरों से लो, गरीबों को दो' मॉडल पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 17 लाख करोड़ रूपये की परियोजनाओं में खर्च किए जा सकें हैं. जिसमें से 11 लोख करोड़ रुपये केवल सड़क निर्माण क्षेत्र में खर्च किए गए हैं.

नितिन गडकरी
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Published : Jul 16, 2019, 5:33 PM IST

Updated : Jul 16, 2019, 5:53 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री की सोच के मुताबिक नए भारत के आधारभूत ढांचे का विकास किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 17 लाख करोड़ रूपये की परियोजनाओं का काम हो चुका है. साथ ही 8.41 लाख करोड़ रूपये की संशोधित लागत वाली भारतमाला परियोजना के तहत 65 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है.

संसद में बोलते नितिन गडकरी

वर्ष 2019..20 के लिये सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि अगर लोग अच्छी सड़क चाहते हैं तो वो साफ कर देना चाहते हैं कि 'पथकर प्रणाली' जारी रहेगी क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त फंड नहीं है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'अमीर लोग जो कुछ दे सकते हैं, उनसे लो और जो गरीब हैं, उन्हें दो.... हमारी सरकार विकास के इसी मॉडल पर काम कर रही है.

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस एवं कुछ अन्य सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं करती.

गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में करीब 40 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ और वैश्विक स्तर के हाइवे नेटवर्क तैयार करने पर 4 लाख 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए. यह यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के पांच वर्षों की तुलना में काफी ज्यादा है.

पढ़ें- अगर आपको अच्छी सड़कें चाहिए तो देने पड़ेंगे पैसे : नितिन गडकरी

गडकरी ने कहा सिर्फ उनके मंत्रालय ने पिछले पांच सालों में जीडीपी में पौने तीन प्रतिशत का योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में सड़क, पोत परिवहन और जल संसाधन के क्षेत्रों में 17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का काम दिया गया लेकिन इसमें एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जो प्राथमिकता तय की थी उसके बहुत अच्छे नतीजे सामने आए हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में 17 लाख करोड़ रुपये में से 11 लोख करोड़ सड़क निर्माण क्षेत्र में और छह लाख रुपये काम पोत परिवहन और एक लाख करोड़ रुपये जल संसाधन क्षेत्र में खर्च किए गए. इस दौरान कोई घोटाला नहीं हुआ.

मंत्री के जवाब के बाद आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने गडकरी के कार्यों की सराहना करते हुए अपने सभी कटौती प्रस्तावों को वापस ले लिया. इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से अनुदान की मांगों को मंजूरी दे दी.

सड़क निर्माण मंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की कुछ समस्या है. 'कई सांसदों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि 80 फीसदी भूमि का अधिग्रहण होने तक हम सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं करते हैं.'

उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि साल 2014 से पहले से रुकी हुई 400 से अधिक परियोजनाओं से संबंधित 95 फीसदी समस्याएं खत्म की जा चुकी हैं. इससे बैंकों का तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक एनपीए (गैर निष्पादित संपत्तियां) होने से बचाया गया.

सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि हम 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे बना रहे हैं। इनमें से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक है.इससे दोनों महानगरों की दूरी 120 किलोमीटर कम हो जाएगी. सड़क परिवहन मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस ग्रीन हाइवे के 60 प्रतिशत ठेके आवंटित किए जा चुके हैं, इसलिए ढाई से तीन साल के बाद 12 घंटों में दिल्ली से मुंबई जाना संभव हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई मार्ग देशभर में तैयार किए जा रहे ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे नेटवर्क का ही एक हिस्सा है. यह गुड़गांव से शुरू होकर सवाई माधोपुर, अलवर, रतलाम, झाबुआ, वड़ोदरा होते हुए मुंबई जाएगा.

उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट पर सिर्फ जमीन अधिग्रहण में 16 हजार करोड़ रुपये की बचत की है.

नितिन गडकरी ने आगे कहा कि कि चार महीने में सभी टॉल को फास्टट्रैक बनाया जाएगा.जो भी श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी का उपयोग करना होगा, वह करेंगे.. किसी को रूकने की जरूरत नहीं होगी.

सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं के बारे में सदस्यों की चिंताओं पर गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में हर साल देश में डेढ लाख लोग मारे जाते हैं. इनमें से आधे लोगों की मौत के लिये रोड, इसका डीपीआर और रोड इंजीनियरिंग जिम्मेदार है.

उन्होंने कहा कि देशभर में 786 ब्लॉक स्पॉट की पहचान की गई है और इस संबंध में 15 हजार करोड़ रूपये की परियोजना तैयार की गई है. इसे विश्वबैंक और एशियाई विकास बैंक को दिया गया है.

गडकरी ने कहा कि पिछले पांच साल में देश में सड़क हादसों में केवल 3.5 से 4 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने सड़क दुर्घटनाओं में 15 प्रतिशत तक कमी लाने में सफलता हासिल की है.

उन्होंने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए हम संरक्षा सुरक्षा विधेयक सदन में लाना चाहते हैं जिसे 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने तैयार किया है.यह स्थाई समिति और संयुक्त प्रवर समिति दोनों में गया.

उन्होंने कहा कि सड़क हादसों से लोगों की जान बचाने के लिए विधेयक को संसद की मंजूरी जरूरी है.

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री की सोच के मुताबिक नए भारत के आधारभूत ढांचे का विकास किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 17 लाख करोड़ रूपये की परियोजनाओं का काम हो चुका है. साथ ही 8.41 लाख करोड़ रूपये की संशोधित लागत वाली भारतमाला परियोजना के तहत 65 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है.

संसद में बोलते नितिन गडकरी

वर्ष 2019..20 के लिये सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि अगर लोग अच्छी सड़क चाहते हैं तो वो साफ कर देना चाहते हैं कि 'पथकर प्रणाली' जारी रहेगी क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त फंड नहीं है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'अमीर लोग जो कुछ दे सकते हैं, उनसे लो और जो गरीब हैं, उन्हें दो.... हमारी सरकार विकास के इसी मॉडल पर काम कर रही है.

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस एवं कुछ अन्य सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं करती.

गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में करीब 40 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ और वैश्विक स्तर के हाइवे नेटवर्क तैयार करने पर 4 लाख 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए. यह यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के पांच वर्षों की तुलना में काफी ज्यादा है.

पढ़ें- अगर आपको अच्छी सड़कें चाहिए तो देने पड़ेंगे पैसे : नितिन गडकरी

गडकरी ने कहा सिर्फ उनके मंत्रालय ने पिछले पांच सालों में जीडीपी में पौने तीन प्रतिशत का योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में सड़क, पोत परिवहन और जल संसाधन के क्षेत्रों में 17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का काम दिया गया लेकिन इसमें एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जो प्राथमिकता तय की थी उसके बहुत अच्छे नतीजे सामने आए हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में 17 लाख करोड़ रुपये में से 11 लोख करोड़ सड़क निर्माण क्षेत्र में और छह लाख रुपये काम पोत परिवहन और एक लाख करोड़ रुपये जल संसाधन क्षेत्र में खर्च किए गए. इस दौरान कोई घोटाला नहीं हुआ.

मंत्री के जवाब के बाद आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने गडकरी के कार्यों की सराहना करते हुए अपने सभी कटौती प्रस्तावों को वापस ले लिया. इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से अनुदान की मांगों को मंजूरी दे दी.

सड़क निर्माण मंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की कुछ समस्या है. 'कई सांसदों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि 80 फीसदी भूमि का अधिग्रहण होने तक हम सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं करते हैं.'

उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि साल 2014 से पहले से रुकी हुई 400 से अधिक परियोजनाओं से संबंधित 95 फीसदी समस्याएं खत्म की जा चुकी हैं. इससे बैंकों का तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक एनपीए (गैर निष्पादित संपत्तियां) होने से बचाया गया.

सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि हम 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे बना रहे हैं। इनमें से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक है.इससे दोनों महानगरों की दूरी 120 किलोमीटर कम हो जाएगी. सड़क परिवहन मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस ग्रीन हाइवे के 60 प्रतिशत ठेके आवंटित किए जा चुके हैं, इसलिए ढाई से तीन साल के बाद 12 घंटों में दिल्ली से मुंबई जाना संभव हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई मार्ग देशभर में तैयार किए जा रहे ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे नेटवर्क का ही एक हिस्सा है. यह गुड़गांव से शुरू होकर सवाई माधोपुर, अलवर, रतलाम, झाबुआ, वड़ोदरा होते हुए मुंबई जाएगा.

उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट पर सिर्फ जमीन अधिग्रहण में 16 हजार करोड़ रुपये की बचत की है.

नितिन गडकरी ने आगे कहा कि कि चार महीने में सभी टॉल को फास्टट्रैक बनाया जाएगा.जो भी श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी का उपयोग करना होगा, वह करेंगे.. किसी को रूकने की जरूरत नहीं होगी.

सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं के बारे में सदस्यों की चिंताओं पर गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में हर साल देश में डेढ लाख लोग मारे जाते हैं. इनमें से आधे लोगों की मौत के लिये रोड, इसका डीपीआर और रोड इंजीनियरिंग जिम्मेदार है.

उन्होंने कहा कि देशभर में 786 ब्लॉक स्पॉट की पहचान की गई है और इस संबंध में 15 हजार करोड़ रूपये की परियोजना तैयार की गई है. इसे विश्वबैंक और एशियाई विकास बैंक को दिया गया है.

गडकरी ने कहा कि पिछले पांच साल में देश में सड़क हादसों में केवल 3.5 से 4 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने सड़क दुर्घटनाओं में 15 प्रतिशत तक कमी लाने में सफलता हासिल की है.

उन्होंने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए हम संरक्षा सुरक्षा विधेयक सदन में लाना चाहते हैं जिसे 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने तैयार किया है.यह स्थाई समिति और संयुक्त प्रवर समिति दोनों में गया.

उन्होंने कहा कि सड़क हादसों से लोगों की जान बचाने के लिए विधेयक को संसद की मंजूरी जरूरी है.

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PRI GEN NAT
.NEWDELHI PAR14
LS-2ND LD GADKARI
If you want good service, you have to pay: Gadkari on toll
collection
         (Eds: Adding details)
         New Delhi, Jul 16 (PTI) Union minister Nitin Gadkari
Tuesday said people have to pay toll if they want good
roads, making it clear that the toll system would stay as the
government does not have enough funds.
         Replying to a discussion on demands for grants for the
Road Transport and Highways ministry in the Lok Sabha, he said
the government built 40,000 kilometres of highway in the last
five years.
         Amid concerns expressed by some members over collection
of toll in different parts of the country, Gadkari said that
money collected through toll from those areas which have
capacity to pay are utilised for building roads in rural and
hilly areas.
         "Toll zindagi bar band nahi ho sakta... kam zyaada ho
saktha hai. Toll ka jaanamdata mein hoon... (Toll system can
never end though the rates may vary from time to time. Toll is
my brain child," Gadkari said.
"If you want good services, you have to pay for it.
Government does not have money...," he stressed.
         Underlining that land acquisition is a major problem in
road construction projects, Gadkari urged that state
governments should come out with solutions and help find a way
out, Gadkari said.
         The minister said his ministry was not moving forward
with the project without 80 per cent of land acquisition and
this principle is being followed very strictly.
         Gadkari said land acquisition process is very slow in
West Bengal and Bihar.
         Noting that more than 400 projects worth 3.85 lakh crore
were closed when he assumed charge of the ministry in 2014,
Gadkari said the Modi government saved NPAs worth 3 lakh crore
during the past five years by beginning work on these
projects.
         "There were 403 projects pending when Narendra Modi came
to power involving a cost of 3,85,000 crore. It is a great
achievement of Indian government that we saved bankers of Rs 3
lakh crore of NPAs and now 90 per cent of projects are moving
fast," he said.
         Gadkari also informed the House that the ministry is
working on a new green expressway from New Delhi to Mumbai,
which can be covered in 12 hours. It will pass through most
backward and tribal areas of Rajasthan, Gujarat and
Maharashtra and also save Rs 16,000 crore in land acquisition.
         Gadkari referred to former US President John F Kennedy's
quote that "American roads are not good because America is
rich, but America is rich because American roads are good" to
emphasise on building good quality of highways and roads
across the country to boost its economy.
         Expressing pain over deaths caused by road accidents,
he said his ministry had identified 786 black spots and added
that poor engineering is one of the main reasons for them.
         Responding to demands of several MPs, he said he will
consider if school buses or state transport buses can be
exempt from tolls.
         The country has a shortage of over 25 lakh drivers and
told MPs that he will open a driving training centre in each
state.
         Gadkari said his ministry is working to make Delhi
pollution-free and added that pollution has come down by 32
per cent due to various efforts, including building peripheral
roads to prevent trucks bound for other states from entering
the national capital.
         All new vehicles from April 1, 2020 will comply with
Euro 6 emission norms, he said.
         Rejecting the charge from members of West Bengal and
Tamil Nadu that their states are being over-looked, Gadkari
said he makes no distinction between states.
         He said land acquisition is the biggest hurdle in road
projects in West Bengal.
         Replying to clarifications sought by members on the
Central Road Fund, Gadkari said he will talk to the Finance
Minister about this and ensure that local MPs have a role in
it.
         The Central Road Fund (CRF) is a non-lapsable fund
created under the Central Road Fund Act 2000. It is procured
out of cess/tax imposed by the Union Government on
consumption of petrol and diesel.
         CRF should be used to develop and maintain National
Highways, State roads (that have economic importance with
inter-state connectivity), rural roads, railway under/over
bridges etc, and national waterways (waterways from 2017
onwards only).
         In response to a question by National Conference member
Farooq Abdullah, Gadkari said his ministry has executed work
worth Rs 7000 crore in Jammu and Kashmir in the last five
years.
         Replying to a question on production of lithium
batteries, he said Toyota and Maruti have signed an agreement
to work in this sector.
         Gadkari said ISRO has been using lithium batteries in its
satellites and he also had a meeting with them to check new
technologies in this area.
         In response to concerns raised by Adhir Ranjan Chowdury,
Leader of Congress in Lok Sabha, over Chinese buying mines
from where lithium ore is sourced in different countries, he
Gadkari said, "We have to import and there is no doubt about
it. We have lost the opportunity," Gadkari said.
         He, however, expressed confidence that in coming years
there will be a technology to replace lithium.
         Gadkari said the government is coming up with a policy to
encourage Indian entities to get into this sector. PTI JTR KR
PR
DV
DV
07161443
NNNN
Last Updated : Jul 16, 2019, 5:53 PM IST
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