हैदराबाद : नेशनल उर्दू काउंसिल द्वारा आयोजित दो दिवसीय विश्व उर्दू सम्मेलन को संबोधित करते हुए आज शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि 2014 से 2020 के बीच में उर्दू की शिक्षा का बजट दोगुने से भी ज्यादा हो गया है और शिक्षण केंद्रों पर विद्यार्थियों की संख्या में भी अप्रत्याशित बढ़त हुई है.
वर्ष 2008 से 2014 के बीच उर्दू काउंसिल का कुल बजट 193.83 करोड़ था, जबकि पिछले पांच सालों में यह 402.56 करोड़ हो गया है. इतना ही नहीं, काउंसिल की समीक्षा के बाद जो आंकड़े शिक्षा मंत्री ने बताए उसके मुताबिक साल 2009 से 2014 के बीच देश भर में 468 केंद्रों पर छात्रों की कुल संख्या 106615 होती थी जो पिछले पांच सालों में बढ़ कर 1629000 हो गई है.
इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने उर्दू भाषा को और आगे बढ़ाने और उर्दू साहित्यकारों को सम्मानित करने के लिये अगले साल से वार्षिक पुरस्कार समारोह आयोजित करने की घोषणा भी की है. पुरस्कारों के नाम विख्यात उर्दू साहित्यकार, शायर और लेखकों के नाम पर होंगे. निशंक ने आगे कहा कि पुरस्कार योजना में अमीर खुसरो लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, मिर्जा गालिब, आगा हसीन कश्मीरी जैसे व्यक्तित्वों के नाम से होंगे.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं पर विशेष बल दिया गया है, ऐसे में 22 भारतीय भाषाओं में उर्दू भी शामिल हैं और इसका विशेष महत्व है. साहित्यकारों और लेखकों को उन्होंने सोशल मीडिया और ब्रॉडकास्ट मीडिया का इस्तेमाल कर अपने काम को पहचान दिलाने के लिये प्रेरित किया.
दो दिवसीय विश्व उर्दू सम्मेलन में कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत के अलावा कई अन्य देशों से भी लोग जुड़े हुए थे. अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री ने स्टडी इन इंडिया के तहत बाहर देश के छात्रों को भारत में आ कर उर्दू भाषा पढ़ने की बात कही.
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