नई दिल्ली : निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी होगी या एक साथ केंद्र की इस याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने 5 मार्च तक सुनवाई टाल दी है. अब सवाल यह है कि क्या 3 मार्च को दोषियों को फांसी दी जाएगी?
दूसरी तरफ निर्भया की मां ने कहा कि उन्हें उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट से जो फैसला आएगा उससे निर्भया के साथ-साथ जो बच्चियां ऐसे केस में जूझ रही हैं उनके लिए भी इंसाफ का रास्ता खुलेगा.
बता दें कि न्यायमूर्ति आर.भानुमति की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पी नेठ आज गृह मंत्रालय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की.
दिल्ली स्थित पटियाला कोर्ट ने दोषियों को तीन मार्च को फांसी देने के लिए आदेश दिया है.
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इससे पूर्व 22 फरवरी दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों में एक विनय कुमार शर्मा की याचिका खारिज कर दी थी . इस याचिका में उसने दावा किया था कि वह मानसिक बीमारी से जूझ रहा है और उसे उपचार की जरूरत है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषी विनय कुमार शर्मा द्वारा दाखिल याचिका खारिज कर दी थी .
याचिका में दावा किया गया था कि उसके माथे पर गहरी चोट है, दायीं बांह टूटी हुई है और उसपर प्लास्टर है. वह मानसिक बीमारी और सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त है .
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने उसके दावों को 'तोड़े मरोड़े गए तथ्यों का पुलिंदा’' बताया और अदालत से कहा कि सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि दोषी विनय कुमार शर्मा ने चेहरे को खुद ही जख्मी कर लिया और वह किसी मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त नहीं है .
जेल की तरफ से पेश मनोचिकित्सक ने कहा कि रोजाना आधार पर सभी चारों दोषियों की चिकित्सा जांच की गयी और सभी ठीक हैं .