नई दिल्ली : स्मार्टफोन के जरिए डेटा चुराने के लिए हैकर्स नए-नए तरीके खोज रहे हैं. अब हैकर्स ने एक नए ऐंड्रॉयड मैलवेयर को तैयार किया है, जो एक साथ ढेर सारा डेटा चुराने में सक्षम है. इस मैलवेयर का नाम ब्लैकरॉक (BlackRock) है, जो इस साल मई में सामने आया. खुफिया फर्म थ्रीटफेब्रिक (ThreatFabric) ने इसकी खोज की.
इस संबंध में कर्नल इंद्रजीत बताते हैं कि जब एप डिवाइस में इंस्टॉल होती है तो इसके बाद BlackRock दुर्भावनापूर्ण एप की एक्सेसिबिलिटी सर्विस के विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करके डेटा को इकट्ठा करता है, जिसके लिए यह पहली बार लॉन्च किए गए नकली गूगल (Google) अपडेट की आड़ में उपयोगकर्ताओं की अनुमति लेता है, डिवाइस पर जैसा कि स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है.
BlackRock ऐंड्रॉयड सेट तक पहुंचने के लिए ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की एक्सेसिबिलिटी सुविधा का उपयोग करता है. फिर डिवाइस तक पहुंच प्रदान करने के लिए ऐंड्रॉयड डिवाइस पॉलिसी कंट्रोलर का उपयोग करता है.
ThreatFabric ने अपनी रिपोर्ट में 337 एप्स की लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए यूजर्स के पासवर्ड और बैंकिंग कार्ड डेटा को चुराया जा सकता है. हैकर्स इसके लिए डेटिंग से लेकर, न्यूज, शॉपिंग, लाइफस्टाइल और प्रॉडक्टिविटी जैसे एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हैकर्स वित्तीय संस्थानों को अपना निशाना नहीं बनाते हैं. वे गैर वित्तीय संस्थान को निशाना बनाते हैं. यह केवल टिंडर, टिक टॉक, प्लेस्टेशन, फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्काइप, स्नैपचैट, ट्विटर, ग्राइंडर, वीके, नेटफ्लिक्स, उबर, ईबे, अमेजन, रेडिट और टंबलर को ही लक्षित नहीं करता परंतु अन्य एप्स को भी टारगेट करता है.
खुफिया फर्म ThreatFabric में विश्लेषक टीम के अनुसार, यह उपयोगकर्ता क्रेडेंशियल्स के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड का विवरण चोरी करने में सक्षम है.
कर्नल इंद्रजीत सलाह देते हैं कि एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें, एप्स को अपडेट करें. मोबाइल फोन में एक एंटी-वायरस रखें. ऐसा कोई भी एप डाउनलोड न करें जो हानिकारक साबित हो. अपने मोबाइल फोन की किसी भी ऐप की ऐसी अनुमित ने दें जो हानिकारक साबित हो सकती है.
साइबर सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर एन के गोयल का मत है कि हमें सुरक्षित रूप से अनुप्रयोगों का उपयोग करना चाहिए और मैलवेयर द्वारा बिछाए गए जाल में नहीं पड़ना चाहिए, जिससे वो अपना मूल्यवान डाटा खो दें.