नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की आवाजाही और उनके संपर्क में आने वाले लोगों (कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग) की निगरानी के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड की शुरुआत की.
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे पत्र में गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके पैतृक स्थानों की यात्रा के वास्ते बसों और श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से आवाजाही की पहले ही अनुमति दे दी है.
उन्होंने कहा कि प्रवासियों की आवाजाही के संबंध में सूचना हासिल करने और राज्यों में फंसे लोगों की सुचारू ढंग से आवाजाही के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने मौजूदा एनडीएमए-जीआईएस पोर्टल पर ‘राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली’ (एनएमआईएस) के नाम से एक ऑनलाइन डैशबोर्ड की शुरूआत की है.
भल्ला ने कहा कि पोर्टल सभी जानकारियों को बनाए रखेगा. उन्होंने कहा, 'इस प्रणाली से क्षेत्र अधिकारियों के स्तर पर अतिरिक्त काम किए बिना राज्यों के बीच तेजी से संचार में मदद मिलेगी.'
उन्होंने कहा, 'इसमें कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जैसे अतिरिक्त फायदे होंगे, जो कोविड-19 की दिशा में किए जाने वाले कार्यों के लिए उपयोगी हो सकते है.'
प्रवासी श्रमिकों से संबंधित प्रमुख जानकारियों में उनके नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, गंतव्य जिले, यात्री की तिथि रखना आदि शामिल हैं.
पत्र में कहा गया है कि राज्य यह देखने में सक्षम होंगे कि गंतव्य राज्यों में कहां और कितने लोग पहुंच रहे हैं. लोगों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कोविड-19 के दौरान कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए और आवाजाही की निगरानी के लिए किया जा सकेगा.
प्रत्येक प्रवासी के लिए एक विशिष्ट आईडी बनाई जाती है, जिसका उपयोग सभी तरह के विवरण के लिए किया जा सकता है. भारत सरकार के नोडल मंत्रालय इस पोर्टल के माध्यम से प्रवासियों की आवाजाही पर निगरानी भी रख सकते हैं.
लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही एक मानवीय संकट बन गई है. हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों को सड़कों और रेल पटरियों पर पैदल चलते हुए देखा गया.
गौरतलब है, महाराष्ट्र में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से इस तरह के 16 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि देश के विभिन्न हिस्सों में सड़क दुर्घटनाओं में 25 अन्य की मौत हुई थी.