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बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवलखा को दी राहत, दो दिसंबर तक गिरफ्तारी पर रोक - नवलखा को दो दिसंबर तक गिरफ्तारी से राहत

कोरेगांव भीमा गांव में हुई हिंसा मामले मेंं आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को न्यायालय ने राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर दो दिसंबर तक रोक लगा दी है.

नवलखा ( फाइल फोटो)
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Published : Nov 15, 2019, 9:22 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को राहत दी है. न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर दो दिसंबर तक रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति पी डी नाइक ने अग्रिम जमानत की नवलखा की याचिका पर सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तारीख निर्धारित की है. नवलखा की याचिका के साथ ही मामले में सह आरोपी आनंद तेलतुंबड़े की याचिका पर भी सुनवाई होगी.

पुणे पुलिस ने पिछले साल एक जनवरी को जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हुई हिंसा के मामले में नवलखा, तेलतुंबड़े और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इन सभी पर आरोप हैं कि ये प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के सक्रिय सदस्य हैं.

न्यायमूर्ति नाइक ने कहा, 'मौजूदा आवेदक (नवलखा) को दो दिसंबर तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया जाता है.' पीठ ने इस बात पर गौर किया कि नवलखा को अगस्त 2018 से इसी तरह का गिरफ्तारी से संरक्षण मिला है, जब वह मामले को रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय गए थे.

उनके वकील युग चौधरी ने न्यायमूर्ति नाइक को शुक्रवार को सूचित किया कि कार्यकर्ता को पिछले साल से गिरफ्तारी से संरक्षण मिला हुआ है और अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक इस रोक की अवधि बढ़ाए जाने से जांच बाधित नहीं होगी.

सितंबर में उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद नवलखा ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था.

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने गिरफ्तारी से रोक की उनकी अवधि को 12 नवंबर तक बढ़ाते हुए नवलखा को निर्देश दिया कि वह अग्रिम जमानत के लिए पुणे की संबंधित सत्र अदालत का रुख करें.

पढ़ें : कोरेगांव-भीमा मामला : SC से नवलखा को राहत, गिरफ्तारी से और चार हफ्ते की छूट

पुणे सत्र अदालत ने 12 नवंबर को नवलखा की अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी और शीर्ष अदालत से मिली राहत की अवधि बढ़ाने से भी इनकार कर दिया था. इसके बाद नवलखा ने 13 नवंबर को उच्च न्यायालय का रुख किया.

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को राहत दी है. न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर दो दिसंबर तक रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति पी डी नाइक ने अग्रिम जमानत की नवलखा की याचिका पर सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तारीख निर्धारित की है. नवलखा की याचिका के साथ ही मामले में सह आरोपी आनंद तेलतुंबड़े की याचिका पर भी सुनवाई होगी.

पुणे पुलिस ने पिछले साल एक जनवरी को जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हुई हिंसा के मामले में नवलखा, तेलतुंबड़े और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इन सभी पर आरोप हैं कि ये प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के सक्रिय सदस्य हैं.

न्यायमूर्ति नाइक ने कहा, 'मौजूदा आवेदक (नवलखा) को दो दिसंबर तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया जाता है.' पीठ ने इस बात पर गौर किया कि नवलखा को अगस्त 2018 से इसी तरह का गिरफ्तारी से संरक्षण मिला है, जब वह मामले को रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय गए थे.

उनके वकील युग चौधरी ने न्यायमूर्ति नाइक को शुक्रवार को सूचित किया कि कार्यकर्ता को पिछले साल से गिरफ्तारी से संरक्षण मिला हुआ है और अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक इस रोक की अवधि बढ़ाए जाने से जांच बाधित नहीं होगी.

सितंबर में उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद नवलखा ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था.

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने गिरफ्तारी से रोक की उनकी अवधि को 12 नवंबर तक बढ़ाते हुए नवलखा को निर्देश दिया कि वह अग्रिम जमानत के लिए पुणे की संबंधित सत्र अदालत का रुख करें.

पढ़ें : कोरेगांव-भीमा मामला : SC से नवलखा को राहत, गिरफ्तारी से और चार हफ्ते की छूट

पुणे सत्र अदालत ने 12 नवंबर को नवलखा की अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी और शीर्ष अदालत से मिली राहत की अवधि बढ़ाने से भी इनकार कर दिया था. इसके बाद नवलखा ने 13 नवंबर को उच्च न्यायालय का रुख किया.

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Navlakha gets interim protection from arrest till Dec 2
         Mumbai, Nov 15 (PTI) The Bombay High Court on Friday granted civil rights activist Gautam Navlakha interim protection from arrest till December 2 in the Koregaon Bhima violence case.
         Justice P D Naik posted Navlakha's anticipatory bail plea for hearing on December 2 along with a similar plea filed by co-accused Anand Teltumbde.
         The Pune police had booked Navlakha, Teltumbde and several other activists for their alleged involvement in the violence that took place in Koregaon Bhima village in the district on January 1 last year.
         It is alleged that the activists are active members of the banned organisation CPI (Maoist).
         "The present applicant (Navlakha) is granted interim protection from arrest till December 2," Justice Naik said.
         The bench took note of the fact that Navlakha was granted similar protection from arrest since August 2018 when he approached the high court seeking to quash the case.
         His counsel Yug Chaudhary on Friday informed Justice Naik that the activist has been given protection from arrest since last year and it would not hamper the probe if the same was extended till his anticipatory bail plea is heard by it.
         In September, a division bench of the high court had refused to quash the case, following which Navlakha had approached the Supreme Court.
         The apex court, while extending the interim protection till November 12, had directed Navlakha to approach the concerned sessions court in Pune seeking pre-arrest bail.
         On November 12, the Pune sessions court had rejected Navlakha's anticipatory bail plea and also refused to extend the protection granted to him by the apex court.
         Navlakha had then moved the high court on November 13. PTI SP ARU NP
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