नई दिल्ली : गुरु नानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाश गुरु पर्व को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली में श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया. इस दौरान राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गयूरुल हसन रिजवी ने कहा कि गुरु नानक देव ने पूरी दुनिया को एक करने के लिए जो संदेश दिया, वह प्रशंसनीय है.
सैयद रिजवी ने बताया कि सरकार ने जिन 6 अल्पसंख्यक धर्मों को मान्यता दी है, उनमें सिख समाज भी आता है और गुरु नानक देव जी इस समाज के सबसे बड़े गुरु हैं.
दिल्ली स्थित बंगला साहिब गुरुद्वारा के मुख्य पुजारी रंजीत सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी महाराज की 550वीं जयंती सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मनायी जा रही है. उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां करतारपुर मत्था टेकने पहुंचे थे तो वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुल्तानपुर लोधी में प्रकाश पर्व मनाया.
रंजीत सिंह ने कहा कि विदेशों में भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बढ़-चढ़कर इस पर्व को मनाने के लिए करतारपुर पहुंचे.
उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न धर्मों को यदि कोई प्रतिनिधित्व करता है तो वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग है क्योंकि आयोग ने सभी मुख्य धर्मों के प्रतिनिधि हैं, जो अपने समाज के लिए कार्य करते हैं.
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रंजीत सिंह ने इसके साथ ही कहा, 'मैं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से यह भी निवेदन करता हूं कि सभी धर्मों के दिवस को आयोग द्वारा ऐसे ही प्रति वर्ष मनाया जाए.'
बता दें कि गुरु नानक देव सिख समुदाय के संस्थापक और पहले गुरु थे. उन्होंने ही सिख समाज की नींव रखी और अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया. गुरु नानक देव ने सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान, ईरान और खाड़ी देशों में भी जाकर उपदेश दिये.
उल्लेखनीय है कि गुरु नानक का जन्म सन् 1469 को रायभोई की तलवंडी में हुआ था, जो अब पकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है.