ETV Bharat / bharat

बिहार : 69 साल के इस शख्स के हैं अजीब शौक, 7 बार लिम्का बुक में बनाई जगह - Apna Govind Calendar

वर्ष 2018 में ए 4 साइज का 'अपना गोविंद' कैलेंडर लिम्का बुक में दर्ज हुआ. इसमें माथुर ने गुरु गोविंद सिंह महाराज के संदेश सहित गुरु ग्रंथ साहिब जफरनामा शब्दावली को बखूबी समाहित करके यह उपलब्धि अपने नाम की है.

नरेश चंद्र माथुर
author img

By

Published : Aug 28, 2019, 4:58 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 3:08 PM IST

पटनाः हर किसी का अपना-अपना शौक होता है. लेकिन, जब शौक जुनून बन जाए तो मंजिल हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है. इसी जुनून का नतीजा है कि बिहार के नरेश चंद्र माथुर का नाम सात बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉडर्स में दर्ज हो चुका है.

लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
69 वर्षीय नरेश चंद्र माथुर का शौक बिल्कुल अलग है. स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक पद से अवकाश प्राप्त कर चुके माथुर ने अपनी अनोखी परिकल्पना से ऐसा कीर्तिमान बनाया है, जो दूसरों के लिए प्रेरणादायक है. लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 7 बार नाम दर्ज कराया.

नरेश चंद्र माथुर से बातचीत

कब-कब लिम्का बुक में नाम दर्ज:

  • साल 2013 : 1975 से दो प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार के संपादकीय का सबसे बड़ा संग्रह किया. इनके पास एक हजार संपादकीय की कटिंग का संग्रह है.
  • साल 2013 : जनवरी 2012 में पंच लाइन पुस्तक प्रकाशित हुई. इसमें 1112 कोट्स हैं. पुस्तक की खास बात यह है कि इसमें हर पन्ने के नीचे कैंसर जागरूकता के बारे में लिखा है.
  • साल 2014 : जून 2013 में दो प्रतिष्ठित अखबारों में छपे संपादकीय के अंश को प्रकाशित किया. इसमें 280 पेज की किताब प्रकाशित की गई. हर पेज के नीचे पानी बचाने का संदेश.
  • साल 2015 : 2014 में यूनिक न्यूज प्रकाशित हुई थी. इसमें 251 खबरें हैं, जो अलग-अलग अखबारों से इकट्ठा की गई है.
  • साल 2017 : माई कैलेंडर, माई मैसेज नाम से कैलेंडर बनाया था. हर कैलेंडर का थीम सामाजिक समस्याओं पर आधारित है. इसमें धूम्रपान निषेध और शिक्षा को लेकर संदेश दिए गए.
  • साल 2018 : ए 4 साइज का 'अपना गोविंद' कैलेंडर लिम्का बुक में दर्ज हुआ.
  • साल 2018 : शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेंट किया.

इतना ही नहीं, देश-विदेश में हाई पर्सनालिटी पर फेंके गए जूते की अखबारों में प्रकाशित खबरों की लंबी लिस्ट इनके पास आपको मिलेंगी. किताबों का शौक ऐसा कि माथुर साहब, हर शनिवार एक पुस्तक खरीदते हैं. इनकी लाइब्रेरी में 33 सौ से अधिक पुस्तकें हैं.

etvbharat
लिम्का बुक में दर्ज नाम

इस्लाम और ईसाई धर्म का अध्ययन
नरेश चंद्र माथुर राजधानी पटना के नाला रोड के रहने हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक पद से रिटायर होने के बाद सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म पर विस्तृत अध्ययन किया. इन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी से सिख धर्म पर अध्ययन किया.

'अपना गोविंद' कैलेंडर
साल 2018 में ए 4 साइज का 'अपना गोविंद' कैलेंडर लिम्का बुक में दर्ज हुआ. इसमें माथुर ने गुरु गोविंद सिंह महाराज के संदेश सहित गुरु ग्रंथ साहिब जफरनामा शब्दावली को बखूबी समाहित करके यह उपलब्धि अपने नाम किया है. इस कैलेंडर को जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने प्रकाश उत्सव के दौरान जारी किया था.

etvbharat
एनसी माथुर के संग्रह

कैलेंडर की विशेषता यह है कि इसमें दिन के स्थान पर 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक की तिथि दी गई है. पिछले साल इनके जरिए बनाए गए कैलेंडर 'सिखिज्म ग्लोबल वैल्यू' को यह उपलब्धि हासिल हुई थी. इस कैलेंडर में सिख के 10 गुरुओं के नाम और उनकी विशेषता समेत उनके चिंतन विचार और व्यावहारिक आदर्शों को शामिल किया गया है.

संपादकीय संग्रह का शौक
एसबीआई में सहायक महाप्रबंधक के पद से रिटायर्ड माथुर 1975 में अंग्रेजी और हिंदी अखबारों में छपी सामाजिक मुद्दे पर केंद्रीय संपादकीय की कटिंग संग्रह भी करते थे, इसके लिए 2013 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया गया था, इसके साथ ही यूनिक कलेक्शन कोटेशन कैंसर जागरूकता, सेव वाटर के साथ-साथ उन्होंने पुलिस कैलेंडर भी बनाया था.

शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सर्टिफिकेट में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले नरेश चंद्र माथुर को इस उपलब्धि के लिए 1948 बैच के 94 वर्षीय आइएएस सरदि शरण सिंह ने उन्हें सम्मानित किया था. इसके अलावा शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर पिछले साल राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेंट किया.

पढ़ें-CISF के जवान ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, पैसों से भरा बैग लौटाया

माथुर ने आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से सिख दर्शन पर अपने विचार देकर एक अलग पहचान बनाई है. अभी वह गुरु ग्रंथ साहिब जी और सिख डिक्शनरी को संशोधित कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने इस्लाम और ईसाई धर्म को लेकर भी नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सर्टिफिकेट हासिल किया है.

पटनाः हर किसी का अपना-अपना शौक होता है. लेकिन, जब शौक जुनून बन जाए तो मंजिल हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है. इसी जुनून का नतीजा है कि बिहार के नरेश चंद्र माथुर का नाम सात बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉडर्स में दर्ज हो चुका है.

लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
69 वर्षीय नरेश चंद्र माथुर का शौक बिल्कुल अलग है. स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक पद से अवकाश प्राप्त कर चुके माथुर ने अपनी अनोखी परिकल्पना से ऐसा कीर्तिमान बनाया है, जो दूसरों के लिए प्रेरणादायक है. लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 7 बार नाम दर्ज कराया.

नरेश चंद्र माथुर से बातचीत

कब-कब लिम्का बुक में नाम दर्ज:

  • साल 2013 : 1975 से दो प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार के संपादकीय का सबसे बड़ा संग्रह किया. इनके पास एक हजार संपादकीय की कटिंग का संग्रह है.
  • साल 2013 : जनवरी 2012 में पंच लाइन पुस्तक प्रकाशित हुई. इसमें 1112 कोट्स हैं. पुस्तक की खास बात यह है कि इसमें हर पन्ने के नीचे कैंसर जागरूकता के बारे में लिखा है.
  • साल 2014 : जून 2013 में दो प्रतिष्ठित अखबारों में छपे संपादकीय के अंश को प्रकाशित किया. इसमें 280 पेज की किताब प्रकाशित की गई. हर पेज के नीचे पानी बचाने का संदेश.
  • साल 2015 : 2014 में यूनिक न्यूज प्रकाशित हुई थी. इसमें 251 खबरें हैं, जो अलग-अलग अखबारों से इकट्ठा की गई है.
  • साल 2017 : माई कैलेंडर, माई मैसेज नाम से कैलेंडर बनाया था. हर कैलेंडर का थीम सामाजिक समस्याओं पर आधारित है. इसमें धूम्रपान निषेध और शिक्षा को लेकर संदेश दिए गए.
  • साल 2018 : ए 4 साइज का 'अपना गोविंद' कैलेंडर लिम्का बुक में दर्ज हुआ.
  • साल 2018 : शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेंट किया.

इतना ही नहीं, देश-विदेश में हाई पर्सनालिटी पर फेंके गए जूते की अखबारों में प्रकाशित खबरों की लंबी लिस्ट इनके पास आपको मिलेंगी. किताबों का शौक ऐसा कि माथुर साहब, हर शनिवार एक पुस्तक खरीदते हैं. इनकी लाइब्रेरी में 33 सौ से अधिक पुस्तकें हैं.

etvbharat
लिम्का बुक में दर्ज नाम

इस्लाम और ईसाई धर्म का अध्ययन
नरेश चंद्र माथुर राजधानी पटना के नाला रोड के रहने हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक पद से रिटायर होने के बाद सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म पर विस्तृत अध्ययन किया. इन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी से सिख धर्म पर अध्ययन किया.

'अपना गोविंद' कैलेंडर
साल 2018 में ए 4 साइज का 'अपना गोविंद' कैलेंडर लिम्का बुक में दर्ज हुआ. इसमें माथुर ने गुरु गोविंद सिंह महाराज के संदेश सहित गुरु ग्रंथ साहिब जफरनामा शब्दावली को बखूबी समाहित करके यह उपलब्धि अपने नाम किया है. इस कैलेंडर को जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने प्रकाश उत्सव के दौरान जारी किया था.

etvbharat
एनसी माथुर के संग्रह

कैलेंडर की विशेषता यह है कि इसमें दिन के स्थान पर 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक की तिथि दी गई है. पिछले साल इनके जरिए बनाए गए कैलेंडर 'सिखिज्म ग्लोबल वैल्यू' को यह उपलब्धि हासिल हुई थी. इस कैलेंडर में सिख के 10 गुरुओं के नाम और उनकी विशेषता समेत उनके चिंतन विचार और व्यावहारिक आदर्शों को शामिल किया गया है.

संपादकीय संग्रह का शौक
एसबीआई में सहायक महाप्रबंधक के पद से रिटायर्ड माथुर 1975 में अंग्रेजी और हिंदी अखबारों में छपी सामाजिक मुद्दे पर केंद्रीय संपादकीय की कटिंग संग्रह भी करते थे, इसके लिए 2013 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया गया था, इसके साथ ही यूनिक कलेक्शन कोटेशन कैंसर जागरूकता, सेव वाटर के साथ-साथ उन्होंने पुलिस कैलेंडर भी बनाया था.

शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सर्टिफिकेट में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले नरेश चंद्र माथुर को इस उपलब्धि के लिए 1948 बैच के 94 वर्षीय आइएएस सरदि शरण सिंह ने उन्हें सम्मानित किया था. इसके अलावा शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर पिछले साल राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेंट किया.

पढ़ें-CISF के जवान ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, पैसों से भरा बैग लौटाया

माथुर ने आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से सिख दर्शन पर अपने विचार देकर एक अलग पहचान बनाई है. अभी वह गुरु ग्रंथ साहिब जी और सिख डिक्शनरी को संशोधित कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने इस्लाम और ईसाई धर्म को लेकर भी नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सर्टिफिकेट हासिल किया है.

Intro: spl story

बिहार में धर्म को लेकर अध्ययन करने की पुरानी परंपरा रही है, जो आज भी जारी है, हर व्यक्ति का अपना अपना शौक होता है, लेकिन शौक में जब इनोवेशन और कुछ अलग करने का जुनुन आ जाए तो कीर्तिमान बनने को अग्रसर होता है, कुछ ऐसे ही इनोवेशन और अनोखे शौक से अपनी पहचान बना चुके नरेश चंद्र माथुर से आज रूबरू होंगे जिन्होंने दूसरे धर्म पर न केवल अध्ययन किया बल्कि उसके कई प्रमाणिक रचनाएं भी की जिसको लेकर उन्हें राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार और लिम्का बुक में नाम दर्ज कराया है,ईटीवी भारत पर संवाददाता शशि तुलस्यान के खास बातचीत:---


Body: नरेश चंद्र माथुर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक पद से रिटायर होने के बाद सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म पर विस्तृत अध्ययन किया और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाएं इन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी से सिख धर्म पर अध्ययन किया,
भारतीय स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक पद से अवकाश प्राप्त कर चुके 69 वर्षीय नरेश चंद्र माथुर ने अपनी अनोखी परिकल्पना से लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 7 बार नाम दर्ज करा कर ऐसा कृतिमान बनाया है जो दूसरों के लिए प्रेरणादायक है
वर्ष 2018 में ए 4 साइज का "अपना गोविंद" कैलेंडर लिम्का बुक में दर्ज हुआ है, इसमें माथुर ने गुरु गोविंद सिंह महाराज के संदेश सहित गुरु ग्रंथ साहिब जफरनामा शब्दावली को बखूबी समाहित करके यह उपलब्धि अपने नाम किया है, पिछले साल सिखिज्म ग्लोबल वैल्यू का यह उपलब्धि हासिल हुई थी, इस कैलेंडर में सिख के 10 गुरुओं के नाम और उनकी विशेषता सहित उनकी चिंतन विचार और व्यावहारिक आदर्शों को शामिल किया है
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सर्टिफिकेट में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले नरेश को इस उपलब्धि के लिए 1948 बैच के 94 वर्षीय आइएएस सरदि शरण सिंह ने सम्मानित और उन्हें उत्साहित किया

शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर गत वर्ष राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेंट कर उन्हें विषयक मानव श्रृंखला के समर्थन में अपना योगदान के लिए प्रशंसापत्र पात्र बने, आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से भी सीख दर्शन पर अपने विचारों से अपनी अलग पहचान बनाने वाले नरेश चंद्र माथुर हैं


Conclusion:राजधानी पटना के नाला रोड के रहने वाले नरेश चंद्र माथुर ने सीख और इस्लाम पर अध्ययन कर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई हैं, उन्होंने न केवल नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सिख धर्म पर बल्कि गुरु गोविंद सिंह महाराज पर A4 साइज टेबल कैलेंडर भी लॉन्च किया, यह नेशनल रिकॉर्ड भी था, सिखिज्म ग्लोबल वैल्यू उस पर भी उन्होंने इसी प्रकार का कैलेंडर बनाया और इसके लिए भी उन्हें लिम्का बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ, अभी वह गुरु ग्रंथ साहिब जी और सिख डिक्शनरी को संशोधित कर रहे हैं इसके अलावा उन्होंने इस्लाम और ईसाई धर्म को लेकर भी नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सर्टिफिकेट हासिल किया है,
दशमेश गुरु से गोविंद सिंह के 350 में प्रकाश उत्सव के दौरान नरेश चंद्र माथुर द्वारा जारी किया गया कैलेंडर अपना गोविंद को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2018 में जगह मिली, इस कैलेंडर को जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह प्रकाश उत्सव के दौरान जारी किया था, कैलेंडर की विशेषता यह है कि इसमें दिन के स्थान पर 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक की तिथि दी गई है, इसी कैलेंडर में दशमेश गुरु गोविंद सिंह का संदेश प्रकाशित किया गया था, एसबीआई में सहायक महाप्रबंधक के पद से रिटायर्ड माथुर 1975 में अंग्रेजी और हिंदी अखबारों में छपी सामाजिक मुद्दे पर केंद्रीय संपादकीय की कटिंग संग्रह भी करते हैं, इसके लिए 2013 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया गया था, इसके साथ ही यूनिक कलेक्शन कोटेशन कैंसर जागरूकता, सेव वाटर, के साथ साथ उन्होंने पुलिस कैलेंडर भी बनाया था



इंटरव्यू...नरेश चंद्र माथुर(लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड मे नाम दर्ज कराने वाले)
Last Updated : Sep 28, 2019, 3:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.