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कोरोना संकट के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार : कांग्रेस - ताली और थाली बजवाई

कांग्रेस पार्टी में लौटने के बाद वरिष्ठ नेता डॉ. शकील अहमद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पार्टी बिहार में चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. वहीं, सीडब्ल्यूसी की बैठक और 23 नेताओं के पत्रों के बाद शुरू हुए विवाद के बारे में शकील अहमद ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है.

डॉ शकील अहमद
डॉ शकील अहमद
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Published : Aug 31, 2020, 10:07 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 10:57 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी में लौटने के बाद वरिष्ठ नेता डॉ. शकील अहमद ने कहा कि पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर चुनाव होते रहे हैं और सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद सभी सवालों के जवाब मिल गए हैं.

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं की है, लेकिन चुनाव आयोग ने कोविड महामारी के दौरान चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है.

वहीं भाजपा ने भी राज्य में अपनी तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन महागठबंधन में दलों के बीच रस्साकशी जारी है, हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शकील अहमद का कहना है कि गठबंधन दल अपना काम कर रहे हैं और बिहार भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अलावा, अन्य दल हैं, जिनके साथ कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में सीट वितरण और अन्य मुद्दों पर चर्चा कर लेगी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य की जनता बिहार में महामारी, बाढ़ के दौरान सरकार की तैयारी और लोगों के प्रति असंवेदनशीलता से नीतीश कुमार और भाजपा से नाराज है, जिससे कांग्रेस गठबंधन को लाभ होगा.

ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में डॉ. शकील अहमद ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार में चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन देश और बिहार में कोरोना के मामले में लगातर वृद्धि दर्ज की जा रही है, इसलिए ऐसी स्थिति में चुनाव कराना बेहतर नहीं है. हमने उच्चतम न्यायलय का दरवाजा खटखटाया है.

सीडब्ल्यूसी की बैठक और 23 नेताओं के पत्रों के बाद शुरू हुए विवाद के बारे में, शकील अहमद ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है, हालांकि बैठक के बाद संगठनात्मक स्तर पर चुनाव के बारे में पार्टी में आवाज उठाई गई और कांग्रेस में हमेशा संगठनात्मक स्तर पर चुनाव होते रहे हैं.

पढे़ं - 'चीनी चालबाजी' पर कांग्रेस आक्रामक, पूछा- पीएम की 'लाल आंखें' कब दिखेंगी?

देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नमस्ते ट्रंप के कारण देश में लॉकडाउन में देरी हुई और इसे बहुत जल्दबाजी के साथ लागू किया गया, जिससे कई लोग परेशान हुए.

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच के बजाय, प्रधानमंत्री ने देशभर में ताली और थाली बजवाई, टॉर्च और मोबाइल फोन से रोशनी करवाई, जबकि देश में जांच और अस्पताल प्रणाली को सुधारने की आवश्यकता थी.

डॉ. शकील अहमद ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य सरकार का विषय है, लेकिन मोदी सरकार ने इसे अपने हाथों में लिया और राज्य सरकारों को भी विश्वास में नहीं लिया.

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी में लौटने के बाद वरिष्ठ नेता डॉ. शकील अहमद ने कहा कि पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर चुनाव होते रहे हैं और सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद सभी सवालों के जवाब मिल गए हैं.

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं की है, लेकिन चुनाव आयोग ने कोविड महामारी के दौरान चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है.

वहीं भाजपा ने भी राज्य में अपनी तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन महागठबंधन में दलों के बीच रस्साकशी जारी है, हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शकील अहमद का कहना है कि गठबंधन दल अपना काम कर रहे हैं और बिहार भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अलावा, अन्य दल हैं, जिनके साथ कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में सीट वितरण और अन्य मुद्दों पर चर्चा कर लेगी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य की जनता बिहार में महामारी, बाढ़ के दौरान सरकार की तैयारी और लोगों के प्रति असंवेदनशीलता से नीतीश कुमार और भाजपा से नाराज है, जिससे कांग्रेस गठबंधन को लाभ होगा.

ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में डॉ. शकील अहमद ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार में चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन देश और बिहार में कोरोना के मामले में लगातर वृद्धि दर्ज की जा रही है, इसलिए ऐसी स्थिति में चुनाव कराना बेहतर नहीं है. हमने उच्चतम न्यायलय का दरवाजा खटखटाया है.

सीडब्ल्यूसी की बैठक और 23 नेताओं के पत्रों के बाद शुरू हुए विवाद के बारे में, शकील अहमद ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है, हालांकि बैठक के बाद संगठनात्मक स्तर पर चुनाव के बारे में पार्टी में आवाज उठाई गई और कांग्रेस में हमेशा संगठनात्मक स्तर पर चुनाव होते रहे हैं.

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देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नमस्ते ट्रंप के कारण देश में लॉकडाउन में देरी हुई और इसे बहुत जल्दबाजी के साथ लागू किया गया, जिससे कई लोग परेशान हुए.

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच के बजाय, प्रधानमंत्री ने देशभर में ताली और थाली बजवाई, टॉर्च और मोबाइल फोन से रोशनी करवाई, जबकि देश में जांच और अस्पताल प्रणाली को सुधारने की आवश्यकता थी.

डॉ. शकील अहमद ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य सरकार का विषय है, लेकिन मोदी सरकार ने इसे अपने हाथों में लिया और राज्य सरकारों को भी विश्वास में नहीं लिया.

Last Updated : Aug 31, 2020, 10:57 PM IST
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