रामपुर/अमरोहा : कोरोना महामारी की वजह से तकरीबन दो महीने से पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. देश के अंदर सभी समजिक और धार्मिक उत्सवों पर रोक लगी हुई है. साथ ही सभी धर्मो के पूजा स्थल को भी बंद कराया गया है. अभी मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान चल रहा है. कुछ दिनों में ही ईद का त्योहार आने वाला है. जिसमें इस्लाम धर्म के मानने वाले लोग सैकड़ों की संख्या में ईदगाह में जाकर नमाज अदा करते है. लेकिन इस बार महामारी के कारण सभी धार्मिक क्रियाकलापों पर रोक लगी हुई है, जिससे ईद की नमाज जमात के साथ पढ़ना संभव नहीं है.
इस बीच प्रदेश के कई उलमाओं ने आज प्रशसान के आला अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे ईद की नमाज के लिए कुछ देर की मोहलत देने की मांग की. लेकिन उच्च अधिकारियों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की तरफ से लागू किए गए दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए उनकी मांग खारिज कर दी. इसके बाद धर्म गुरुओं ने मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील जारी की है.
इसके बाद मुस्लिम धर्म के सभी फिरकों के धर्मगुरुओं ने अपनी-अपनी तरफ से अपील जारी की है. अपील में धर्मगुरुओं ने लोगों से अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा करने और ईद के दिन सड़कों पर भीड़-भाड़ न लगाए जाने की अपील की.
कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सुन्नी धर्म गुरु मुफ्ती रजा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अलविदा जुमा और ईद की नमाज अपने घरों पर ही पढ़ें.
मुफ्ती रजा ने कहा कि मस्जिदों में नमाज पढ़ने से सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो पाएगा, जिसकी वजह से बीमारी के फैलने का खतरा हो सकता है. इसलिए सरकार के बनाए दिशानिर्देशों का पालन सभी लोग ताकीद से करें.
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वहीं एक दूसरे धर्म गुरु मौलाना तौहिद रजा ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा बनाए गए नियम का पालन करें, अलविदा जुमा की नमाज और ईद की नमाज अपने घरों पर ही अदा करें एवं कोरोना की लड़ाई में सरकार और प्रशासन की मदद करें.