नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के सामने मुनिरका इलाके में जर्जर हुई एक इमारत को 72 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद गिरा दिया गया. साउथ एमसीडी के अधिकारियों ने रविवार सुबह कड़ी महनत के बाद ये कामयाबी हासिल की. देखते-ही-देखते छह मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. अब डीएमसी एक्ट के तहत इसके मालिक पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें, इमारत का मालिक पीडब्ल्यूडी का रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर है.
गुरुवार को झुकी थी बिल्डिंग
साउथ एमसीडी के इंजीनियरिंग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस विषय में जानकारी देते हुए कहा कि गुरुवार को उन्हें इस बिल्डिंग के झुकने का पता चला था. एहतियातन इसके आसपास की दो अन्य बिल्डिंग से लोगों को बाहर निकाल लिया गया था. तभी से इसकी प्लानिंग चल रही थी कैसे इस बिल्डिंग को गिराया जाए. आखिरकार आज सुबह 11 बजे इसे गिरा लिया गया. बिल्डिंग गिरने से इसके बराबर की एक अन्य बिल्डिंग को भी नुकसान पहुंचा है, ये बिल्डिंग भी उसी व्यक्ति की है.
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मुनिरिका गांव में और भी हैं ऐसी बिल्डिंग
निगम अधिकारी ने बताया कि वैसे तो छह मंजिला इमारत की इजाजत नहीं है लेकिन मुनिरका गांव में ऐसे कई घर हैं, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया हुआ है. जब भी यहां निगम की टीम कार्रवाई करने पहुंचती है तब उन्हें गांव वाले खदेड़ कर बाहर निकाल देते हैं. मौजूदा समय की बात करते हुए वो कहते हैं कि डीएमसी एक्ट के हिसाब से बिल्डिंग डिमोलिशन करने और उसका चार्ज वसूल कर एफआइआर तक की कार्रवाई साउथ एमसीडी कर सकती है.
रहते थे लगभग 60 लोग
जानकारी के मुताबिक इस बिल्डिंग में कुल 10 कमरे थे, जिसमें लगभग 60 लोग रहते थे. तीन दिन इलाके के लोगों ने दहशत में काटे हैं. निगम के कर्मचारी अब तक इसका मलबा साफ कर रहे हैं.