नई दिल्ली : उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के निवासी कमलेश भट्ट का शव दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर उनके परिवार के सदस्यों ने प्राप्त कर लिया है. बता दें कि पिछले हफ्ते कमलेश के शव को इमिग्रेशन संबंधी कुछ समस्याओं के कारण अबू धाबी लौटा दिया गया था. कमलेश आबू धाबी में नौकरी करते थे और हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई थी.
गौरतलब है कि गत 17 अप्रैल को दिल का दौरा पड़ने से कमलेश भट्ट की मृत्यु हो गई थी. उनका शव दिल्ली हवाईअड्डे तक लाया गया था, लेकिन आव्रजन संबंधी कुछ समस्याओं के कारण उसे अबू धाबी लौटा दिया गया था.
कमलेश का शव प्राप्त करने वाले उनके छोटे भाई विमलेश ने ईटीवी भारत को बताया, 'पिछले कुछ दिनों में जो कुछ भी हुआ, वह भारत सरकार के लिए शर्मनाक था, यह मंत्रालयों के बीच समन्वय की कमी का स्पष्ट मामला था.' उन्होंने ईटीवी भारत का अभार जताते हुए कहा कि, 'मुझे ईटीवी भारत और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म्स के सहयोग के कारण ही मेरे भाई का शव वापस मिला है.'
विमलेश ने कहा, 'यह मीडिया ही है, जो इस मामले को सरकार के सामने लाया. मुझे उम्मीद है कि ईटीवी भारत अपनी जमीनी स्तर की पत्रकारिता करता रहेगा ताकि आम लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचे.'
विमलेश ने कहा, 'मैं दिल्ली उच्च न्यायालय का भी धन्यवाद करता हूं, जिसने इस मामले में हस्तक्षेप किया और सरकार ने मेरे भाई के शव को वापस लाने की अनुमति दी. मैं सरकार से केवल यही कहना चाहता हूं कि वह अपने मंत्रालयों के बीच समुचित समन्वय स्थापित करे ताकि जिन समस्याओं का सामना हम आज कर रहे हैं, वह फिर किसी और के साथ न हो.'
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बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि हाल में संयुक्त अरब अमीरात में मरे उस भारतीय नागरिक का शव कहां और किस हालत में है, इस बारे में वह संबंधित दूतावास से पता लगाएगी.
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अदालत में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया था कि भट्ट का पार्थिव शरीर वापस लाने का निर्देश दिया जाए, इसी पर केन्द्र सरकार अपना जवाब दे रही थी. याचिका में कहा गया था कि इत्तिहाद हवाईअड्डे से मालवाहक विमान से पूरे सम्मान के साथ भट्ट का शव 23 अप्रैल को यूएई से दिल्ली लाया गया.
न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस मामले की सुनवाई की. विमलेश ने याचिका दायर कर अपने 24 साल के भाई का पार्थिव शरीर वापस लाने का अनुरोध किया था.