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अगस्त के आखिरी सप्ताह में शुरू हो सकता है संसद का मानसून सत्र - monsoon session of Parliament

सरकार अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह से संसद के मानसून सत्र की संभावना पर विचार कर रही है, जिसमें कार्यवाही के दौरान सदस्य उपस्थित हों.

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Published : Jul 1, 2020, 6:59 PM IST

नई दिल्ली : सरकार अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह से संसद के मानसून सत्र की संभावना पर विचार कर रही है, जिसमें कार्यवाही के दौरान सदस्य उपस्थित हों. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं किया गया है और यह स्पष्ट करना मुश्किल होगा कि सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करते हुए सत्र कैसे आयोजित किया जाएगा.

सरकार के सूत्रों ने कहा कि सत्र की अवधि और इसके आयोजन का तरीका सत्र की शुरुआत के समय मौजूदा स्थिति पर निर्भर करेंगे. हालांकि सरकार का इरादा पूर्ण सत्र आयोजित करने का है.

सूत्रों ने कहा कि कई अध्यादेश हैं जिन्हें संसद में पेश करने की आवश्यकता है. इसलिए सत्र सामान्य अवधि का होगा.

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र निश्चित रूप से 22 सितंबर से पहले शुरू हो जाएगा क्योंकि दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतराल नहीं हो सकता है.

संसद का बजट सत्र तीन अप्रैल तक निर्धारित था लेकिन उससे पहले ही 23 मार्च को सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था.

सूत्रों ने कहा कि कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इनमें एक विकल्प यह भी है कि लोकसभा की बैठक केंद्रीय कक्ष (सेंट्रल हॉल) में हो वहीं राज्यसभा की बैठक लोकसभा में आयोजित की जाए.

इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू सामाजिक दूरी जैसे मानदंडों के साथ संसद के मानसून सत्र आयोजित करने पर चर्चा करते रहे हैं.

बिरला और नायडू दोनों ने भविष्य में विकल्प के तौर पर डिजिटल संसद की संभावना पर भी विचार किया है.

नई दिल्ली : सरकार अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह से संसद के मानसून सत्र की संभावना पर विचार कर रही है, जिसमें कार्यवाही के दौरान सदस्य उपस्थित हों. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं किया गया है और यह स्पष्ट करना मुश्किल होगा कि सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करते हुए सत्र कैसे आयोजित किया जाएगा.

सरकार के सूत्रों ने कहा कि सत्र की अवधि और इसके आयोजन का तरीका सत्र की शुरुआत के समय मौजूदा स्थिति पर निर्भर करेंगे. हालांकि सरकार का इरादा पूर्ण सत्र आयोजित करने का है.

सूत्रों ने कहा कि कई अध्यादेश हैं जिन्हें संसद में पेश करने की आवश्यकता है. इसलिए सत्र सामान्य अवधि का होगा.

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र निश्चित रूप से 22 सितंबर से पहले शुरू हो जाएगा क्योंकि दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतराल नहीं हो सकता है.

संसद का बजट सत्र तीन अप्रैल तक निर्धारित था लेकिन उससे पहले ही 23 मार्च को सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था.

सूत्रों ने कहा कि कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इनमें एक विकल्प यह भी है कि लोकसभा की बैठक केंद्रीय कक्ष (सेंट्रल हॉल) में हो वहीं राज्यसभा की बैठक लोकसभा में आयोजित की जाए.

इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू सामाजिक दूरी जैसे मानदंडों के साथ संसद के मानसून सत्र आयोजित करने पर चर्चा करते रहे हैं.

बिरला और नायडू दोनों ने भविष्य में विकल्प के तौर पर डिजिटल संसद की संभावना पर भी विचार किया है.

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