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अगस्त के आखिरी हफ्ते में संसद का मानसून सत्र!, जानें क्या बोले शिव प्रताप शुक्ला

संसद के मानसून सत्र को लेकर दोनों सदन तैयारियों में जुटे हुए हैं. हालांकि अभी सत्र की तारिख फाइनल नहीं हुई है. वहीं भाजपा के राज्यसभा के नवनियुक्त चीफ व्हीप शिव प्रताप शुक्ला ने बताया की विपक्ष का काम है सरकार पर सवाल उठाना और कभी-कभी ऐसे सवाल भी उठाती है जो बहुत ही हास्यास्पद होते हैं.

Shiv Pratap Shukla
Shiv Pratap Shukla
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Published : Aug 8, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Aug 8, 2020, 9:00 PM IST

नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 22 सितंबर से पहले शुरू हो सकता है. संसद का सत्र कोविड की वजह से 23 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. जबकि निर्धारित समय के अनुसार सत्र 3 अप्रैल तक चलना था. वहीं संसद का सत्र अगस्त के आखिरी हफ्ते में शुरू हो सकता है, लेकिन कुछ और देर से शुरू होने की संभावनाएं जताई जा रही है.

शिव प्रताप शुक्ला से विशेष बातचीत
आने वाले मानसून सत्र के लिए सरकार और लोकसभा, राज्यसभा सचिवालय पूरी तरह से तैयारी में जुट गया है. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला लगातार सचिवालय के अधिकारियों के साथ सदस्यों को बैठाने और दोनों सदनों की बैठक एक साथ चल सके इन विकल्पों पर लगातार चर्चा कर रहे हैं.

खबरें यह भी आ रही है कि संसद का सत्र अलग-अलग दिन यानी राज्यसभा और लोकसभा अलग-अलग बैठेगी ऐसा ना होकर दोनों सदनों की बैठक एक साथ चल सके ऐसी व्यवस्था संसद सचिवालय के माध्यम से की जा रही है. सूत्रों की मानें तो सांसदों के बैठने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार चल रहा है. दोनों सदनों की गैलरी में साथ ही सेंट्रल हॉल में और पुस्तकालय भवन के बाल योगी सभागार में भी बैठने की व्यवस्था की जा सकती है.

सत्र की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन 22 सितंबर से पहले होना अनिवार्य है. क्योंकि संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से अधिक समय का गैप नहीं हो सकता. संसद का बजट सत्र 23 मार्च को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था.

संसद के राज्यसभा और लोकसभा सचिवालय को आगामी मानसून सत्र के लिए जरूरी इंतजाम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिनमें सदस्यों की शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जा सके और वह प्रत्यक्ष रूप से भाग ले सकें. यही नहीं अधिकारियों को सूचित किया गया है कि दोनों सदनों की बैठक उनके संबंधित कार्यालय से ही संचालित किए जाने की संभावना है.

हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए संसद सत्र में क्या सभी सांसद या वरिष्ठ सांसद पहुंच पाएंगे? इस बात को लेकर सरकार और संसद सचिवालय के बीच अभी भी आशंकाएं बनी हुई हैं. कई राज्यों में अभी भी दिल्ली-मुंबई से जाने के बाद क्वारंटाइन का नियम लागू है और इस बात को लेकर तमाम सांसदों ने सभापति और लोकसभा अध्यक्ष से संबंधित सवाल किए हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय में प्रतिदिन सांसदों के सवालों का निपटारा किया जा रहा है और ज्यादातर सवाल महामारी में सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र से किस तरह संसद के सत्र में भाग लें और क्या उनके साथ क्वारंटाइन का नियम पालन किया जाएगा या फिर क्या वह वर्चुअल माध्यम से संसद की कार्रवाई में भाग ले सकते हैं.

एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि सांसदों के बीच कोविड-19 की महामारी का खौफ बहुत ज्यादा है और वह यात्रा करने से डर रहे हैं. खासतौर पर जो वरिष्ठ सांसद हैं उनकी सबसे ज्यादा समस्याएं हैं और दिल्ली में जिस तरह से कोरोना के मामले लगातार बढ़े हैं, इस बात को लेकर वरिष्ठ सांसद सबसे ज्यादा चिंतित हैं. हालांकि मॉनसून सत्र को लेकर सरकार की तरफ से फिलहाल कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन मानसून सत्र की बैठक को लेकर संसद के दोनों सदनों की तैयारी तेज है.

पढ़ें-जाधव मामले में पाक की अदालत ने तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया

इस संबंध में ईटीवी भारत से भाजपा के राज्यसभा के नवनियुक्त चीफ व्हीप शिव प्रताप शुक्ला ने बताया की विपक्ष का काम है सरकार पर सवाल उठाना और कभी-कभी ऐसे सवाल भी उठाती है जो बहुत ही हास्यास्पद होते हैं. किस तरह से नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोरोना की इस महामारी में भी देश के लिए अच्छा काम किया है, वह अत्यंत सराहनीय है. जहां तक सवाल चीन पर है चीन पर जब भी राहुल गांधी सवाल करते हैं तो उनके होमवर्क सही नहीं होते.

इससे पहले चीन को इस तरह का मुंहतोड़ जवाब किसी भी सरकार ने नहीं दिया था, उन्हें अपने पूर्ववर्ती सरकारों के नेताओं से सवाल करना चाहिए चाहे मुद्दा राजस्थान की सरकार का हो या फिर मध्य प्रदेश, राजस्थान में खुद कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं को संभाल नहीं पा रही और सवाल बीजेपी से कर रही है.

नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 22 सितंबर से पहले शुरू हो सकता है. संसद का सत्र कोविड की वजह से 23 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. जबकि निर्धारित समय के अनुसार सत्र 3 अप्रैल तक चलना था. वहीं संसद का सत्र अगस्त के आखिरी हफ्ते में शुरू हो सकता है, लेकिन कुछ और देर से शुरू होने की संभावनाएं जताई जा रही है.

शिव प्रताप शुक्ला से विशेष बातचीत
आने वाले मानसून सत्र के लिए सरकार और लोकसभा, राज्यसभा सचिवालय पूरी तरह से तैयारी में जुट गया है. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला लगातार सचिवालय के अधिकारियों के साथ सदस्यों को बैठाने और दोनों सदनों की बैठक एक साथ चल सके इन विकल्पों पर लगातार चर्चा कर रहे हैं.

खबरें यह भी आ रही है कि संसद का सत्र अलग-अलग दिन यानी राज्यसभा और लोकसभा अलग-अलग बैठेगी ऐसा ना होकर दोनों सदनों की बैठक एक साथ चल सके ऐसी व्यवस्था संसद सचिवालय के माध्यम से की जा रही है. सूत्रों की मानें तो सांसदों के बैठने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार चल रहा है. दोनों सदनों की गैलरी में साथ ही सेंट्रल हॉल में और पुस्तकालय भवन के बाल योगी सभागार में भी बैठने की व्यवस्था की जा सकती है.

सत्र की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन 22 सितंबर से पहले होना अनिवार्य है. क्योंकि संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से अधिक समय का गैप नहीं हो सकता. संसद का बजट सत्र 23 मार्च को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था.

संसद के राज्यसभा और लोकसभा सचिवालय को आगामी मानसून सत्र के लिए जरूरी इंतजाम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिनमें सदस्यों की शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जा सके और वह प्रत्यक्ष रूप से भाग ले सकें. यही नहीं अधिकारियों को सूचित किया गया है कि दोनों सदनों की बैठक उनके संबंधित कार्यालय से ही संचालित किए जाने की संभावना है.

हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए संसद सत्र में क्या सभी सांसद या वरिष्ठ सांसद पहुंच पाएंगे? इस बात को लेकर सरकार और संसद सचिवालय के बीच अभी भी आशंकाएं बनी हुई हैं. कई राज्यों में अभी भी दिल्ली-मुंबई से जाने के बाद क्वारंटाइन का नियम लागू है और इस बात को लेकर तमाम सांसदों ने सभापति और लोकसभा अध्यक्ष से संबंधित सवाल किए हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय में प्रतिदिन सांसदों के सवालों का निपटारा किया जा रहा है और ज्यादातर सवाल महामारी में सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र से किस तरह संसद के सत्र में भाग लें और क्या उनके साथ क्वारंटाइन का नियम पालन किया जाएगा या फिर क्या वह वर्चुअल माध्यम से संसद की कार्रवाई में भाग ले सकते हैं.

एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि सांसदों के बीच कोविड-19 की महामारी का खौफ बहुत ज्यादा है और वह यात्रा करने से डर रहे हैं. खासतौर पर जो वरिष्ठ सांसद हैं उनकी सबसे ज्यादा समस्याएं हैं और दिल्ली में जिस तरह से कोरोना के मामले लगातार बढ़े हैं, इस बात को लेकर वरिष्ठ सांसद सबसे ज्यादा चिंतित हैं. हालांकि मॉनसून सत्र को लेकर सरकार की तरफ से फिलहाल कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन मानसून सत्र की बैठक को लेकर संसद के दोनों सदनों की तैयारी तेज है.

पढ़ें-जाधव मामले में पाक की अदालत ने तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया

इस संबंध में ईटीवी भारत से भाजपा के राज्यसभा के नवनियुक्त चीफ व्हीप शिव प्रताप शुक्ला ने बताया की विपक्ष का काम है सरकार पर सवाल उठाना और कभी-कभी ऐसे सवाल भी उठाती है जो बहुत ही हास्यास्पद होते हैं. किस तरह से नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोरोना की इस महामारी में भी देश के लिए अच्छा काम किया है, वह अत्यंत सराहनीय है. जहां तक सवाल चीन पर है चीन पर जब भी राहुल गांधी सवाल करते हैं तो उनके होमवर्क सही नहीं होते.

इससे पहले चीन को इस तरह का मुंहतोड़ जवाब किसी भी सरकार ने नहीं दिया था, उन्हें अपने पूर्ववर्ती सरकारों के नेताओं से सवाल करना चाहिए चाहे मुद्दा राजस्थान की सरकार का हो या फिर मध्य प्रदेश, राजस्थान में खुद कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं को संभाल नहीं पा रही और सवाल बीजेपी से कर रही है.

Last Updated : Aug 8, 2020, 9:00 PM IST
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