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PM मोदी की मंत्रियों को नसीहत - अयोध्या पर अनावश्यक बयानबाजी से बचें

अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने की संभावना है. इससे पहले पीएम मोदी ने मंत्रिपरिषद की बैठक की जिसमें उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में बेवजह बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. जानें क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने...

पीएम मोदी ( फाइल फोटो)
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Published : Nov 7, 2019, 8:49 AM IST

Updated : Nov 7, 2019, 9:58 AM IST

नई दिल्ली: अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से इस मुद्दे पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द बनाए रखने को कहा. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि यहां मंत्रिपरिषद की एक बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों से कहा कि देश में सौहार्द बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है. उन्होंने इस मुद्दे पर अनावश्यक बयानबाजी से बचने को कहा.

गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि उच्चतम न्यायालय अयोध्या मामले में इससे पहले अपना फैसला सुना सकता है.

बैठक में मोदी ने जोर देते हुए कहा कि फैसले को हार- जीत के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए.

मोदी के इस बयान से पहले सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं से राम मंदिर मुद्दे पर भावनात्मक या उकसाने वाले बयान देने से बचने के लिए कहा था. पार्टी ने शांति कायम रखने के लिये अपने सांसदों से अपने- अपने संसदीय क्षेत्रों में जाने को भी कहा था.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) ने भी कुछ दिन पहले अपने स्वयंसेवकों से इसी तरह की अपील की थी.

संघ के शीर्ष नेतृत्व ने 'प्रचारकों' की हालिया बैठक में कहा था कि अगर राम मंदिर का फैसला उनके पक्ष में आया, तो वे ना ही कोई जश्न मनाएं और ना ही जुलूस निकालें. गौरतलब है कि संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरूओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और उस दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि शीर्ष न्यायालय का फैसला चाहे जो भी हो न तो कोई जूनूनी जश्न होना चाहिए और न ही हार का हंगामा हो.

ये भी पढ़ें : 'नरसिम्हा राव ने खारिज कर दी थी अयोध्या पर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट'

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर यहां यह बैठक हुई.

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को 40 दिनों से चली आ रही सुनवाई पूरी करने के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. फैसला जल्द ही आन की उम्मीद है.

नई दिल्ली: अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से इस मुद्दे पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द बनाए रखने को कहा. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि यहां मंत्रिपरिषद की एक बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों से कहा कि देश में सौहार्द बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है. उन्होंने इस मुद्दे पर अनावश्यक बयानबाजी से बचने को कहा.

गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि उच्चतम न्यायालय अयोध्या मामले में इससे पहले अपना फैसला सुना सकता है.

बैठक में मोदी ने जोर देते हुए कहा कि फैसले को हार- जीत के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए.

मोदी के इस बयान से पहले सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं से राम मंदिर मुद्दे पर भावनात्मक या उकसाने वाले बयान देने से बचने के लिए कहा था. पार्टी ने शांति कायम रखने के लिये अपने सांसदों से अपने- अपने संसदीय क्षेत्रों में जाने को भी कहा था.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) ने भी कुछ दिन पहले अपने स्वयंसेवकों से इसी तरह की अपील की थी.

संघ के शीर्ष नेतृत्व ने 'प्रचारकों' की हालिया बैठक में कहा था कि अगर राम मंदिर का फैसला उनके पक्ष में आया, तो वे ना ही कोई जश्न मनाएं और ना ही जुलूस निकालें. गौरतलब है कि संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरूओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और उस दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि शीर्ष न्यायालय का फैसला चाहे जो भी हो न तो कोई जूनूनी जश्न होना चाहिए और न ही हार का हंगामा हो.

ये भी पढ़ें : 'नरसिम्हा राव ने खारिज कर दी थी अयोध्या पर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट'

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर यहां यह बैठक हुई.

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को 40 दिनों से चली आ रही सुनवाई पूरी करने के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. फैसला जल्द ही आन की उम्मीद है.

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PM-LD AYODHYA
Avoid unnecessary statements on Ayodhya, maintain harmony: PM to ministers

By Jatin Takkar
(Eds: Adding details)
         New Delhi, Nov 6 (PTI) Ahead of the Supreme Court verdict on the Ayodhya issue, Prime Minister Narendra Modi discussed the sensitive matter with his council of ministers here on Wednesday and asked them to refrain from making unnecessary statements on the subject and maintain harmony in the country, sources said.
         The prime minister made these remarks at a meeting of the council of ministers, while asserting the need to maintain an atmosphere of amity and harmony in the country.
         The Supreme Court is likely to deliver its verdict on the emotive Ayodhya issue before Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi retires on November 17.
         In the latest edition of his "Mann ki Baat" radio programme on October 27, Modi had recalled how the government, political parties and civil society prevented attempts to create fissures when the Allahabad High Court ruling on the disputed land in Ayodhya was to be delivered in 2010.
         He had described it as an example of how a united voice could strengthen the country.
         The prime minister told his council of ministers that they should refrain from making unnecessary remarks on the issue and maintain an atmosphere of amity and harmony, the sources told PTI.
         He also emphasised that the verdict should not be seen through the prism of victory and defeat, they added.
         The remarks of the prime minister came days after the ruling Bharatiya Janata Party (BJP) asked its workers and spokespersons to refrain from making emotive and provocative statements on the Ram temple issue. The party also told its MPs to visit their constituencies for maintaining calm.
         The ruling party's ideological mentor, the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS), issued a similar word of caution to its cadre a few days ago.
         The top brass of the Sangh, at its recent meeting of "pracharaks", had asked them not to celebrate or carry out processions if the Ram temple verdict was in their favour.
         Senior RSS and BJP leaders reached out to prominent Muslim clerics and intellectuals on Tuesday and held a meeting with them, during which it was stressed that irrespective of the nature of the court ruling, there should neither be "junooni jashn" (excessive celebration) nor "haar ka hungama" (brouhaha over defeat).
         The meeting was held at the residence of Union minister Mukhtar Abbas Naqvi here in the national capital.
         A five-judge Constitution bench, led by the CJI, reserved its verdict in the Ayodhya land dispute case on October 16 after a marathon 40-day hearing. PTI JTR NAB
RC
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Last Updated : Nov 7, 2019, 9:58 AM IST
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