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रियाद में 'दावोस इन द डेजर्ट' कार्यक्रम में PM मोदी का संबोधन

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Published : Oct 29, 2019, 2:53 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 10:22 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर हैं. आज शाम उन्होंने किंग सलमान से भेंट की. इससे पहले पीएम मोदी ने क्राउन प्रिंस समेत जॉर्डन के किंग और कई अन्य नेताओं से मुलाकात की. सऊदी में रियाद के एक समारोह में मोदी भारत के आर्थिक मुद्दों को लेकर एक अहम भाषण भी देंगे. पढ़ें पूरी खबर...

पीएम मोदी की फाइल फोटो

नई दिल्ली/रियाद : रियाद के रिट्ज कार्लटन (Ritz Carlton) में किंग अब्दुल अजीज कॉन्फ्रेंस सेंटर में सऊदी अरब के तीसरे फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) फोरम का आयोजन किया जाने वाला है.

इस तीन दिवसीय वैश्विक कार्यक्रम को 'दावोस इन द डेजर्ट' (Davos In The Desert) नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये संदेश देना है कि देश अब निवेश और पर्यटन के लिए बदल रहा है.

कार्यक्रम में शरीक होने वालों के लिए सऊदी अरब की ओर से संकेत है कि यह निवेश और पर्यटन के लिए वह अपनी नीतियों को बदल रहा है और नए निवेशकों के लिए खुल रहा है.

ये भी पढ़ें: रियाद में FII फोरम पर पीएम मोदी का संबोधन

सम्मलेन, जिसकी शुरुआत आज सुबह एशिया ओ, अल-रुमय्यान, जो पब्लिक इन्वेस्टमेंट फण्ड, जोकि सऊदी अरब का सोवेरिन वेल्थ फण्ड है, के गवर्नर के वक्तव्य से हुई, उसके तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कई समानांतर विषयगत सत्र हैं जिसमें भविष्य के आर्थिक रुझानों पर चर्चा, बहुध्रुवीय दुनिया में वैश्विक निवेश को पुनर्व्यवस्थित करके दीर्घकालिक निरंतर निवेश को स्थापित करने में संप्रभु धन निधि की भूमिका पर तथा और मुद्दों पर चर्चा होगी.

पीएम मोदी की सऊदी यात्रा पर जानकारी देतीं वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा

शीर्ष भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी आज सुबह एक पैनल का हिस्सा थे, जिसकी चर्चा का विषय था 'अगला दशक: आर्थिक महत्वाकांक्षा का एक नया युग वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आकार देगा.'

अगले साल जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले इस राज्य ने एक विजन 2030 की घोषणा की है – यह उत्तराधिकारी और युवराज मोहम्मद बिन सलमान की योजना है – जिसे आर्थिक परिवर्तन और अपने तेल पर आधारित अर्थव्यवस्था के विविधीकरण पर आधारित किया गया है.

2018 के एफ़आईआई सम्मेलन में सऊदी से असंतुष्ट वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की बीभत्स हत्या के कारण कई व्यापारियों और प्रमुख वैश्विक मीडिया घरानों ने दूरी बना ली थी. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान जो इस वर्ष शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए, 2018 में मुख्य वक्ताओं में से एक थे.

दिलचस्प बात यह है कि इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय समयानुसार रात 8.00 बजे समग्र अधिवेशन में अपना मुख्य भाषण देंगे.

मोदी सोमवार देर रात रियाद पहुंचे जहां हवाईअड्डे पर उनका गर्मजोशी स्वागत हुआ. मंगलवार को अपनी यात्रा के द्विपक्षीय क्षेत्र में किंग और क्राउन प्रिंस से मुलाकात की.

प्रधानमंत्री अपने भाषण में भारत की आर्थिक विकास, वैश्विक व्यापार और वित्तीय बाजारों पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव और वर्तमान विश्व वित्तीय रुझानों पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

ब्रिजवाटर एसोसिएट्स के संस्थापक और सह-अध्यक्ष और सह-मुख्य निवेश अधिकारी, रे डालियो के साथ बातचीत में, मोदी 'जनसांख्यिकीय, पर्यावरणीय और आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों को समान विकास और समृद्धि' के अवसरों में बदलने के बारे में चर्चा करेंगे.

पीएम मोदी ने 2016 में किंगडम की अपनी यात्रा के दौरान अधिक मजबूत रणनीतिक निवेश पर ध्यान केंद्रित किया था जब उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'किंग अब्दुल अजीज सैश' से सम्मानित किया गया था.

सऊदी साम्राज्य भारत, चीन, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान सहित आठ देशों के साथ ऊर्जा सुरक्षा और क्रेता-विक्रेता संबंध से आगे बढ़कर रणनीतिक साझेदारी कर रहा है.

पढ़ें : वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता जरूरी: मोदी

विदेश मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव टी एस तिरुमूर्ति ने यात्रा से पहले बताया, 'ऊर्जा के मुद्दे पर सऊदी अरब के साथ हमारा सहयोग और घनिष्ट हो गया है और दोनों पक्ष महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पश्चिमी तट पर रिफाइनरी के काम को आगे बढ़ाने और उसे अंतिम रूप देने के लिए तैयार हैं, जिसमें सऊदी के अरामको, यूएई के एडीएनओसी और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के निवेश शामिल होंगे. यह भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड रिफाइनरी होगी.'

आधिकारिक वार्ता के दौरान, आज दोनों पक्षों को सऊदी अरब में खुदरा दुकानों की स्थापना हेतु विपरीत सहयोग के लिए सऊदी अरब की अल-जरी कंपनी के साथ इंडियन ऑयल मिडल ईस्ट के बीच एक संयुक्त उद्यम पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है.

भारत वर्तमान में अपने राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश कोष में किंगडम के निवेश को अंतिम रूप दे रहा है. सुरक्षा, आतंकवाद निरोधी सहयोग इस द्विपक्षीय संबंध के महत्वपूर्ण आधार बन गए हैं. सऊदी अरब में 2.6 मिलियन भारतीय समुदाय रहता है जो सालाना लगभग 11 बिलियन अमरीकी डालर भारत भेजता है.

रूढ़िवादी साम्राज्य ने हाल ही में वैश्विक पर्यटन के लिए अपना दरवाजा खोला है और विदेशी महिला पर्यटकों के लिए वेशभूषा के दिशानिर्देशों में ढील दी है, जिन्हें अब अबाया या दुपट्टा ओढ़ने की आवश्यकता नहीं है. सऊदी को उम्मीद है कि यह धार्मिक तीर्थयात्रा संबंधों से परे भारत के पर्यटकों के लिए वह जल्द एक गंतव्य बनेगा.

नई दिल्ली/रियाद : रियाद के रिट्ज कार्लटन (Ritz Carlton) में किंग अब्दुल अजीज कॉन्फ्रेंस सेंटर में सऊदी अरब के तीसरे फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) फोरम का आयोजन किया जाने वाला है.

इस तीन दिवसीय वैश्विक कार्यक्रम को 'दावोस इन द डेजर्ट' (Davos In The Desert) नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये संदेश देना है कि देश अब निवेश और पर्यटन के लिए बदल रहा है.

कार्यक्रम में शरीक होने वालों के लिए सऊदी अरब की ओर से संकेत है कि यह निवेश और पर्यटन के लिए वह अपनी नीतियों को बदल रहा है और नए निवेशकों के लिए खुल रहा है.

ये भी पढ़ें: रियाद में FII फोरम पर पीएम मोदी का संबोधन

सम्मलेन, जिसकी शुरुआत आज सुबह एशिया ओ, अल-रुमय्यान, जो पब्लिक इन्वेस्टमेंट फण्ड, जोकि सऊदी अरब का सोवेरिन वेल्थ फण्ड है, के गवर्नर के वक्तव्य से हुई, उसके तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कई समानांतर विषयगत सत्र हैं जिसमें भविष्य के आर्थिक रुझानों पर चर्चा, बहुध्रुवीय दुनिया में वैश्विक निवेश को पुनर्व्यवस्थित करके दीर्घकालिक निरंतर निवेश को स्थापित करने में संप्रभु धन निधि की भूमिका पर तथा और मुद्दों पर चर्चा होगी.

पीएम मोदी की सऊदी यात्रा पर जानकारी देतीं वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा

शीर्ष भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी आज सुबह एक पैनल का हिस्सा थे, जिसकी चर्चा का विषय था 'अगला दशक: आर्थिक महत्वाकांक्षा का एक नया युग वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आकार देगा.'

अगले साल जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले इस राज्य ने एक विजन 2030 की घोषणा की है – यह उत्तराधिकारी और युवराज मोहम्मद बिन सलमान की योजना है – जिसे आर्थिक परिवर्तन और अपने तेल पर आधारित अर्थव्यवस्था के विविधीकरण पर आधारित किया गया है.

2018 के एफ़आईआई सम्मेलन में सऊदी से असंतुष्ट वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की बीभत्स हत्या के कारण कई व्यापारियों और प्रमुख वैश्विक मीडिया घरानों ने दूरी बना ली थी. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान जो इस वर्ष शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए, 2018 में मुख्य वक्ताओं में से एक थे.

दिलचस्प बात यह है कि इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय समयानुसार रात 8.00 बजे समग्र अधिवेशन में अपना मुख्य भाषण देंगे.

मोदी सोमवार देर रात रियाद पहुंचे जहां हवाईअड्डे पर उनका गर्मजोशी स्वागत हुआ. मंगलवार को अपनी यात्रा के द्विपक्षीय क्षेत्र में किंग और क्राउन प्रिंस से मुलाकात की.

प्रधानमंत्री अपने भाषण में भारत की आर्थिक विकास, वैश्विक व्यापार और वित्तीय बाजारों पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव और वर्तमान विश्व वित्तीय रुझानों पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

ब्रिजवाटर एसोसिएट्स के संस्थापक और सह-अध्यक्ष और सह-मुख्य निवेश अधिकारी, रे डालियो के साथ बातचीत में, मोदी 'जनसांख्यिकीय, पर्यावरणीय और आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों को समान विकास और समृद्धि' के अवसरों में बदलने के बारे में चर्चा करेंगे.

पीएम मोदी ने 2016 में किंगडम की अपनी यात्रा के दौरान अधिक मजबूत रणनीतिक निवेश पर ध्यान केंद्रित किया था जब उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'किंग अब्दुल अजीज सैश' से सम्मानित किया गया था.

सऊदी साम्राज्य भारत, चीन, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान सहित आठ देशों के साथ ऊर्जा सुरक्षा और क्रेता-विक्रेता संबंध से आगे बढ़कर रणनीतिक साझेदारी कर रहा है.

पढ़ें : वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता जरूरी: मोदी

विदेश मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव टी एस तिरुमूर्ति ने यात्रा से पहले बताया, 'ऊर्जा के मुद्दे पर सऊदी अरब के साथ हमारा सहयोग और घनिष्ट हो गया है और दोनों पक्ष महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पश्चिमी तट पर रिफाइनरी के काम को आगे बढ़ाने और उसे अंतिम रूप देने के लिए तैयार हैं, जिसमें सऊदी के अरामको, यूएई के एडीएनओसी और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के निवेश शामिल होंगे. यह भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड रिफाइनरी होगी.'

आधिकारिक वार्ता के दौरान, आज दोनों पक्षों को सऊदी अरब में खुदरा दुकानों की स्थापना हेतु विपरीत सहयोग के लिए सऊदी अरब की अल-जरी कंपनी के साथ इंडियन ऑयल मिडल ईस्ट के बीच एक संयुक्त उद्यम पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है.

भारत वर्तमान में अपने राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश कोष में किंगडम के निवेश को अंतिम रूप दे रहा है. सुरक्षा, आतंकवाद निरोधी सहयोग इस द्विपक्षीय संबंध के महत्वपूर्ण आधार बन गए हैं. सऊदी अरब में 2.6 मिलियन भारतीय समुदाय रहता है जो सालाना लगभग 11 बिलियन अमरीकी डालर भारत भेजता है.

रूढ़िवादी साम्राज्य ने हाल ही में वैश्विक पर्यटन के लिए अपना दरवाजा खोला है और विदेशी महिला पर्यटकों के लिए वेशभूषा के दिशानिर्देशों में ढील दी है, जिन्हें अब अबाया या दुपट्टा ओढ़ने की आवश्यकता नहीं है. सऊदी को उम्मीद है कि यह धार्मिक तीर्थयात्रा संबंधों से परे भारत के पर्यटकों के लिए वह जल्द एक गंतव्य बनेगा.

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Modi To Address Davos In The Desert As The Kingdom Woos Investments

The glitzy King Abdul Aziz Conference Center in the magnificent Ritz Carlton in Riyadh is playing host to the third Future Investment Initiative Forum in the Kingdom of Saudi Arabia (KSA). The three day global event popular as the ‘Davos In The Desert’ is the Kingdom’s signal to the international audience that it is changing and opening up for investments and tourism. The conference that kick started this morning with the opening remarks of Asia O, Al-Rumayyan, Governor of the Public Investment Fund which is the Sovereign Wealth Fund of KSA, has several parallel thematic sessions discussing future economic trends , the role of sovereign wealth funds in reshaping global investment for a long term to sustained investments in a multipolar world among others. Top Indian industrialist Mukesh Ambani was a part of a panel this morning that discusses ‘The next decade: How will a new era of economic ambition shape the global economy.’ The kingdom that will be hosting the G20 summit next year has laid out a Vision 2030 - the brainchild of the de-facto ruler Crown Prince Mohammad Bin Salman - towards economic transformation and diversification of its oil based economy. The 2018 FII conference saw several pullouts by elite businessmen and leading global media houses over the gruesome killing of Saudi dissident and Washington Post journalist Jamal Khashoggi. Pakistan Prime Minister Imran Khan who gave the summit a miss this year was among the keynote speakers in 2018. Interestingly this year Prime Minister Narendra Modi will deliver his keynote address at the plenary session at 5.30pm local time (8pm IST). Modi who landed in Riyadh late last night to a warm reception is today meeting The King and the Crown Prince in the bilateral segment of his visit. The Prime Minister will focus his speech on India’s economic growth, its long term implications on global business and financial markets, and current world financial trends. In conversation with Ray Dalio, the Founder and Co-Chairman and Co-Chief Investment Officer of Bridgewater Associates, Modi will also talk about the ‘strategies needed to turn demographic, environmental , and supply chain challenges into opportunities for equitable growth and prosperity’ domestically. PM Modi had focused on more robust strategic investment during his visit to the Kingdom in 2016 when he was conferred upon the highest civilian award King Abdul Aziz Sash. The Kingdom is forging strategic partnership with eight countries including India, China, the UK, the United States, France, Germany, South Korea and Japan going beyond energy security and buyer-seller relationship. “Our collaboration with Saudi Arabia on the energy front has intensified further and the two sides are set to finalise and move ahead on the west coast refinery in Raigad district of Maharashtra which will involve investments from Saudi’s Aramco, UAE’s ADNOC and Indian public sector oil companies. This will be the single largest Greenfield refinery in India,” said T S Tirumurti, Secretary Economic Relations in the Ministry of External Affairs ahead of the visit. During the official stalks today the two sides are also expected to sign a MoU on a joint venture between Indian Oil Middle East with Al-Jeri Company of Saudi Arabia for downstream cooperation for inter-alia setting up retail outlets in Saudi Arabia. India is also currently finalising the Kingdom’s investment in its National Infrastructure Investment Fund. Security, Counter Terrorism Cooperation have become important pillars of this bilateral relation. Saudi Arabia hosts a 2.6 million Indian community which sends back remittances to the tune of nearly 11 billion USD annually. The conservative Kingdom has recently opened its door for global tourism and has relaxed dressing guidelines for foreign female tourists who no longer need an abaya or head scarf. Saudi hopes it will be a destination for tourists from India as well beyond the religious pilgrimage ties. 


Conclusion:
Last Updated : Oct 29, 2019, 10:22 PM IST
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