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पीएम मोदी ने ट्रंप से मध्यस्थता की अपील नहीं की, राज्यसभा में विदेश मंत्री ने दिया बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के बाद भारत के प्रधानमंत्री विपक्षी पार्टियों के निशाने पर हैं. ट्रंप ने कहा है कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की अपील की है. हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप के बयान को खारिज किया है. जानें पूरा मामला

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Published : Jul 23, 2019, 12:46 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 5:08 PM IST

राज्यसभा में बोलते एस जयशंकर

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज राज्यसभा में केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की अपील नहीं की है.

गौरतलब है कि एस जयशंकर बतौर विदेश सचिव पीएम मोदी के साथ जी-20 शिखर सम्मेलन में गए थे. नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया है.

राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मैं राष्ट्रपति ट्रंप के बयान का स्पष्ट रूप से खंडन करता हूं. भारत के प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रपति से किसी भी तरह के मध्यस्थता की अपील नहीं की थी. उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे केवल द्विपक्षीय हैं.

राज्यसभा में एस जयशंकर का जवाब

जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी लंबित मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता होगी, ऐसा भारत का स्पष्ट रूख है. पाक के साथ किसी भी तरह के संबंध और व्यवसाय की पहली शर्त सीमा-पार आतंक का खात्मा है.

शिमला समझौते और लाहौर की घोषणा का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, इससे भारत-पाक के बीच तमाम मुद्दों का द्विपक्षीय समाधान करने का पर्याप्त आधार मिलता है. उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि मेरे विशिष्ट और स्पष्ट जवाब के बाद किसी भी तरह की शंका नहीं होनी चाहिए.

कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
इससे पहले सदन में कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पूरा देश स्तब्ध था जब बीती रात अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मदद मांगी है. बकौल शर्मा ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि पीएम मोदी ने ओसाका में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुझसे अपील की कि क्या आप कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता करेंगे?

राज्यसभा में बोलते आनंद शर्मा

पीएम इमरान खान और ट्रंप की मुलाकात का जिक्र करते हुए आनंद शर्मा मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि ट्रंप ने इमरान से कहा 'क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री ने मुझसे अपील की है, क्या आप सहमत हैं?'

ये भी पढ़ें: ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की पेशकश की

बकौल आनंद शर्मा, राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर सकारात्मक रूख दिखाया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और पीओके के प्रति भारत का रूख हमेशा एक और स्पष्ट रहा है. भारत की संसद ने पीओके और कश्मीर पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है.

खुद पीएम को देना चाहिए जवाब
शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे की संवेदनशीलता का हमें पूरा आभास है. भारत ऐसे मुद्दों पर हमेशा एक स्वर में बोलता है, लेकिन जब दुनिया के सबसे ताकतवर देश का मुखिया भारत की सरकार के प्रधानमंत्री के बारे में बात करते हैं, तो खुद प्रधानमंत्री को सदन में आकर जवाब देना चाहिए.

भारत-पाक के मुद्दे द्विपक्षीय रहे हैं
इसी मुद्दे पर तमिलनाडु के सीपीआई सांसद डी राजा ने भी नोटिस दिया था. उन्होंने कहा कि ये एक गंभीर मुद्दा है, और अभी तक कश्मीर समेत भारत-पाकिस्तान के बीच अन्य मुद्दे हमेशा से द्विपक्षीय रहे हैं.

राज्यसभा में बोलते डी राजा

डी राजा ने कहा, अब जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति मध्यस्थता जैसा बयान दिया है, तो खुद प्रधानमंत्री को सदन में जवाब देना चाहिए. उन्होंने पूछा कि क्या भारत सरकार की नीतियों में कोई बदलाव हुआ है? उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के बयान के बाद विदेश मंत्री का बयान पर्याप्त नहीं है.

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज राज्यसभा में केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की अपील नहीं की है.

गौरतलब है कि एस जयशंकर बतौर विदेश सचिव पीएम मोदी के साथ जी-20 शिखर सम्मेलन में गए थे. नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया है.

राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मैं राष्ट्रपति ट्रंप के बयान का स्पष्ट रूप से खंडन करता हूं. भारत के प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रपति से किसी भी तरह के मध्यस्थता की अपील नहीं की थी. उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे केवल द्विपक्षीय हैं.

राज्यसभा में एस जयशंकर का जवाब

जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी लंबित मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता होगी, ऐसा भारत का स्पष्ट रूख है. पाक के साथ किसी भी तरह के संबंध और व्यवसाय की पहली शर्त सीमा-पार आतंक का खात्मा है.

शिमला समझौते और लाहौर की घोषणा का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, इससे भारत-पाक के बीच तमाम मुद्दों का द्विपक्षीय समाधान करने का पर्याप्त आधार मिलता है. उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि मेरे विशिष्ट और स्पष्ट जवाब के बाद किसी भी तरह की शंका नहीं होनी चाहिए.

कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
इससे पहले सदन में कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पूरा देश स्तब्ध था जब बीती रात अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मदद मांगी है. बकौल शर्मा ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि पीएम मोदी ने ओसाका में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुझसे अपील की कि क्या आप कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता करेंगे?

राज्यसभा में बोलते आनंद शर्मा

पीएम इमरान खान और ट्रंप की मुलाकात का जिक्र करते हुए आनंद शर्मा मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि ट्रंप ने इमरान से कहा 'क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री ने मुझसे अपील की है, क्या आप सहमत हैं?'

ये भी पढ़ें: ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की पेशकश की

बकौल आनंद शर्मा, राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर सकारात्मक रूख दिखाया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और पीओके के प्रति भारत का रूख हमेशा एक और स्पष्ट रहा है. भारत की संसद ने पीओके और कश्मीर पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है.

खुद पीएम को देना चाहिए जवाब
शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे की संवेदनशीलता का हमें पूरा आभास है. भारत ऐसे मुद्दों पर हमेशा एक स्वर में बोलता है, लेकिन जब दुनिया के सबसे ताकतवर देश का मुखिया भारत की सरकार के प्रधानमंत्री के बारे में बात करते हैं, तो खुद प्रधानमंत्री को सदन में आकर जवाब देना चाहिए.

भारत-पाक के मुद्दे द्विपक्षीय रहे हैं
इसी मुद्दे पर तमिलनाडु के सीपीआई सांसद डी राजा ने भी नोटिस दिया था. उन्होंने कहा कि ये एक गंभीर मुद्दा है, और अभी तक कश्मीर समेत भारत-पाकिस्तान के बीच अन्य मुद्दे हमेशा से द्विपक्षीय रहे हैं.

राज्यसभा में बोलते डी राजा

डी राजा ने कहा, अब जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति मध्यस्थता जैसा बयान दिया है, तो खुद प्रधानमंत्री को सदन में जवाब देना चाहिए. उन्होंने पूछा कि क्या भारत सरकार की नीतियों में कोई बदलाव हुआ है? उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के बयान के बाद विदेश मंत्री का बयान पर्याप्त नहीं है.

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Last Updated : Jul 23, 2019, 5:08 PM IST
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