बैंकॉक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद प्रशांत सागर क्षेत्र में सुरक्षित समुद्री क्षेत्र बनाने के लिए नई पहल का प्रस्ताव रखा और संकेत दिया कि भारत उस क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है जहां चीन अपनी सैन्य ताकत का विस्तार कर रहा है.
मोदी ने चार नवंबर को 14वें पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में हिंद प्रशांत सागर की पहल का विचार रखा. पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन सुरक्षा संबंधी मामलों से निपटने के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र में अहम मंच है.
इसमें 10 आसियान देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं.
आसियान के वर्तमान अध्यक्ष थाईलैंड और आस्ट्रेलिया ने मोदी के प्रस्ताव का स्वागत किया है.
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विदेश मंत्रालय की सचिव (पूर्वी) विजय ठाकुर सिंह ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने समुद्री क्षेत्र का संरक्षण एवं उसका सतत प्रयोग करने और एक सुरक्षित समुद्री क्षेत्र बनाने के अर्थपूर्ण प्रयास करने के लिए हिंद प्रशांत सागर की पहल का प्रस्ताव रखा.'
उन्होंने कहा, 'इस पहल के तहत इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा उनमें समुद्री सुरक्षा बढ़ाने से लेकर समुद्री संसाधनों का सतत प्रयोग एवं संरक्षण ,क्षमता निर्माण और व्यापार एवं समुद्री परिवहन में मिलकर काम करने जैसे कई मामलों में रुचि रखने वाले देशों के साथ साझीदारी करना शामिल है.'
सिंह ने बताया कि यह पहल विकसित करने के लिए आस्ट्रेलिया ने भारत के साथ मिलकर काम करने की अपनी इच्छा पहले ही व्यक्त कर दी है.
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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अगले साल चेन्नई में समुद्री सुरक्षा पर ईएएस संगोष्ठी कराने का भी प्रस्ताव रखा. भारत लगातार इस बात का संकेत देता रहा है कि वह हिंद प्रशांत क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने का इच्छुक है.