चेन्नई: द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी सहित देश के कई शीर्ष नेताओं से फोन पर बात की और अखिल भारतीय कोटा में शामिल की गई मेडिकल सीटों में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए केंद्र पर दबाव बढ़ाने में उनका सहयोग मांगा.
सोनिया गांधी ने स्टालिन को लिखे पत्र में राज्य की आरक्षण नीति के मुताबिक, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटा के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों को आरक्षण देने के लिये अपना समर्थन व्यक्त किया.
स्टालिन ने सोनिया गांधी का पत्र अपने आधिकारिक ट्विटर अकांउट पर अपलोड कर दिया और उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया.
अपने पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने तीन जुलाई 2020 को केंद्र को एक पत्र लिखकर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में यूजी/पीजी चिकित्सा पाठ्यक्रमों में अखिल भारतीय आरक्षण के तहत ओबीसी उम्मीदवारों को आरक्षण देने का पुरजोर समर्थन किया था.
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार राज्य आरक्षण नीति के मुताबिक अखिल भारतीय आरक्षण के तहत ओबीसी आरक्षण प्रदान करने के बारे में विचार करेगी.
सोनिया गांधी ने कहा कि ओबीसी छात्रों को आरक्षण देने से इनकार जारी रखना उच्च शिक्षा में समता और समावेश की भावना का उल्लंघन है और यह प्रगतिशील सामाजिक न्याय की नीतियों को नुकसान पहुंचाने का खतरा पैदा करता है.
मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह मेडिकल प्रवेश के लिए तमिलनाडु द्वारा रखी गई अखिल भारतीय सीटों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन करे.
अदालत ने कहा था कि इस तरह की समिति में केंद्र, राज्य और भारतीय चिकित्सा परिषद के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए और इसका गठन तीन महीने के भीतर हो जाना चहिए.
स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद नेताओं से बात कर अखिल भारतीय कोटा में राज्य के योगदान वाली मेडिकल सीटों में ओबीसी आरक्षण शामिल करने और राज्य आरक्षण कानूनों को बरकरार रखने पर केंद्र से समिति की एक बैठक बुलाने का अनुरोध करने के लिए उनका समर्थन मांगा है.
उन्होंने भाकपा महासचिव डी राजा, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, राकांपा प्रमुख शरद पवार, बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा नेता अखिलेश यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेकां नेता उमर अब्दुल्ला से भी बात की.
द्रमुक अध्यक्ष ने गैर भाजपा और गैर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की, जिनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं.