नई दिल्ली : अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक लगातार दूसरे दिन मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए. जम्मू कश्मीर में अलगाववादी संगठनों और आतंकवादी समूहों के वित्त पोषण से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए एनआईए ने उन्हें नोटिस भेजा था.
अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक जम्मू कश्मीर में अलगाववादी संगठनों और आतंकवादी समूहों के वित्त पोषण से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए लगातार दूसरे दिन मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए.
अधिकारियों ने यहां बताया कि मीरवाइज पुलिस सुरक्षा में एनआईए मुख्यालय पहुंचे. उनसे अपनी ही पार्टी आवामी एक्शन समिति और हुर्रियत कांफ्रेंस के वित्त पोषण के मामले पर पूछताछ की जाएगी.
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मीरवाइज हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष हैं जो पूर्व में कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढने के लिए राजग और संप्रग सरकारों के साथ बातचीत में शामिल रही है.
एनआईए ने पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी को भी मंगलवार को तलब किया लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए या नहीं.
एनआईए की जांच आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण, सुरक्षाबलों पर पथराव, स्कूल जलाने और सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने के पीछे मौजूद लोगों की पहचान करने को लेकर है.
मामले में हाफिज सईद, पाकिस्तान स्थित जमात-उद-दावा को आरोपी बनाया गया है. इसमें सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के धड़े, हिज्बुल मुजाहिदीन और दुख्तरान-ए-मिल्लत जैसे संगठनों के नाम भी शामिल हैं.
एनआईए के समक्ष पेश होने से पहले हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख ने ट्वीट किया, ‘अपने सहयोगियों के साथ आज दिल्ली में एनआईए के समन के लिए. नेताओं को उनके राजनीतिक रुख के लिए बदनाम करने की कोशिश काम नहीं करेगी. हुर्रियत के उत्पीड़न के बावजूद कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान मांगते रहेंगे. लोगों से अनुरोध है कि घर जाकर शांति बनाए रखे.’
एनआईए ने 26 फरवरी को मीरवाइज समेत कई नेताओं के परिसरों पर छापे मारे थे.