नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान विनियमन कानून (एफसीआरए) के तहत गैर सरकारी संगठनों को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्रों की वैधता इस साल 31 मई तक बढ़ा दी है. इसका फायदा ऐसे एनजीओ को होगा जिनके पंजीकरण की मान्यता 29 सितंबर 2020 और 31 मई 2021 के बीच खत्म हो रही है.
एनजीओ को विदेशी रकम हासिल करने के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है. इस फैसले से हजारों एनजीओ और अन्य संगठनों को फायदा होने की संभावना है, जिनके पंजीकरण की वैधता 29 सितंबर के बाद खत्म हो गई थी.
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि एफसीआरए और कानून की धारा 12 (छह) के तहत दिए जाने वाले प्रमाणपत्र की वैधता जारी किए जाने से पांच साल तक के लिए वैध होगी.
पिछले साल इस कानून में संशोधन किया गया था और 29 सितंबर 2020 को इसे अधिसूचित किया गया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, संशोधित कानून के अमल में आने और इस कानून की धारा 50 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने जनहित में 29 सितंबर 2020 और 31 मई 2021 के बीच वैधता खत्म हो रहे प्रमाणपत्रों की मान्यता 31 मई 2021 तक कायम रहेगी.
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संशोधित कानून के मुताबिक एफसीआरए के तहत किसी संगठन को पंजीकरण के लिए एनजीओ के पदाधिकारी का आधार नंबर देना अनिवार्य बनाया गया है. कानून में कई और बदलाव भी किए गए थे.
एफसीआरए के तहत पंजीकृत एनजीओ को 2016-17 और 2018-19 के बीच 58,000 करोड़ रुपये से ज्यादा विदेशी चंदा मिला था. देश में करीब 22,400 एनजीओ हैं.