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जज लोया मौत मामला : 'महाराष्ट्र सरकार के पास दोबारा जांच कराने का विकल्प खुला'

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Published : Jan 9, 2020, 5:14 PM IST

Updated : Jan 9, 2020, 5:55 PM IST

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि सरकार के पास 2014 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की जांच दोबारा कराने का विकल्प खुला है. जानें पूरा विवरण...

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गृहमंत्री अनिल देशमुख और जज लोया

मुंबई : महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को कहा कि सरकार के पास 2014 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की जांच दोबारा कराने का विकल्प खुला है.

उल्लेखनीय है कि गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायामूर्ति लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में उस समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जब वह अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे.

देशमुख ने पत्रकारों से कहा, 'हमारी सरकार ने लोया मौत मामले की दोबारा जांच कराने का विकल्प खुला रखा है. कुछ लोग मामले को दोबारा खोलने की मांग को लेकर आज मुझसे मिल रहे हैं. अगर जरूरी हुई, तो दोबारा जांच कराई जाएगी.'

क्‍या है पूरा मामला

जज लोया सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई कर रहे थे. 2005 में सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर एक मुठभेड़ में मारे गए थे. इस मुठभेड़ को कई लोगों ने फर्जी बताया था. बाद में इस मामले में गवाह तुलसीराम की भी मौत हो गई. इस मामले में अमित शाह का नाम जुड़ा था.

विवाद होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुजरात से हटाकर महाराष्ट्र में स्थानान्तरित कर दिया था. इस मामले की सुनवाई पहले जो जज कर रहे थे, उन्होंने शाह के पेश नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की थी. बाद में उनका ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद जज लोया ने इस मामले की सुनवाई की.

दिसंबर 2014 को जज लोया की नागपुर में मौत हो गई.

उनकी मौत के बाद जिस जज ने सुनवाई की, उन्होंने अमित शाह को बरी कर दिया था.

मुंबई : महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को कहा कि सरकार के पास 2014 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की जांच दोबारा कराने का विकल्प खुला है.

उल्लेखनीय है कि गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायामूर्ति लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में उस समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जब वह अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे.

देशमुख ने पत्रकारों से कहा, 'हमारी सरकार ने लोया मौत मामले की दोबारा जांच कराने का विकल्प खुला रखा है. कुछ लोग मामले को दोबारा खोलने की मांग को लेकर आज मुझसे मिल रहे हैं. अगर जरूरी हुई, तो दोबारा जांच कराई जाएगी.'

क्‍या है पूरा मामला

जज लोया सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई कर रहे थे. 2005 में सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर एक मुठभेड़ में मारे गए थे. इस मुठभेड़ को कई लोगों ने फर्जी बताया था. बाद में इस मामले में गवाह तुलसीराम की भी मौत हो गई. इस मामले में अमित शाह का नाम जुड़ा था.

विवाद होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुजरात से हटाकर महाराष्ट्र में स्थानान्तरित कर दिया था. इस मामले की सुनवाई पहले जो जज कर रहे थे, उन्होंने शाह के पेश नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की थी. बाद में उनका ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद जज लोया ने इस मामले की सुनवाई की.

दिसंबर 2014 को जज लोया की नागपुर में मौत हो गई.

उनकी मौत के बाद जिस जज ने सुनवाई की, उन्होंने अमित शाह को बरी कर दिया था.

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महाराष्ट्र सरकार के पास न्यायाधीश लोया मौत मामले की दोबारा जांच कराने का विकल्प खुला : मंत्री

मुंबई : (भाषा) महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को कहा कि सरकार के पास 2014 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की जांच दोबारा कराने का विकल्प खुला है.



उल्लेखनीय है कि गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायामूर्ति लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में उस समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जब वह अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे.



देशमुख ने पत्रकारों से कहा, 'हमारी सरकार ने लोया मौत मामले की दोबारा जांच कराने का विकल्प खुला रखा है. कुछ लोग मामले को दोबारा खोलने की मांग को लेकर आज मुझसे मिल रहे हैं. अगर जरूरी हुई, तो दोबारा जांच कराई जाएगी.'


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Last Updated : Jan 9, 2020, 5:55 PM IST
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