नई दिल्ली : भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि सब जुडिस मामलों पर मीडिया द्वारा की गई टिप्पणी के मामलों पर गौर करने की जरूरत है. सब जुडिस वह मामले होते हैं, जो विचाराधीन हैं.
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की पीठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के अवमानना मामले की सुनवाई कर रही थी. यह मामला 2009 में भूषण द्वारा तहलका को दिए गए एक साक्षात्कार से जुड़ा है.
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सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने पीठ से कहा की अवमानना के मामलों में कानूनों को निर्धारित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज-कल मीडिया द्वारा लंबित मामलों पर की गई टिप्पणी न्यायाधीशों और जनता की धारणा को प्रभावित करती है.
इस दौरान उन्होंने बेल और राफेल पर छपे लेखों का उदाहरण भी दिया. इस मामले पर सुनवाई नवंबर के पहले सप्ताह में होगी.