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मायावती का बड़ा ऐलान: अकेले लड़ेंगे चुनाव, सपा-बसपा की राहें अलग

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सभी चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी.

अखिलेश और मायावती (फाइल फोटो)
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Published : Jun 24, 2019, 12:25 PM IST

नई दिल्ली/लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अपना समाजवादी पार्टी को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. ट्विटर पर मायावती ने लिखा कि पार्टी मूवमेंट के हित में अब बीएसपी आगे से होने वाले सभी छोटे बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर लड़ेगी.


मायावती ने अपनी ट्वीट में कहा बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली. इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था. फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था.


वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया.


मायावती ने गठबंधन पर लिखते हुए कहा कि 'लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी.'

पढ़ें: RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा और सपा ने अपने सभी आपसी मतभेद को भुलाकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया था.

नई दिल्ली/लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अपना समाजवादी पार्टी को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. ट्विटर पर मायावती ने लिखा कि पार्टी मूवमेंट के हित में अब बीएसपी आगे से होने वाले सभी छोटे बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर लड़ेगी.


मायावती ने अपनी ट्वीट में कहा बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली. इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था. फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था.


वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया.


मायावती ने गठबंधन पर लिखते हुए कहा कि 'लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी.'

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बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा और सपा ने अपने सभी आपसी मतभेद को भुलाकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया था.

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