मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला न्यायालय कोर्ट ने बुधवार को राजस्थान के भरतपुर जिले के बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में डीएसपी समेत 11 पुलिसकर्मियों को सजा का एलान किया. जिला न्यायालय कोर्ट ने डीएसपी समेत 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है. राजा मानसिंह हत्याकांड के दोषियों को 35 साल बाद सजा का एलान हुआ. इस दौरान जिला न्यायालय कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान 21 फरवरी 1985 को राजा मान सिंह समेत तीन लोगों की गोली मारकर हत्या हुई थी.
क्या था मामला?
21 फरवरी 1985 को राजस्थान में चुनाव प्रचार हो रहा था. डीग विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार राजा मानसिंह अपनी जोंगा जीप से चुनाव प्रचार के लिए लाल कुंडा चुनाव कार्यालय पहुंचे. इस बीच पुलिस ने उन्हें घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग की. इसमें राजा मानसिंह और उनके साथी सुमेर सिंह और हरि सिंह की मौत हो गई थी.
राजा मानसिंह के दामाद विजय सिंह सिरोही ने 23 फरवरी को राजा मानसिंह और दो अन्य लोगों की हत्या मामले में रिपोर्ट लिखवाई, जिसमें तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह और कई पुलिसकर्मी आरोपी थे. हत्या के मामले में जयपुर की सीबीआई की विशेष अदालत में मुकदमा चला. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा 1990 में मथुरा न्यायालय स्थानांतरण कर दिया गया.
20 फरवरी 1985 को राजा मानसिंह के खिलाफ राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलिकॉप्टर मंच तोड़ने की एफआईआर डींग थाने में दर्ज हुई थी. राजा मानसिंह हत्याकांड में सीबीआई द्वारा कुल 18 अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. इसमें 3 अभियुक्त कॉन्स्टेबल गनेकराम, कॉन्स्टेबल कुलदीप और सीताराम की मौत हो चुकी है, जबकि तत्कालीन सीओ गाड़ी चालक वीरेंद्र सिंह को जिला न्यायालय कोर्ट ने बरी कर दिया है.
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