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गाय तस्कर हक से पैसे लेती हैं ममता बनर्जी

मुहम्मद इनामुल हक भारत-बांग्लादेश सीमा पर गाय तस्करी करने के लिए कुख्यात है. सन 2000 की शुरुआत से उसने तस्करी की दुनिया में अपनी पहचान बनाई. सीबीआई ने उसे पहली बार 2018 में गिरफ्तार किया, लेकिन उसे जमानत मिल गई. मामले की जांच जारी है मगर वह लापता हो गया है.

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Published : Oct 11, 2020, 7:42 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 8:10 PM IST

adhir and mamta
अधीर और ममता

कोलकाता : मुहम्मद इनामुल हक भारत-बांग्लादेश सीमा पर गाय तस्करी करने के लिए कुख्यात है. सन 2000 की शुरुआत से उसने तस्करी की दुनिया में अपनी पहचान बनाई. सीबीआई ने उसे पहली बार 2018 में गिरफ्तार किया, लेकिन उसे जमानत मिल गई. मामले की जांच जारी है, मगर वह लापता हो गया है. पश्चिम बंगाल स्थित अपने गृह जिला मुर्शिदाबाद में भी नहीं है, लेकिन गाय तस्करी का उसका सिंडिकेट सक्रिय है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि इनामुल हक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पैसे देता है. इसीलिए पकड़ा नहीं जाता.

सीबीआई जांच से भी पता चलता है टीएमसी नेता से संबंध

कोच्चि में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने कोलकाता से हक को 2018 में गिरफ्तार किया. उसे तिरुवनंतपुरम सीबीआई अदालत में पेश किया गया था. उस पर बीएसएफ कमांडेंट जीबू डी मैथ्यू को रिश्वत के रूप में 45.3 लाख देने का आरोप है. जीबू डी मैथ्यू को सीबीआई ने हक से पहले 2018 में ही गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई अधिकारियों ने उसके पास से 45.3 लाख रुपये भी बरामद किए थे. सीबीआई जांच से पता चलता है कि इनामुल का कोलकाता के टीएमसी नेता के साथ संबंध है. वह भाजपा के एक राष्ट्रीय नेता के बेटे से भी मिलता है, लेकिन यह कैसे संभव हो सकता है? स्थानीय लोगों का दावा है कि बगैर राजनीतिक प्रभाव के ऐसा होना संभव नहीं.

हर कोई जानता है इस मवेशी तस्करी के बारे में : अधीर रंजन

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि हर कोई इस गाय तस्करी के बारे में जानता है. सिंडिकेट अब तक सक्रिय है, लेकिन यह कैसे संभव हो सकता है? आपको क्या लगता है? वह सीएम ममता बनर्जी को भी दोषी ठहराते हैं. आप दीदी को बताएं, पैसा कहां जाता है? अधीर ने कहा कि आप अच्छी तरह जानते हैं कि यह पैसा टीएमसी नेताओं के घर जाता है. दीदी को भी पैसे मिलते हैं.

टीएमसी का आरोपों से इंकार, भाजपा पर आरोप

टीएमसी अधीर रंजन चौधरी के आरोपों से इंकार करती है. वो भाजपा नेताओं को दोषी ठहराते हैं. जिला टीएमसी अध्यक्ष अशोक दास का आरोप है कि रिश्वत भाजपा नेताओं को जाता है, लेकिन बीजेपी इन आरोपों से इंकार करती है. जिला प्रशासन और पुलिस की भूमिका क्या है? क्या वे इस बारे में नहीं जानते हैं? स्थानीय लोग इसके खिलाफ एक भी शब्द खर्च नहीं करना चाहते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि हक ने मुर्शिदाबाद के गरीब ग्रामीणों की मदद की है.

कोलकाता : मुहम्मद इनामुल हक भारत-बांग्लादेश सीमा पर गाय तस्करी करने के लिए कुख्यात है. सन 2000 की शुरुआत से उसने तस्करी की दुनिया में अपनी पहचान बनाई. सीबीआई ने उसे पहली बार 2018 में गिरफ्तार किया, लेकिन उसे जमानत मिल गई. मामले की जांच जारी है, मगर वह लापता हो गया है. पश्चिम बंगाल स्थित अपने गृह जिला मुर्शिदाबाद में भी नहीं है, लेकिन गाय तस्करी का उसका सिंडिकेट सक्रिय है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि इनामुल हक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पैसे देता है. इसीलिए पकड़ा नहीं जाता.

सीबीआई जांच से भी पता चलता है टीएमसी नेता से संबंध

कोच्चि में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने कोलकाता से हक को 2018 में गिरफ्तार किया. उसे तिरुवनंतपुरम सीबीआई अदालत में पेश किया गया था. उस पर बीएसएफ कमांडेंट जीबू डी मैथ्यू को रिश्वत के रूप में 45.3 लाख देने का आरोप है. जीबू डी मैथ्यू को सीबीआई ने हक से पहले 2018 में ही गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई अधिकारियों ने उसके पास से 45.3 लाख रुपये भी बरामद किए थे. सीबीआई जांच से पता चलता है कि इनामुल का कोलकाता के टीएमसी नेता के साथ संबंध है. वह भाजपा के एक राष्ट्रीय नेता के बेटे से भी मिलता है, लेकिन यह कैसे संभव हो सकता है? स्थानीय लोगों का दावा है कि बगैर राजनीतिक प्रभाव के ऐसा होना संभव नहीं.

हर कोई जानता है इस मवेशी तस्करी के बारे में : अधीर रंजन

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि हर कोई इस गाय तस्करी के बारे में जानता है. सिंडिकेट अब तक सक्रिय है, लेकिन यह कैसे संभव हो सकता है? आपको क्या लगता है? वह सीएम ममता बनर्जी को भी दोषी ठहराते हैं. आप दीदी को बताएं, पैसा कहां जाता है? अधीर ने कहा कि आप अच्छी तरह जानते हैं कि यह पैसा टीएमसी नेताओं के घर जाता है. दीदी को भी पैसे मिलते हैं.

टीएमसी का आरोपों से इंकार, भाजपा पर आरोप

टीएमसी अधीर रंजन चौधरी के आरोपों से इंकार करती है. वो भाजपा नेताओं को दोषी ठहराते हैं. जिला टीएमसी अध्यक्ष अशोक दास का आरोप है कि रिश्वत भाजपा नेताओं को जाता है, लेकिन बीजेपी इन आरोपों से इंकार करती है. जिला प्रशासन और पुलिस की भूमिका क्या है? क्या वे इस बारे में नहीं जानते हैं? स्थानीय लोग इसके खिलाफ एक भी शब्द खर्च नहीं करना चाहते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि हक ने मुर्शिदाबाद के गरीब ग्रामीणों की मदद की है.

Last Updated : Oct 11, 2020, 8:10 PM IST
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