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JNU हिंसा : ममता बोलीं- ये फासीवादी फर्जीकल स्ट्राइक है - jnu attack as fascist furgical strike

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने JNU में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे भाजपा की 'फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक' बताया. जानें पूरी खबर....

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ममता बनर्जी
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Published : Jan 6, 2020, 11:12 PM IST

कोलकाता/गंगासागर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में शिक्षकों और छात्रों पर हुए हमले को भाजपा की 'फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक' बताया. उनकी इस टिप्पणी का भगवा दल ने कड़ा विरोध किया और कहा कि बनर्जी को 'घड़ियाली आंसू' बहाना बंद करना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा कि उन्होंने एक छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, लेकिन शैक्षणिक संस्थान पर कभी ऐसा 'शर्मनाक हमला' नहीं देखा.

गंगासागर के लिये रवाना होने से पहले बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, 'देशभर में जो हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है.... एक समय मैं भी छात्र राजनीति का हिस्सा थी लेकिन छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों पर कभी ऐसा हमला नहीं देखा.'

उन्होंने कहा, 'यह लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला था. कल की घटना छात्र बिरादरी पर फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक थी.'

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है, उसे 'राष्ट्र विरोधी' या 'पाकिस्तानी' करार दे दिया जाता है.

बनर्जी ने कहा, 'भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमें प्रदर्शन करने का अधिकार है. उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले को देश का दुश्मन बता दिया जाता है. ऐसे कैसे किसी को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर राष्ट्र विरोधी या पाकिस्तानी होने का ठप्पा लगाया जा सकता है.'

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल सरकार के अधीन नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन आती है.

पढ़ें- JNU हिंसा : दिल्ली में निकला मशाल जुलूस, पुलिस बोली- मिला अहम सुराग

उन्होंने कहा, 'एक तरफ उन्होंने (भाजपा) गुंडे भेजे और दूसरी ओर उन्होंने पुलिस से कहा कि वह कोई कार्रवाई नहीं करे. ऐसे में पुलिस कर भी क्या सकती है, जब उच्च पदस्थ लोग उनसे कुछ न करने के लिए कहें.'

बाद में गंगासागर में कपिल मुनि मंदिर में पूजा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, 'देश का लोकतंत्र खतरे में है, संस्थानों की निष्पक्षता खतरे में हैं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है.'

बनर्जी ने कहा, 'बाहरी वहां (जेएनयू) क्यों गए और छात्रों व शिक्षकों को बेरहमी से पीटा ? यद्यपि प्रशासन उस समय मौजूद था लेकिन मैंने देखा कि कोई उन्हें बचाने नहीं आया.'

केंद्र पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह छात्रों, किसानों, युवकों, उद्योगपतियों और नागरिक संस्थाओं के सदस्यों की आवाज दबाना चाहती है.

उन्होंने कहा, 'अगर कोई दल सत्ता में आती है और देश के संस्थानों को नष्ट करती है तो देश आगे कैसे बढ़ेगा. यह देश के लिये खराब संदेश है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि इस बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को छात्रों और शिक्षकों से एकजुटता दिखाने के लिये जेएनयू पहुंचा था लेकिन उसे परिसर के अंदर जाने की इजाजत नहीं मिली.

बनर्जी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा कि उन्हें जेएनयू के छात्रों के लिये 'घड़ियाली आंसू' बहाने बंद करना चाहिए.

घोष ने कहा, 'पिछले वर्ष 19 सितंबर को जब यादवपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रीयो के साथ धक्का-मुक्की हुई थी, तब वह (बनर्जी) कहां थी? सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए वह प्रतिनिधिमंडल को भेज रही हैं. उन्होंने उन कॉलेजों में प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजे जहां बीते आठ साल में तृणमूल के कार्यकर्ता लूट-खसोट कर रहे थे.'

गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और रॉड से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी थी.

कोलकाता/गंगासागर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में शिक्षकों और छात्रों पर हुए हमले को भाजपा की 'फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक' बताया. उनकी इस टिप्पणी का भगवा दल ने कड़ा विरोध किया और कहा कि बनर्जी को 'घड़ियाली आंसू' बहाना बंद करना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा कि उन्होंने एक छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, लेकिन शैक्षणिक संस्थान पर कभी ऐसा 'शर्मनाक हमला' नहीं देखा.

गंगासागर के लिये रवाना होने से पहले बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, 'देशभर में जो हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है.... एक समय मैं भी छात्र राजनीति का हिस्सा थी लेकिन छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों पर कभी ऐसा हमला नहीं देखा.'

उन्होंने कहा, 'यह लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला था. कल की घटना छात्र बिरादरी पर फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक थी.'

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है, उसे 'राष्ट्र विरोधी' या 'पाकिस्तानी' करार दे दिया जाता है.

बनर्जी ने कहा, 'भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमें प्रदर्शन करने का अधिकार है. उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले को देश का दुश्मन बता दिया जाता है. ऐसे कैसे किसी को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर राष्ट्र विरोधी या पाकिस्तानी होने का ठप्पा लगाया जा सकता है.'

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल सरकार के अधीन नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन आती है.

पढ़ें- JNU हिंसा : दिल्ली में निकला मशाल जुलूस, पुलिस बोली- मिला अहम सुराग

उन्होंने कहा, 'एक तरफ उन्होंने (भाजपा) गुंडे भेजे और दूसरी ओर उन्होंने पुलिस से कहा कि वह कोई कार्रवाई नहीं करे. ऐसे में पुलिस कर भी क्या सकती है, जब उच्च पदस्थ लोग उनसे कुछ न करने के लिए कहें.'

बाद में गंगासागर में कपिल मुनि मंदिर में पूजा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, 'देश का लोकतंत्र खतरे में है, संस्थानों की निष्पक्षता खतरे में हैं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है.'

बनर्जी ने कहा, 'बाहरी वहां (जेएनयू) क्यों गए और छात्रों व शिक्षकों को बेरहमी से पीटा ? यद्यपि प्रशासन उस समय मौजूद था लेकिन मैंने देखा कि कोई उन्हें बचाने नहीं आया.'

केंद्र पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह छात्रों, किसानों, युवकों, उद्योगपतियों और नागरिक संस्थाओं के सदस्यों की आवाज दबाना चाहती है.

उन्होंने कहा, 'अगर कोई दल सत्ता में आती है और देश के संस्थानों को नष्ट करती है तो देश आगे कैसे बढ़ेगा. यह देश के लिये खराब संदेश है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि इस बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को छात्रों और शिक्षकों से एकजुटता दिखाने के लिये जेएनयू पहुंचा था लेकिन उसे परिसर के अंदर जाने की इजाजत नहीं मिली.

बनर्जी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा कि उन्हें जेएनयू के छात्रों के लिये 'घड़ियाली आंसू' बहाने बंद करना चाहिए.

घोष ने कहा, 'पिछले वर्ष 19 सितंबर को जब यादवपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रीयो के साथ धक्का-मुक्की हुई थी, तब वह (बनर्जी) कहां थी? सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए वह प्रतिनिधिमंडल को भेज रही हैं. उन्होंने उन कॉलेजों में प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजे जहां बीते आठ साल में तृणमूल के कार्यकर्ता लूट-खसोट कर रहे थे.'

गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और रॉड से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी थी.

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PRI GEN NAT
.KOLKATA CAL28
WB-MAMATA-2NDLD JNU
Fascist surgical strike by BJP on students: Mamata on JNU row
         (Eds: With additional inputs)
         Kolkata/ Gangasagar (WB), Jan 6 (PTI) West Bengal
Chief Minister Mamata Banerjee on Monday termed the attack on
students and teachers at JNU as a "fascist surgical strike" by
the BJP, evoking sharp reactions from the saffron party, which
said she should stop shedding "crocodile tears".
         Banerjee, who is also the TMC supremo, said she had
begun her political career as a student leader but never
before witnessed such "brazen attack" on educational
institutes.
         "Whatever is happening across the country is very
disturbing... I, too, was involved in student politics at one
point in time, but never have I witnessed this sort of an
attack on students and educational institutions...
         "It was a planned attack on democracy. Yesterday's was
a fascist surgical strike on the student community," Banerjee
told reporters, before leaving for Gangasagar.
         Whoever raised voice against the BJP was dubbed "anti
national" or a Pakistani", she claimed.
         "India is a democracy and we have our right to
protest. Anyone who speaks against them is branded an enemy of
the state. In a democracy, how can someone be branded anti-
national or Pakistani for protesting against the government,"
Banerjee questioned.
         The Delhi Police is not under the Arvind Kejriwal
dispensation, it is under the central government, she said.
         "On one hand, they (BJP) have sent goons, and, on the
other, they have asked the police to not to take any action.
What could police do if they are asked by their higher ups to
stay put?" she said.
         Later in the day, while talking to reporters at
Gangasagar after offering puja at the Kapil Muni Temple,
Banerjee said, "The country's democracy is in danger,
impartiality of institutions is in danger, freedom of
expression is in danger.
         "Why did outsiders go there (JNU) and beat up students
and teachers mercilessly? Though the administration was
present at the time, I have seen that nobody rescued them."
         Hitting out at the central government, the chief
minister said it is trying to muzzle the voices of students,
farmers, youths, industrialists and civil society members.
         "If a party comes to power and destroys the country's
institutions, how can the country move ahead. It is a bad
message for the country," she said.
         Meanwhile, the four-member Trinamool Congress (TMC)
delegation that went to JNU on Monday to express solidarity
with the students and teachers, was not allowed inside the
campus, she alleged.
         "The TMC delegation was not allowed to enter the
campus. It is not important whether they were allowed to visit
the campus or not. The intension is clear, they don't want
the truth to come out, so we were not allowed. We are with the
students," Banerjee said.
         Reacting to Banerjee's comments, West Bengal BJP
president Dilip Ghosh said, Banerjee should stop shedding
"crocodile tears" for the students of JNU.
         "Where was she when Union minister Babul Supriyo was
heckled on Jadavpur University campus on September 19 (last
year)? Just to score some political points, she is sending a
delegation. Why didn't she send a delegation to those colleges
which were ransacked by TMCP activists over the past eight
years," he said.
         Violence broke out at Delhi's Jawarharlal Nehru
University on Sunday night, as masked men armed with sticks
and rods attacked students and teachers, and damaged
properties on the campus, prompting the administration to call
in the police. PTI PNT/BDC
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