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केरल के प्रसिद्ध कवि अक्किथम अच्युतन को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार - साहित्यिक पुरस्कार

2020 का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रख्यात मलयालम कवि अक्किथम को दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार मलयालम साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है. केरल के पलक्कड़ के मूल निवासी अक्किथम ने मलयालम भाषा में 43 से अधिक रचनाएं की हैं. जानें विस्तार से...

malayalam poet akkitham achuthan
कवि अक्किथम अच्युतन
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Published : Sep 24, 2020, 5:43 PM IST

Updated : Sep 24, 2020, 7:23 PM IST

तिरुवनंतपुरम : प्रख्यात मलयालम कवि अक्किथम अच्युतन नंबूतिरी ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. गुरुवार को केरल के संस्कृति मंत्री ए.के. बालन अक्किथम के निवास स्थान देवयानम पहुंचे और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया. राज्य सचिवालय में अपने कार्यालय से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 93 वर्षीय अक्किथम अच्युतन के जीवन और कार्यों की सराहना की.

अक्किथम अच्युतन इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले छठे केरलवासी हैं. अक्किथम की रचनाओं में इरुपथम नुट्टिंटि इतिहासम, बालीदरशणम और धर्म सूर्यन शामिल हैं.

malayalam poet akkitham achuthan
कवि अक्किथम अच्युतन

पढ़ें : मलयालम कवि अक्किथम को 2019 का ज्ञानपीठ पुरस्कार

इसके अलावा 45 से अधिक कविताएं, नाटक और लघुकथा शामिल हैं. ज्ञानपीठ सम्मान के लिए उनका चयन पिछले साल ही हुआ था. अक्किथम को 2017 में भारत सरकार के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था.

जानें क्या होता है ज्ञानपीठ पुरस्कार

ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास की ओर से भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है. 1961 में भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक साहू शांति प्रसाद जैन के पचासवें जन्म दिवस पर इसकी शुरुआत हुई. 1961 के बाद पुरस्कार के स्वरूप का निर्धारण करने के लिए गोष्ठियां होती रहीं और 1965 में पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार का निर्णय लिया गया. बता दें कि साल 1965 में पहला पुरस्कार जी शंकर कुरुप (मलयालम) को दिया गया. भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो, उसे यह पुरस्कार दिया जाता है. पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है.

तिरुवनंतपुरम : प्रख्यात मलयालम कवि अक्किथम अच्युतन नंबूतिरी ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. गुरुवार को केरल के संस्कृति मंत्री ए.के. बालन अक्किथम के निवास स्थान देवयानम पहुंचे और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया. राज्य सचिवालय में अपने कार्यालय से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 93 वर्षीय अक्किथम अच्युतन के जीवन और कार्यों की सराहना की.

अक्किथम अच्युतन इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले छठे केरलवासी हैं. अक्किथम की रचनाओं में इरुपथम नुट्टिंटि इतिहासम, बालीदरशणम और धर्म सूर्यन शामिल हैं.

malayalam poet akkitham achuthan
कवि अक्किथम अच्युतन

पढ़ें : मलयालम कवि अक्किथम को 2019 का ज्ञानपीठ पुरस्कार

इसके अलावा 45 से अधिक कविताएं, नाटक और लघुकथा शामिल हैं. ज्ञानपीठ सम्मान के लिए उनका चयन पिछले साल ही हुआ था. अक्किथम को 2017 में भारत सरकार के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था.

जानें क्या होता है ज्ञानपीठ पुरस्कार

ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास की ओर से भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है. 1961 में भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक साहू शांति प्रसाद जैन के पचासवें जन्म दिवस पर इसकी शुरुआत हुई. 1961 के बाद पुरस्कार के स्वरूप का निर्धारण करने के लिए गोष्ठियां होती रहीं और 1965 में पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार का निर्णय लिया गया. बता दें कि साल 1965 में पहला पुरस्कार जी शंकर कुरुप (मलयालम) को दिया गया. भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो, उसे यह पुरस्कार दिया जाता है. पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है.

Last Updated : Sep 24, 2020, 7:23 PM IST
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