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फिर चक्रवाती तूफान का खतरा, मचा सकता है तबाही - निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव के कारण 11 से 13 अक्टूबर के बीच ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में वर्षा की गतिविधि बढ़ने की संभावना है.

Low pressure area
भारत मौसम विज्ञान विभाग
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Published : Oct 5, 2020, 12:01 PM IST

Updated : Oct 5, 2020, 12:27 PM IST

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने रविवार को कहा कि नौ अक्टूबर को उत्तरी अंडमान सागर में एक नये कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है. प्रभाग ने बताया कि यह आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट की ओर बढ़ रहा है.

प्रभाग ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र बनने से 11 से 13 अक्टूबर के दौरान ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में वर्षा होने की संभावना है. कम दबाव वाला क्षेत्र किसी भी चक्रवात का पहला चरण है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक कम दबाव का क्षेत्र एक चक्रवाती तूफान में बदल जाये.अक्टूबर में अक्सर बंगाल की खाड़ी में चक्रवात आते है.

फैलिन और हुदहुद तूफान
वर्ष 2013 और 2014 के अक्टूबर में 'फैलिन' और 'हुदहुद' तूफान देखने को मिले थे जिन्होंने ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों पर दस्तक दी थी. विभाग ने बताया कि उत्तरी अंडमान सागर और इससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में नौ अक्टूबर के आसपास एक नये कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.

पढ़ें: सिक्किम में भूस्खलन में एक की मौत, तीन घायल

कम दबाव वाले क्षेत्र में निगरानी जारी
भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि हम इसकी (कम दबाव क्षेत्र) निगरानी कर रहे हैं. एक मौजूदा कम दबाव क्षेत्र बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी और आसपास के ओडिशा तट पर है.

चक्रवाती परिसंचरण
विभाग ने कहा कि हालांकि, इससे जुड़े चक्रवाती परिसंचरण के छह अक्टूबर को दक्षिण छत्तीसगढ़ की ओर मुड़ने और सात अक्टूबर तक सक्रिय रहने की संभावना है.

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने रविवार को कहा कि नौ अक्टूबर को उत्तरी अंडमान सागर में एक नये कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है. प्रभाग ने बताया कि यह आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट की ओर बढ़ रहा है.

प्रभाग ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र बनने से 11 से 13 अक्टूबर के दौरान ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में वर्षा होने की संभावना है. कम दबाव वाला क्षेत्र किसी भी चक्रवात का पहला चरण है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक कम दबाव का क्षेत्र एक चक्रवाती तूफान में बदल जाये.अक्टूबर में अक्सर बंगाल की खाड़ी में चक्रवात आते है.

फैलिन और हुदहुद तूफान
वर्ष 2013 और 2014 के अक्टूबर में 'फैलिन' और 'हुदहुद' तूफान देखने को मिले थे जिन्होंने ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों पर दस्तक दी थी. विभाग ने बताया कि उत्तरी अंडमान सागर और इससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में नौ अक्टूबर के आसपास एक नये कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.

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कम दबाव वाले क्षेत्र में निगरानी जारी
भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि हम इसकी (कम दबाव क्षेत्र) निगरानी कर रहे हैं. एक मौजूदा कम दबाव क्षेत्र बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी और आसपास के ओडिशा तट पर है.

चक्रवाती परिसंचरण
विभाग ने कहा कि हालांकि, इससे जुड़े चक्रवाती परिसंचरण के छह अक्टूबर को दक्षिण छत्तीसगढ़ की ओर मुड़ने और सात अक्टूबर तक सक्रिय रहने की संभावना है.

Last Updated : Oct 5, 2020, 12:27 PM IST
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