दावणगेरे : कुत्तों को इंसानों का सबसे वफादार दोस्त कहा जाता है. आपने इंसानों और कुत्तों की मित्रता के कई किस्से सुने होंगे. लेकिन आज हम आपको 'लेडी सिंघम' यानी 'तुंगा' नाम की खोजी कुतिया की विशेषता बताएंगे. इस स्निफर फीमेल डॉग के नाम से ही आरोपियों के पांव थर-थर कांपने लग जाते हैं. तुंगा आरोपियों के पसीने की गंध से ही उसका पता लगा लेती है. इसकी सूंघने की शक्ति जबर्दस्त है, यह 'लेडी सिंघम' डॉग एक बार में करीब 2,363 इत्रों की महक का पता लगा सकती है.
दावणगेरे पुलिस विभाग ने 'तुंगा' को तीन महीने की उम्र से पाला है. उसे नौ महीने के प्रशिक्षण के बाद 2011 में बुचेनगर लाया गया था. यह एक अमेरिकी कुतिया है. हमेशा से ही पुलिस विभाग में तुंगा का विशेष योगदान रहा है. इस फीमेल डॉग का ट्रैक रिकॉर्ड भी शानदार है. जिसे सुन कर आप भी दंग रह जाएंगे. तुंगा अब तक हत्या के 30 तथा चोरी व डकैती के 30 मामलों को पकड़ने में पुलिस की मदद कर चुकी है.
पढ़ें - जानवर कौन?...राजस्थान में कुल्हाड़ी से काट डाले ऊंटनी के पैर
तुंगा को विशेष काम करने के लिए विशेष खाना भी दिया जाता है. इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रधान कांस्टेबल प्रकाश लोहित और के. वेंकटेश पर है. सुबह तुंगा को पौष्टिक भोजन जैसे रवे से बना हुआ भोजन, दूध, अंडे और शाही खाना दिया जाता है. शाम को तुंगा को एक किलो मांस और सब्जियों सहित विभिन्न प्रकार के भोजन दिए जाते हैं.