नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद हत्या के एक आरोपी से मिलने के लिए उसकी प्रेमिका जेल में घुस गई. एनजीओ कर्मचारी बनकर उसने अपने प्रेमी के साथ कई घंटे बिताए. तिहाड़ प्रशासन ने महिला की कोई जांच नहीं की. चार दिन बाद उन्हें महिला की सच्चाई का पता चला.
सुरक्षा में बड़ी चूक
तिहाड़ प्रशासन ने इस मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं. रिपोर्ट आने पर कई लोगों के ऊपर गाज गिर सकती है. जानकारी के अनुसार तिहाड़ जेल में एक महिला एनजीओ की कर्मचारी बनकर पिछले कुछ दिनों से जा रही थी. वह एनजीओ कर्मचारी बनकर तिहाड़ जेल में दाखिल हो गई और कई दिनों तक वहां बंद अपने बॉयफ्रेंड से मिली. जेल प्रशासन की तरफ से इस दैरान महिला के बारे में कोई पूछताछ नहीं की गई. बिना जांच किए ही महिला को अंदर जाने दिया गया. यह तिहाड़ की सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है.
मेट्रीमोनियल वेबसाइट से हुई दोस्ती
सूत्रों के अनुसार महिला पहले से विवाहित है और पहले पति से उसकी एक बेटी है. उसका बॉयफ्रेंड हेमंत हत्या के एक मामले में जेल में बंद है. एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए उसकी दोस्ती इस महिला से हुई थी. उसने प्रोफाइल में खुद को तिहाड़ जेल का कर्मचारी बताया था. बीते जुलाई माह में वह 26 दिन की पैरोल पर जाकर उससे मिला था. पैरोल खत्म होने पर वह जेल संख्या दो में लौट आया था.
अधिकारी के दफ्तर में की मुलाकात
आरोपी के जेल लौटने के बाद महिला उससे मिलना चाहती थी. वह तिहाड़ जेल पहुंची और खुद को एनजीओ का सदस्य बताकर अंदर दाखिल हो गई. वह जेल सुपरिटेंडेंट के दफ्तर में कई घंटों तक उससे मिली. इस
दौरान किसी ने भी महिला के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास नहीं किया. जेल प्रशासन ने जब एनजीओ से संपर्क किया तो पता चला कि इस नाम की कोई महिला उनके साथ काम नहीं कर रही है.
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जेल प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
घटना को लेकर तिहाड़ के अधिकारियों का कहना है कि इस बाबत जांच के आदेश दिए गए हैं. यह जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है कि किसकी लापरवाही से ऐसा हुआ है. गलती पाए जाने पर उस कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.