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कश्मीर मुद्दा :  भविष्य में भारत-चीन के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता पर संशय

चीन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई मौकों पर पाक को समर्थन देते हुए कश्मीर का मुद्दा उठा चुका है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत की यात्रा करने वाले हैं. हालांकि, जिनपिंग के भारत में कश्मीर मुद्दा उठाए जाने की संभावना कम है लेकिन फिर भी भारत, चीन के स्टैंड पर नजर बनाए हुए है.

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Published : Oct 7, 2019, 10:38 PM IST

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नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आएंगे. इससे पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान चीन का दौरा करेंगे. विशेषज्ञों की नजर में चूंकि जिनपिंग भारत आने वाले हैं इसलिए पाक पीएम अपनी चीन यात्रा के दौरान जिनपिंग के समक्ष कश्मीर मामले का मुद्दा उठाएंगे.

इस मुद्दे पर ऑब्सर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के निदेशक प्रो. हर्ष पंत ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने दावा किया कि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ले जाने के कारण चीन पहले वुहान स्पिरिट (Wuhan Spirit) वाली छवि को नुकसान पहुंचा लिया है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे उठाने की संभावना को पूरी तरह से नकारा है. इस पर पंत ने कहा कि भले ही जिनपिंग इस मुद्दे को भारत में नहीं उठाते हैं, लेकिन पीछे से चीन पाक को समर्थन भी दे रहा है.

प्रो हर्ष पंत से बातचीत

उन्होंने कहा, 'विश्व स्तर पर पाकिस्तान के बहुत कम समर्थक बचे हैं. चीन आज भी अपना पाक को समर्थन दे रहा है. चीन कश्मीर मुद्दे को यूएनएससी में ले गया. इससे साबित होता है कि दोनों ही कश्मीर मुद्दे पर एक ही राय रखते हैं.

पढ़ें-CPEC परियोजनाओं पर चीन के साथ वार्ता करेंगे इमरान खान

बता दें, वुहान में पिछले साल अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था, जिसमें पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने हर साल बैठक करने का फैसला किया था. हालांकि, चीन के पाक को लगातार समर्थन को देखते हुए लगता है कि आगे ऐसे शिखर सम्मेलन होने की संभावना कम है.

नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आएंगे. इससे पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान चीन का दौरा करेंगे. विशेषज्ञों की नजर में चूंकि जिनपिंग भारत आने वाले हैं इसलिए पाक पीएम अपनी चीन यात्रा के दौरान जिनपिंग के समक्ष कश्मीर मामले का मुद्दा उठाएंगे.

इस मुद्दे पर ऑब्सर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के निदेशक प्रो. हर्ष पंत ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने दावा किया कि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ले जाने के कारण चीन पहले वुहान स्पिरिट (Wuhan Spirit) वाली छवि को नुकसान पहुंचा लिया है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे उठाने की संभावना को पूरी तरह से नकारा है. इस पर पंत ने कहा कि भले ही जिनपिंग इस मुद्दे को भारत में नहीं उठाते हैं, लेकिन पीछे से चीन पाक को समर्थन भी दे रहा है.

प्रो हर्ष पंत से बातचीत

उन्होंने कहा, 'विश्व स्तर पर पाकिस्तान के बहुत कम समर्थक बचे हैं. चीन आज भी अपना पाक को समर्थन दे रहा है. चीन कश्मीर मुद्दे को यूएनएससी में ले गया. इससे साबित होता है कि दोनों ही कश्मीर मुद्दे पर एक ही राय रखते हैं.

पढ़ें-CPEC परियोजनाओं पर चीन के साथ वार्ता करेंगे इमरान खान

बता दें, वुहान में पिछले साल अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था, जिसमें पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने हर साल बैठक करने का फैसला किया था. हालांकि, चीन के पाक को लगातार समर्थन को देखते हुए लगता है कि आगे ऐसे शिखर सम्मेलन होने की संभावना कम है.

Intro:New Delhi: Imran Khan's visit to Beijing comes at a critical point as Chinese President Xi Jingping will soon arrive in India for the second informal summit. Looking at Pakistani PM's track record, it is expected of him to bring the Kashmir matter for discussions before Xi Jingping.


Body:Amid all this, India will be closely observing China's position as it had already backed its all weather ally Pakistan on Kashmir matter on numerous occasions at world stage.

Speaking to ETV Bharat on this issue, the ORF's Director Research Prof Harsh Pant claimed that China by taking the Kashmir matter to United Nations Security Council has already dampened the so called Wuhan spirit.

On Chinese Foreign Ministry spokesperson which completely negated possibility of Kashmir issue being raised during President Xi's visit to India, Prof. Pant claimed that they might not raise this issue here but they will continue to provide to operational backing to them.


Conclusion:'Pakistan has very few supporters left at world stage. China continues remain its important backer. They took the Kashmir issue all the way to the United Nations Security Council. So, clearly both China and Pakistan look at this issue with similar lens,' ORF Director Research.

Post Wuhan informal summit last year, both PM Modi and Chinese President decided to keep meeting every year. But as China's continues to support its all weather ally Pakistan on Kashmir, possibilities of this informal summit yielding same results like Wuhan are pretty low.
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