मदुरै: महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के संदर्भ में दिये गये बयान पर विवादों में घिरे मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने बुधवार को कहा कि उन्होंने वही कहा है जो एक ऐतिहासिक सच था.
हासन ने मद्रास उच्च न्यायलय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. इससे पहले अदालत ने हासन की पूर्व याचिका पर गौर करने से इनकार कर दिया था जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी खारिज करने की अपील की थी.
मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति वी पुगलेंधी ने कहा कि प्राथमिकी रद्द करने की याचिकाओं को अवकाश के दौरान तत्काल सुनवाई की याचिकाओं के तौर पर नहीं लिया जा सकता.हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर अग्रिम जमानत याचिका दायर की जाती है तो उस पर सुनवाई हो सकती है.
बता दें कि मंगलवार को हासन के खिलाफ अरवाकुरिचि पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने और विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने से जुड़ी धारा 153ए और 295ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.
अपने बयान पर पहली बार प्रकिक्रिया देते हुए कमल हासन ने अपने विरोधियों से बस जायज आरोप लगाने को कहा है.
हासन ने मदुरै के समीप तिरूपुरकुंदरम में उप चुनाव के प्रचार के दौरान कहा,' मैं अरवाकुरिचि में जो कुछ कहा, उससे वे नाराज हो गये.मैंने जो कुछ कहा है वह ऐतिहासिक सच है. मैंने किसी को झगड़े के लिए नहीं उकसाया.
उन्होंने कहा कि विजय सच की होती है न कि जाति और धर्म की और मैंने ऐतिहासिक सच कहा है.
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हासन ने कहा, ' शब्द का अर्थ समझिए. मैं (गोडसे के खिलाफ) आतंकवादी या हत्यारा शब्द का इस्तेमाल कर सकता था.हम सक्रिय राजनीति में हैं, कोई हिंसा नहीं होगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाषण को चुनिंदा ढंग से संपादित किया गया .उन्होंने यह कहते हुए विरोधियों पर निशाना साधा कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप के लिए हमारे मीडिया के दोस्त भी जिम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा कि क्या मेरे आलोचक दिखा सकते हैं कि उनके बयान में कुछ ऐसा है जो हिंसा भड़का सकता है.
हासन ने कहा कि 'कह रहे हैं कि मैंनें हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई. मेरे परिवार में भी कई हिंदू हैं. मेरी बेटी भी हिंदू धर्म को मानती है.
हासन ने कहा, 'मुझे अपमानित करने के लिए मेरी विचारधारा का ढोल मत पीटिए. आपके हाथ कुछ नहीं आएगा. दरअसल, ईमानदारी मेरी विचारधारा का आधार है जबकि आपके साथ ऐसा नहीं है.'