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भीमा कोरेगांव केस : नवलखा की याचिका से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के एक और जज

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रविंद्र भट्ट भीमा कोरेगांव मामले की सुनवाई से अलग हो गए हैं. गुरुवार को जस्टिस भट्ट ने इस केस के आरोपी गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पहले ही इस मामले से अलग हो चुके हैं. जानें क्या है पूरा मामला...

फाइल फोटो
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Published : Oct 3, 2019, 8:20 PM IST

Updated : Oct 3, 2019, 9:04 PM IST

नई दिल्लीः प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट भी भीमा कोरेगांव मामले से अलग हो गए हैं. न्यायमूर्ति रविंद्र भट्ट ने भीमा कोरेगांव केस के आरोपी गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.

बता दें कि गौतम नवलखा दी गई अंतरिम सुरक्षा शुक्रवार को समाप्त हो जाएगी. CJI रंजन गोगोई और जस्टिस रविंद्र भट्ट के इस मामले से अलग होने के बाद अब दूसरी पीठ का गठन होगा.

नवलखा की याचिका गुरुवार को न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये आयी. यह मामला पेश होते ही न्यायमूर्ति भट्ट ने इसकी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया.

शुक्रवार को गौतम नवलखा की याचिका पर नई पीठ सुनवाई करेगी. नवलखा ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की है.

उच्च न्यायालय ने 2017 के कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में जनवरी, 2018 में गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने से 13 सितंबर को इंकार कर दिया था.

आपको बता दें, इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर रखी है ताकि उसका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश पारित नहीं किया जाये.

पढ़ें-पुणे पुलिस का दावा- गौतम नवलखा का हिजबुल मुजाहिदीन से संबंध था

इस मामले में नवलखा के साथ ही वरवरा राव, अरूण फरेरा, वर्णन गोन्साल्विज और सुधा भारद्वाज भी आरोपी हैं.

पुणे पुलिस ने 31 दिसंबर, 2017 को एलगार परिषद के बाद एक दिसंबर को कोरेगांव-भीमा में हुई कथित हिंसा के मामले में जनवरी, 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी.

गौरतलब है कि इस मामले में अब तक प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई समेत कुल पांच न्यायाधीशों ने खुद को सुनवाई करने से अलग कर लिया है.

(एक्सट्रा इनपुट-पीटीआई)

नई दिल्लीः प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट भी भीमा कोरेगांव मामले से अलग हो गए हैं. न्यायमूर्ति रविंद्र भट्ट ने भीमा कोरेगांव केस के आरोपी गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.

बता दें कि गौतम नवलखा दी गई अंतरिम सुरक्षा शुक्रवार को समाप्त हो जाएगी. CJI रंजन गोगोई और जस्टिस रविंद्र भट्ट के इस मामले से अलग होने के बाद अब दूसरी पीठ का गठन होगा.

नवलखा की याचिका गुरुवार को न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये आयी. यह मामला पेश होते ही न्यायमूर्ति भट्ट ने इसकी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया.

शुक्रवार को गौतम नवलखा की याचिका पर नई पीठ सुनवाई करेगी. नवलखा ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की है.

उच्च न्यायालय ने 2017 के कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में जनवरी, 2018 में गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने से 13 सितंबर को इंकार कर दिया था.

आपको बता दें, इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर रखी है ताकि उसका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश पारित नहीं किया जाये.

पढ़ें-पुणे पुलिस का दावा- गौतम नवलखा का हिजबुल मुजाहिदीन से संबंध था

इस मामले में नवलखा के साथ ही वरवरा राव, अरूण फरेरा, वर्णन गोन्साल्विज और सुधा भारद्वाज भी आरोपी हैं.

पुणे पुलिस ने 31 दिसंबर, 2017 को एलगार परिषद के बाद एक दिसंबर को कोरेगांव-भीमा में हुई कथित हिंसा के मामले में जनवरी, 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी.

गौरतलब है कि इस मामले में अब तक प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई समेत कुल पांच न्यायाधीशों ने खुद को सुनवाई करने से अलग कर लिया है.

(एक्सट्रा इनपुट-पीटीआई)

Intro:After the 4 judges, including the Chief Justice of India Ranjan Gogoi, recused from hearing Bhima Koregaon case's accused Gautam Navalekha petitio , Justice S Ravidra Bhat also recused from hearing his case today. Interim protection granted to Navalekha will expire tomorrow.


Body:Now tomorrow a different bench will hear his petition seeking to quash the FIR against him and over turn the Bombay High Court's order.

Now total of 5 judges have recused from hearing his case till now.


Conclusion:
Last Updated : Oct 3, 2019, 9:04 PM IST
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