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जम्मू कश्मीर : 21 वर्षीय जुनैद अल्ताफ ने उपन्यास लिखा

जम्मू कश्मीर के परछू इलाके में रहने वाले 21 वर्षीय जुनैद अल्ताफ ने एक उपन्यास लिखा है, जो उन लोगों को प्रोत्साहन देगा, जो अपना ख्वाब पूरा न होने पर आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाते हैं.

उपन्यास
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Published : Oct 23, 2020, 7:48 PM IST

Updated : Oct 23, 2020, 7:59 PM IST

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पुलवामा शहर के परछू इलाके के जुनैद अल्ताफ ने अपना पहला उपन्यास लिखा है, जो सैकड़ों युवाओं को प्रभावित करने के लिए तैयार है. यह उपन्यास निराश युवाओं को हौसला देगा.

21 साल के जुनैद के अनुसार यह पुस्तक सैकड़ों युवाओं को प्रभावित करेगी. यह किताब उन लोगों को प्रोत्साहन देगी, जो अपने ख्वाब पूरा न होने के कारण कठोर कदम उठाते हैं. फिलहाल जुनैद अल्ताफ पुलवामा के गवर्नमेंट बॉयज डिग्री कॉलेज में पढ़ रहे हैं, और कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपनी किताब 'फाइब ऑफ ए ड्रीमर' रिलीज की थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ईटीवी इंडिया से बात करते हुए जुनैद ने कहा कि उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक है और पिछले एक साल में इस किताब को लिखा है, जो 110 पृष्ठों लंबी है.

उन्होंने आगे कहा कि उनकी किताब का मूस रूप से संदेश यह है कि कोई उम्मीद खत्म नहीं होती. अगर कोई ख्वाब पूरा नहीं होता, तो इंसान को निराश होकर कठोर कदम नहीं उठाने चाहिए.

पढ़ें - संशोधित पंचायती राज अधिनियम के तहत प्रथम डीडीसी का चुनाव होना लगभग तय

जुनैद का कहना है कि जम्मू कश्मीर में आत्महत्या के मामलों में इजाफा हो रहा है और अधिकतर लोग उस वक्त खुदकुशी करते हैं जब उनका ख्वाब पूरा नहीं हो पाता. परछू इलाके के जुनैद अल्ताफ का यह पहला उपन्यास है.

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पुलवामा शहर के परछू इलाके के जुनैद अल्ताफ ने अपना पहला उपन्यास लिखा है, जो सैकड़ों युवाओं को प्रभावित करने के लिए तैयार है. यह उपन्यास निराश युवाओं को हौसला देगा.

21 साल के जुनैद के अनुसार यह पुस्तक सैकड़ों युवाओं को प्रभावित करेगी. यह किताब उन लोगों को प्रोत्साहन देगी, जो अपने ख्वाब पूरा न होने के कारण कठोर कदम उठाते हैं. फिलहाल जुनैद अल्ताफ पुलवामा के गवर्नमेंट बॉयज डिग्री कॉलेज में पढ़ रहे हैं, और कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपनी किताब 'फाइब ऑफ ए ड्रीमर' रिलीज की थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ईटीवी इंडिया से बात करते हुए जुनैद ने कहा कि उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक है और पिछले एक साल में इस किताब को लिखा है, जो 110 पृष्ठों लंबी है.

उन्होंने आगे कहा कि उनकी किताब का मूस रूप से संदेश यह है कि कोई उम्मीद खत्म नहीं होती. अगर कोई ख्वाब पूरा नहीं होता, तो इंसान को निराश होकर कठोर कदम नहीं उठाने चाहिए.

पढ़ें - संशोधित पंचायती राज अधिनियम के तहत प्रथम डीडीसी का चुनाव होना लगभग तय

जुनैद का कहना है कि जम्मू कश्मीर में आत्महत्या के मामलों में इजाफा हो रहा है और अधिकतर लोग उस वक्त खुदकुशी करते हैं जब उनका ख्वाब पूरा नहीं हो पाता. परछू इलाके के जुनैद अल्ताफ का यह पहला उपन्यास है.

Last Updated : Oct 23, 2020, 7:59 PM IST
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